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समुद्र तल में मिला 8.5 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा, 6.6 करोड़ साल पहले हुई घटना का चला पता

अनुमान है कि यह घटना 66 मिलियन (6.6 करोड़) साल पहले हुई होगी। यह लगभग वही वक्‍त है, जब एक अन्‍य एस्‍टरॉयड ने पृथ्वी से टकराकर डायनासोर को खत्‍म कर दिया था।

समुद्र तल में मिला 8.5 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा, 6.6 करोड़ साल पहले हुई घटना का चला पता

गड्ढे की खोज एडिनबर्ग में हेरियट-वाट यूनिवर्सिटी के भूविज्ञानी डॉ. उस्डेन निकोलसन ने की।

ख़ास बातें
  • वैज्ञानिकों के निष्कर्ष ‘जर्नल साइंस एडवांस’ में पब्लिश हुए हैं
  • यह गड्ढा पश्चिम अफ्रीका के गिनी (Guinea) के तट से दूर मिला है
  • इस खोज की पुष्टि होना अभी बाकी है
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जब भी कोई एस्‍टरॉयड (asteroid) पृथ्‍वी के नजदीक से गुजरता है, तो वैज्ञानिक उसे मॉनिटर करते हैं। इसकी जरूरत भी है, क्‍योंकि पृथ्‍वी के लाखों-करोड़ों वर्षों के इतिहास में एस्‍टरॉयड हमारे ग्रह से टकराए हैं। धरती से डायनासोर का खात्‍मा भी एस्‍टरॉयड के पृथ्‍वी से टकराने के कारण हुआ। वैज्ञानिकों को एक और एस्‍टरॉयड के पृथ्‍वी से टकराने से सबूत मिले हैं। हालांकि यह सबूत जमीन पर नहीं बल्कि समुद्र में मिले हैं। अनुमान है कि लाखों साल पहले एक एस्‍टरॉयड अटलांटिक महासागर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इसकी वजह से समुद्र तल में 8.5 किलोमीटर चौड़ा गड्ढा हो गया। यह गड्ढा पश्चिम अफ्रीका के गिनी (Guinea) के तट से लगभग 400 किलोमीटर दूर और समुद्र तल से लगभग 400 मीटर नीचे पाया गया है।

वैज्ञानिकों के निष्कर्ष ‘जर्नल साइंस एडवांस' में पब्लिश हुए हैं। इस खोज की पुष्टि होना अभी बाकी है, पर वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि अगर वह समुद्र तल में ड्रिल करने और सैंपल इकट्ठा करने में सक्षम होते हैं, तो वह एस्‍टरॉयड के असर की थ्‍योरी को साबित कर सकते हैं। अनुमान है कि यह घटना 66 मिलियन (6.6 करोड़) साल पहले हुई होगी। यह लगभग वही वक्‍त है, जब एक अन्‍य एस्‍टरॉयड ने पृथ्वी से टकराकर डायनासोर को खत्‍म कर दिया था।

कंप्यूटर सिमुलेशन का इस्‍तेमाल करने वाले रिसर्चर्स ने एस्‍टरॉयड की वजह से हुए गड्ढे का पता लगाया। सिमुलेशन ने संकेत दिया कि गड्ढा 500 से 800 मीटर गहरे पानी में 400 मीटर चौड़े एस्‍टरॉयड के टकराने से बना। यह एक किलोमीटर से ज्‍यादा ऊंची सुनामी उत्पन्न कर सकता था साथ ही 6.5 या उससे अधिक की तीव्रता का भूकंप ला सकता था। रिसर्च बताती है कि एस्‍टरॉयड के टकराने से पैदा हुई ऊर्जा इस साल जनवरी में टोंगा के समुद्र में हुए ज्‍वालामुखी विस्‍फोट से लगभग 1000 गुना अधिक होगी। हालांकि यह शुरुआती सिमुलेशन है। और डेटा मिलने पर जानकारियों को फ‍िल्‍टर करने की जरूरत होगी। 

गड्ढे की खोज एडिनबर्ग में हेरियट-वाट यूनिवर्सिटी के भूविज्ञानी डॉ. उस्डेन निकोलसन ने की, जब वह अटलांटिक के समुद्र तल से भूकंपीय प्रतिबिंब (seismic reflection) की जांच कर रहे थे। उन्‍हें समुद्र तल के नीचे 8.5 किलोमीटर का डिप्रेशन मिला। उन्‍होंने कहा कि यह गड्ढा, एस्‍टरॉयड की ओर इशारा करता है। अनुमान है कि यह घटन उसी समय के आसपास हुई होगी, जब एक अन्‍य एस्‍टरॉयड के पृथ्‍वी से टकराने पर डायनासोर खत्‍म हो गए। 
 

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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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