Worlds Top 5 Submarines : ये हैं दुनिया की सबसे 'घातक' 5 पनडुब्बियां!
Worlds Top 5 Submarines : बात जब युद्ध की होती है, तो वह तीनों मोर्चों जल, थल और नभ में लड़ा जाता है। जल यानी पानी में होने वाली जंग का जिम्मा नेवी के हाथों में होता है और पनडुब्बी उसके सबसे बड़े हथियारों में से एक है। दुश्मन की हर चाल पर यह नजर रखती है और वक्त आने पर उसे नेस्तनाबूद कर सकती है। रिपोर्टों के अनुसार पनडुब्बियों ने पॉपुलैरिटी पाई ‘वर्ल्ड वॉर' यानी विश्वयुद्ध के दौरान। तब इनकी स्पीड बहुत धीमी थी, जो आज 25 से 35 समुद्री मील तक पहुंच गई है। आज जानते हैं दुनिया की टॉप-5 पनडुब्बियों के बारे में।
इस सबमरीन का निर्माण 1960 और 70 के दशक में तत्कालीन सोवियत यूनियन ने किया था अमेरिका से मुकाबला करने के लिए। टाइफून कैटिगरी की सबमरीनों की लंबाई 566 फीट और चौड़ाई 76 मीटर थी। इनका वजन कई हजार टन और ऊंचाई 38 मीटर थी। इन पनडुब्बियों में अंतरमहाद्वीपीय (intercontinental) बैलिस्टिक मिसाइलों को फिट किया जा सकता था। आर्कटिक के ठंडे पानी में भी ये बिना रुकावट बढ़ सकें, इसके लिए पनडुब्बियों में कई तरह की मशीनें लगी थीं। पानी की सतह पर इन पडुब्बियों की स्पीड 12 समुद्री मील और पानी के अंदर 25 समुद्री मील थी। पिछले साल तक टाइफून क्लास की सिर्फ एक पनडुब्बी सर्विस में रह गई थी। बाकियों को अब रिप्लेस किया जा चुका है।
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ऑस्कर-2 क्लास, रूस (Oscar-2 Class, Russia)
यह पनडुब्बी भी रूस की है और सोवियत यूनियन के जमाने से सर्विस में है। रूस ने इस पर काम किया और पनडुब्बी को अपग्रेड कर दिया। यह भी परमाणु क्षमताओं से लैस है और अपने साथ कई मिसाइलों को लेकर पानी में उतर सकती है। 508.9 फीट लंबाई वाली यह पनडुब्बी 120 दिनों तक पानी के अंदर रह सकती है और 600 मीटर की गहराई तक नीचे जा सकती है। यह पानी में 60 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड से चल सकती है। 200 किलोटन न्यूक्लियर वॉरहेड ले जाने की इसकी क्षमता ऑस्कर-2 को बहुत खतरनाक बना देती है।
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ओहियो-क्लास, अमेरिका (Ohio-Class, United States)
यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी पनडुब्बी है, जिसे 1977 से 1998 के बीच अमेरिकी नौसेना के लिए कमीशन किया गया। हरेक ओहियो कैटिगरी की पनडुब्बी में लगभग 12,000 किलोमीटर तक मार करने वाली मिसाइलें फिट हो सकती हैं। यह रूसी पनडुब्बियों से ज्यादा मिसाइलें साथ ले जा सकती है। इसका टॉरपीडो 50 किलोमीटर तक और 3 हजार फीट की गहराई तक मार कर सकता है। इनकी लाइफ 40 साल की है। ओहियो क्लास पनडुब्बियों को इस दशक के अंत तक कोलंबिया क्लास की पनडुब्बियां रिप्लेस कर देंगी।
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वैनगार्ड क्लास, यूके (Vanguard Class, UK)
वैनगार्ड क्लास पनडुब्बियां यूके यानी यूनाइटेड किंगडम की हैं। ऐसी 4 पनडुब्बियों का निर्माण विकर्स शिपबिल्डिंग एंड इंजीनियरिंग कंपनी ने 1985 से 1999 के बीच किया था। इन पनडुब्बियों में बैलिस्टिक मिसाइल फिट की जा सकती है। हरेक पनडुब्बी अपने साथ 192 हथियार ले जा सकती है, जिनमें 5000 मील तक मार करने वाली ट्राइडेंट II D5 परमाणु मिसाइलें भी शामिल हैं। इसमें लगा सोनार सिस्टम 50 मील दूर से जहाजों का पता लगा सकता है। वैनगार्ड क्लास की पनडुब्बियों को इस दशक के आखिर तक ड्रेडनॉट पनडुब्बियां रिप्लेस कर देंगी।
ट्रायम्फैंट क्लास की पनडुब्बियां फ्रांस ने बनाई हैं। साल 1997 में ट्रायम्फैंट क्लास पनडुब्बी लॉन्च की गई थी। कुल चार पनडुब्बियां तैयार की गईं जो आज भी फ्रांसीसी नेवी के बेड़े में शामिल हैं। इनकी लंबाई 138 मीटर, चौड़ाई 12.5 मीटर है। ये पनडुब्बियां 9 हफ्तों तक पानी में रह सकती हैं। इनमें भी बैलिस्टिक मिसाइलें और थर्मोन्यूक्लियर वारहेड लगाए जा सकते हैं। इन पनडुब्बियों को थर्ड जेनरेशन वाली ट्रायम्फैंट से ही रिप्लेस किया जाएगा। उनमें सोनार सिस्टम भी लगा होगा। स्रोत : विकिपीडिया, marineinsight, फोटोज: विकीपीडिया
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