करीब 350 रुपये का यह डिवाइस लॉक कंप्यूटर को भी कर सकता है हैक

करीब 350 रुपये का यह डिवाइस लॉक कंप्यूटर को भी कर सकता है हैक
ख़ास बातें
  • करीब 350 रुपये वाले इस डिवाइस का नाम पॉय्ज़नटैप है
  • सैमी कैमकर ने यह हैकिंग डिवाइस बनाया है
  • कुछ एहतियात बरत आप हैक होने के खतरे से बच सकते हैं
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सिक्योरिटी एक्सपर्ट ने हमेशा से कंप्यूटर को मजूबत पासवर्ड के जरिए सुरक्षित रखने की वकालत की है। लेकिन इस बीच हैकर सैमी कैमकर ने एक डिवाइस बनाया है जिसके बारे में किसी भी कंप्यूटर को मिनट भर में हैक करने का दावा किया गया है। इसकी कीमत 5 डॉलर (करीब 340 रुपये) है।  करीब 340 रुपये वाले इस डिवाइस को पॉय्ज़नटैप का नाम दिया गया है। इसके बारे में किसी भी कंप्यूटर सिस्टम को हैक करने का दावा किया गया है, बस बैकग्राउंड में ब्राउज़र चलते रहना चाहिए।

कैमकर ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा, "पॉय्ज़नटैप को 5 डॉलर वाले रास्पबैरी पाई ज़ीरो के लिए बनाया गया है। इसमें माइक्रो-यूएसबी और माइक्रोएसडी कार्ड के अलावा कोई और कंपोनेंट नहीं है।"

इस डिवाइस के बारे में कैमकर ने लिखा कि जब पॉय्ज़नटैप को किसी डिवाइस (पासवर्ड प्रोटेक्टेड) में प्लग इन किया जाता है। यह यूएसबी से कनेक्टेड एक इथरनेट डिवाइस की तरह काम करने लगता है और मशीन के सभी इंटरनेट ट्रैफिक पर एक तरह से कब्जा हासिल कर लेता है। इसके बाद डिवाइस सभी HTTP कूकीज़ की पहचान करने के साथ स्टोर करने लगता है। इस क्रम में इंटरनल राउटर पर अटैक करना संभव हो जाता है। और इसे रिमोट लोकेशन से भी एक्सेस करना संभव हो जाता है। इसके बाद यह डिवाइस एक वेब आधारित बैक डोर इंस्टॉल कर देता है। इसके बाद हैकर अपनी चाहत के हिसाब से यूज़र पर एचटीटीपी रिक्वेस्ट भेजने का दबाव बना सकता है और रिस्पॉन्स भी खुद ही तय कर सकता है। कैमकर का कहना है कि इस डिवाइस को काम करने के लिए मशीन का अनलॉक होना भी ज़रूरी नहीं है। यह एक चोर दरवाजा बनाने में कामयाब होता है। अगर डिवाइस को सिस्टम से हटा भी दिया जाए तो रिमोट एक्सेस बरकरार रहता है।

कैमकर ने मदरबोर्ड से कहा, "यह पूरी तरह से स्वचालित है। आप इसे प्लग इन करो और कुछ देर के लिए छोड़ दो। फिर बाद में डिवाइस को सिस्टम से निकाल लो और चले जाओ। आपको यह जानने की ज़रूरत भी नहीं है कि आपको करना क्या है।"

उन्होंने कंप्यूटर को पॉय्ज़नटैप से बचाने के तरीके के बारे में भी बताया। यूज़र को ध्यान रखना होगा कि हर बार सिस्टम से हटने पर ब्राउज़र को बंद किया जाए। यूएसबी/थंडरबोल्ट पोर्ट को बंद करना भी कारगर है। इनक्रिप्टेड स्लीप मोड में स्विच करके भी यूज़र अपने सिस्टम को हैक होने के खतरे से बचा सकते हैं।
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केतन प्रताप Ketan Pratap is the editor at Gadgets 360 - with over 12 years of experience covering the technology domain. With a breadth and depth of knowledge in the field, he's ...और भी
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