वायरलैस चार्जिंग के फील्ड में ऐसे इनोवेशंस पर काम चल रहा है, जो डिवाइस चार्ज करने का तरीका और नजरिया बदल देंगे। इन्हीं में से एक है 'मोटोरोला स्पेस चार्जिंग'। टेक्नॉलजी की दुनिया में यह एक नया शोकेस है, जो स्मार्टफोन में ओवर-द-एयर वायरलेस चार्जिंग के कॉन्सेप्ट को बेहतरीन तरीके से यूटिलाइज करता है। हालांकि स्मार्टफोन मेकर शाओमी को भी इस तरह का इनोवेशन करते हुए देखा जा चुका है, पर मोटो के इस फ्यूचर प्रयोग में कुछ खूबियां हैं, जो इस वायरलैस चार्जिंग को औरों से बिलकुल अलग बनाती हैं।
जहां तक यह इनोवेशन पहुंचा है, उसे देखकर ऐसा लगता है कि मोटोरोला अपने इस इनोवेशन को टेस्ट करने के लिए तैयार है। और यह शाओमी के उस इनोवेशन से कहीं आगे है, जिसे उसने इस साल जनवरी में शुरू कर दिया था। हालांकि अभी यह क्लियर नहीं है कि यह तकनीक पब्लिक के लिए कब से उपलब्ध होगी, लेकिन जो कुछ अभी देखने को मिला है, उससे यह स्पष्ट हो जाता है कि एक निश्चित दूरी से फोन चार्ज करने का यह इनोवेशन वाकई लाजवाब है।
मोटोरोला का यह इनोवेशन बीते दिनों
Weibo पर लिस्ट कुछ फीचर्स के साथ दिखाई दिया। मोटो की इस स्पेस चार्जिंग टेक्निक का इस्तेमाल एक मीटर के रेडियस में किया जा सकता है। खबरें यह भी हैं कि इस तकनीक की मदद से तीन मीटर के दायरे में एक बार में चार फोन को चार्ज किया जा सकेगा। मोटोरोला की तरफ से इससे जुड़ा एक
विडियो भी यूट्यूब पर शेयर किया गया है।
मोटोरोला क मानना है कि तमाम अवरोधों के बावजूद इस इनोवेशन से डिवाइस चार्ज की जा सकती है और टारगेटेड एरिया में अगर ह्यूमन बॉडी डिटेक्ट होती है, तो चार्जिंग बंद हो जाती है। माना जा रहा है कि इस इनोवेशन को पब्लिक में लाने से पहले भरपूर मात्रा में टेस्टिंग की जरूरत होगी और इसके लिए तैयारी की जा रही है। वैसे भी वायरलैस चार्जिंग के फील्ड में कोई भी नया इनोवेशन बहुत सारे परीक्षणों के बाद ही मार्केट में आने के लिए तैयार होता है।