भारत सरकार ने सभी स्मार्टफोन ब्रांड्स को आदेश दिया है कि नए फोनों में Sanchar Saathi ऐप अनिवार्य रूप से प्री-इंस्टॉल किया जाए और यूजर इसे डिलीट न कर सके।
Photo Credit: Unsplash/ NordWood Themes
भारत हाल में बढ़ते साइबर क्राइम और फोन-आधारित फ्रॉड के बीच अब स्मार्टफोन इंडस्ट्री पर एक बड़ा नियम लागू करने जा रहा है। टेलीकॉम मंत्रालय ने स्मार्टफोन निर्माताओं को निर्देश दिया है कि सभी नए डिवाइस पर Sanchar Saathi ऐप पहले से इंस्टॉल होना चाहिए और यूजर इसे डिलीट भी न कर सके। यह आदेश 28 नवंबर को जारी किया गया था और इसे निजी तौर पर चुनिंदा कंपनियों के साथ शेयर किया गया है।
Reuters को मिले दस्तावेज के अनुसार, Apple, Samsung, Vivo, Oppo, Xiaomi समेत सभी प्रमुख ब्रांड्स को 90 दिनों का समय दिया गया है ताकि वे नए स्मार्टफोन्स में यह सरकारी ऐप प्री-लोड कर सकें। जो मॉडल पहले से सप्लाई-चेन में हैं, उनमें ऐप को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए इंस्टॉल करने के निर्देश दिए गए हैं।
Sanchar Saathi एक सरकारी साइबर-सिक्योरिटी ऐप है, जो चोरी हुए फोन ट्रैक करने से लेकर फर्जी मोबाइल कनेक्शन पहचानने तक कई सुविधाएं देता है।
Apple के सामने यह आदेश मुश्किल पैदा कर सकता है, क्योंकि कंपनी की अपनी पॉलिसी में लिखा है कि किसी भी सरकारी या थर्ड-पार्टी ऐप को प्री-इंस्टॉल नहीं किया जा सकता। Apple पहले भी भारत सरकार के एंटी-स्पैम ऐप को लेकर TRAI से टकराव की स्थिति में आ चुका है। माना जा रहा है कि इस नए निर्देश को भी Apple पूरी तरह से मानने के बजाय किसी बीच के रास्ते को निकालने की कोशिश करेगा।
हालांकि, समान रिपोर्ट में टेक पॉलिसी एक्सपर्ट मिशी चौधरी की राय भी शेयर की गई है, जिसमें उन्होंने इसे गंभीर चिंता बताया। उनका कहना है कि इस तरह के आदेश से यूजर की सहमति का महत्व कम हो जाता है और सरकार को जरूरत से ज्यादा कंट्रोल मिल जाता है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह डिजिटल प्राइवेसी के लिए अच्छा संकेत नहीं है।
इससे पहले रूस ने भी इसी तरह अगस्त में अपने MAX मैसेंजर ऐप को स्मार्टफोन्स पर अनिवार्य किया, जिसकी आलोचना वैश्विक स्तर पर हुई थी।
वहीं, दूसरी ओर सरकार के अनुसार बढ़ते साइबर फ्रॉड, क्लोन IMEI नंबर, नेटवर्क दुरुपयोग और चोरी हुए फोनों के बढ़ते मामलों को रोकने में यह ऐप बेहद प्रभावी साबित हुआ है। इस ऐप की मदद से अब तक 7 लाख से अधिक चोरी हुए फोन बरामद हुए हैं, जिसमें से सिर्फ अक्टूबर में ही 50 हजार फोन रिकवर किए गए।
यह ऐप सभी टेलीकॉम नेटवर्क्स के लिए एक केंद्रीकृत रजिस्ट्री की तरह काम करता है, यूजर चोरी का फोन ट्रैक कर सकता है, ब्लॉक कर सकता है और फर्जी कनेक्शन की पहचान भी कर सकता है।
सरकार ने सभी स्मार्टफोन कंपनियों को निर्देश दिया है कि नए फोनों में Sanchar Saathi ऐप को प्री-इंस्टॉल करना अनिवार्य होगा और यूजर इसे डिलीट नहीं कर सकेगा।
यह आदेश Apple, Samsung, Xiaomi, Oppo, Vivo सहित सभी बड़े ब्रांड्स पर लागू है। यानी भारत में बिकने वाला हर नया स्मार्टफोन इस ऐप के साथ आएगा।
Apple की पॉलिसी किसी भी सरकारी या थर्ड-पार्टी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने की अनुमति नहीं देती। कंपनी पहले भी TRAI के एंटी-स्पैम ऐप को लेकर सरकार से भिड़ चुकी है। इसलिए यह आदेश Apple की नीतियों से टकराता है।
यह ऐप चोरी या खोए हुए फोन को ट्रैक, ब्लॉक और रिकवर करने में मदद करता है। साथ ही फर्जी और डुप्लिकेट IMEI पर बनी कनेक्शनों की पहचान भी करता है। सरकार का दावा है कि इससे लाखों फोन रिकवर हुए हैं और करोड़ों फर्जी कनेक्शन बंद किए गए हैं।
हां। टेक पॉलिसी एक्सपर्ट्स का कहना है कि अनडिलीटेबल ऐप यूजर की सहमति को कमजोर करता है और प्राइवेसी जोखिम बढ़ा सकता है।
लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।