पीएम मोदी द्वारा 25 मार्च से लॉकडाउन की घोषणा के बाद से ई-कॉमर्स दिग्गज केवल आवश्यक सामान बेचने तक सीमित हो गए थे, जिसके बाद हाल ही में लॉकडाउन के अगले चरण के लिए घोषणा के साथ सरकार ने नए दिशानिर्देश जारी किए और ई-कॉमर्स दिग्गजों को थोड़ी राहत प्रदान की। नए दिशानिर्देशों के अनुसार 20 अप्रैल से Flipkart, Amazon और Snapdeal कुछ गैर-ज़रूरी सामान जैसे कि मोबाइल, फ्रिज़ टीवी, एसी आदि बेच सकते हैं। अब सरकार ने यू-टर्न लेते हुए लॉकडाउन की अवधि के दौरान ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा अपने प्लेटफॉर्म के जरिये गैर-ज़रूरी सामानों की बिक्री पर दोबारा रोक लगा दी है। बता दें कि फ्लिपकार्ट ने तो दो दिन पहले से मोबाइल फोन के ऑर्डर लेने शुरू भी कर दिए थे और कंपनी इनकी डिलीवरी कल यानी 20 अप्रैल से शुरू करने वाली थी।
इससे पहले के आदेश में कहा गया था कि ई-कॉमर्स कंपनियां 20 अप्रैल से गैर-जरूरी उत्पादों की भी बिक्री कर सकेंगी। अब केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने एक और आदेश जारी किया है, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनियों को गैर-ज़रूरी सामान बेचने से दोबारा रोक दिया गया है। इससे पहले 15 अप्रैल को जारी आदेश में ई-कॉमर्स कंपनियों को 20 अप्रैल से गैर-ज़रूरी सामान की सेल की अनुमति दी गई थी। सरकार द्वारा अपने आदेश से यू-टर्न मारने के पीछे की वजह फिलहाल पता नहीं चल पाई है, लेकिन कहा जा रहा है कि कुछ रिटलर्स सरकार पर उन्हें भी ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह गैर-ज़रूरी सामान की सेल की अनुमति देने के लिए दबाव बनाने लगे थे।
ई-कॉमर्स कंपनियों को हालांकि, खाद्य उत्पाद, दवाइयां और चिकित्सा उपकरण जैसे आवश्यक सामानों को बेचने की अनुमति बनी रहेगी। इससे पिछले आदेश में कहा गया था, ‘‘आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति की अनुमति होगी। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति श्रृंखला में सभी सुविधाएं... उनके विनिर्माण, थोक या खुदरा व्यापार, मोहल्ले की दुकानों और ई-कॉमर्स कंपनियों को परिचालन की अनुमति होगी। उन्हें कड़ाई से सामाजिक दूरी का पालन करना होगा। इन इकाइयों को खोलने या बंद करने के समय पर कोई अंकुश नही होगा।''
इसके एक दिन बाद गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने कहा कि 20 अप्रैल से ई-कॉमर्स कंपनियों से इलेक्ट्रॉनिक सामान मसलन मोबाइल फोन, टीवी, फ्रिज, लैपटॉप-कंप्यूटर, सिलेसिलाए परिधान, स्कूली बच्चों का स्टेशनरी का सामान खरीदा जा सकेगा। इसके बाद
कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों ने ऑनलाइन आर्डर लेने भी शुरू कर दिए थे। हालांकि अब सरकार ने इस निर्देश को वापस ले लिया है।