कभी आपने सोचा है कि आईफोन के कैमरे की इंडस्ट्री में इतनी साख क्यों है। इसकी वजह है कि ऐप्पल के कर्मचारियों की फौज का इस टेक्नोलॉजी को लगातार विकसित करने के लिए प्रयासरत रहना। कंपनी के 800 से ज्यादा इंजीनियर कैमरे को बेहतरीन बनाने में काम में लगे रहते हैं। कंपनी के शीर्ष अधिकारियों ने एक
इंटरव्यू में हैंडसेट डेवलप करने के लिए की जाने वाली मेहनत का खुलासा किया।
60 मिनट्स के चार्ली रोज़ से बातचीत में ऐप्पल कैमरा हार्डवेयर के सीनियर डायरेक्टर ग्राहम टाउनसेंड ने खुलासा किया कि
आईफोन 6एस प्लस का कैमरा मॉड्यूल 200 अलग-अलग पार्ट को मिलाकर बना है। कैमरे की अहमियत का अंदाजा टाउनसेंड की इस बयान से लगाया जा सकता है जिसमें उन्होंने बताया कि 800 इंजीनियरों की टीम सिर्फ कैमरा मॉड्यूल पर काम करती है।
कैमरे के अंदर 4 बेहद ही पतले तार हैं। टाउनसेंड ने कहा कि ये तार माइक्रोसस्पेंशन के लिए हैं ताकि यूज़र के हाथ हिलने से होने वाले असर को कम किया जा सके। ये सारे तार इंसान के बाल से भी पतले होते हैं।
ऐप्पल के कैंपस में एक लैब है जहां पर कैमरे के आउटपुट की जांच होती है। कुछ इंजीनियर अलग-अलग किस्म की रोशनी में कैमरे से लिए गए फोटोग्राफ की जांच करते हैं। और बेहतर परिणाम के लिए लगातार ही कैमरा मॉड्यूल में बदलाव करते रहते हैं। उन्होंने कहा, "एक तस्वीर लेने के लिए 24 बिलियन ऑपरेशन एक साथ होते हैं।"
इस साल ही ऐप्पल ने अपने आईफोन 6एस और आईफोन 6एस प्लस में कैमरा रिज़ॉल्यूशन बढ़ाया था। आईफोन 6 के 8 मेगापिक्सल के रियर कैमरे की तुलना में इस बार के आईफोन मॉडल 12 मेगापिक्सल के सेंसर के साथ लॉन्च किए गए। अब एक नया फ्लैश भी है जो कलर और आसपास की रोशनी के हिसाब से खुद को ढालने का काम करता है। यूज़र अब कैमरे से 4के रिज़ॉल्यूशन के वीडियो भी रिकॉर्ड कर सकते हैं जबकि यह पहले फुल-एचडी तक सीमित था। आईफोन 6एस प्लस के लिए ऑप्टिकल इमेज स्टेबलाइजेशन के अलावा कंपनी ने नया लाइव फोटो फ़ीचर भी पेश किया है।
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