What is Parcel Scam : इंटरनेट हमारी रोजाना जिंदगी का अहम भाग बन गया है। इसने हर किसी का काम आसान किया है, तो धोखाधड़ी करने वाले भी पीछे क्यों रहें! बीते कई दिनों से देश के अलग-अलग शहरों में क्राइम के ऐसे मामले सामने आ रहे हैं, जिनमें घर बैठे लोगों को लाखों रुपये का चूना लगाया जा रहा है। इसे नाम दिया गया है पार्सल स्कैम (Parcel Scam)। इस स्कैम में लोगों को यह भरोसा दिया जाता है कि उनके नाम पर भेजे जा रहे पार्सल में ड्रग्स हैं। लोगों को डराकर-धमकाकर जाल में फंसाया जाता है और फिर ऐंठे जाते हैं पैसे।
कुछ दिन पहले पुणे के इंजीनियर से धोखेबाजों ने 27.9 लाख रुपये हड़प लिए। इंजीनियर से कहा गया कि उसके नाम पर ताइवान से एक पार्सल मुंबई आया है, जिसमें नशीली दवाएं हैं। धोखेबाजों ने इंजीनियर को ये भरोसा दिलाया कि उसे की गई कॉल मुंबई पुलिस की साइबर क्राइम सेल से है। इंजीनियर को अरेस्ट करने की धमकी दी गई, जिससे बचने के लिए पीड़ित ने आरोपियों को 10 बार रकम ट्रांसफर की और करीब 27.9 लाख रुपये गंवा दिए।
यह अकेला मामला नहीं है। हाल ही में नोएडा के एक इंजीनियर को भी ऐसे ही ठगा गया। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, ग्रेटर नोएडा निवासी एक इंजीनियर को एक कॉल आई। सामने वाले ने कहा कि वह कुरियर कंपनी से बोल रहा है। पीड़ित को कहा गया कि उसके आधार कार्ड का यूजर विदेश भेजे जाने वाले एक पार्सल में हुआ है, जिसमें ड्रग्स है। कुरियर कर्मचारी ने कहा कि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूराे ने उसके पार्सल को रोक दिया है। इसके बाद पीड़ित के पास कॉल आई। किसी ने एनसीबी अफसर बनकर बात की। धमकाया। फिर करीब 9 लाख रुपये ट्रांसफर करा लिए।
इन घटनाओं से आप समझ गए होंगे कि पूरा मामला क्या है। पार्सल में ड्रग्स के नाम पर लोगों को फंसाया जा रहा है। इन घटनाओं के मद्देनजर सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेस एंड कस्टम्स (CBIC) ने लोगों को चेताया है। कहा है कि ऐसी कॉल्स पर भरोसा ना करें। किसी के झांसे में ना आएं और फौरन डिपार्टमेंट को जानकारी दें। CBIC ने सोशल मीडिया पोस्ट में कहा है कि वह कभी भी ऐसी कॉल नहीं करता।
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