UPI के कुछ नियमों में आज से बदलाव हुए हैं, जिनकी घोषणा नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने पहले ही कर दी थी। मोबाइल डिवाइस के जरिए फास्ट मनी ट्रांसफर के लिए उपयोग किया जाने वाला UPI देश में सबसे तेजी से बढ़ने वाला पेमेंट मोड बन गया है। इसकी पॉपुलेरिटी का पता इससे लगाया जा सकता है कि कुछ देशों ने इस सिस्टम को
अपनाने में रूची भी दिखाई है। UPI के लॉन्च के बाद से, भारत में डिजिटल लेनदेन की संख्या में जबरदस्त तेजी आई है। यूजर्स के अनुभव को बेहतर बनाने और इस सिस्टम को पहले से अधिक सुरक्षित बनाने के लिए आज, यानी 1 जनवरी 2024 से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने इसमें कुछ बदलावों की घोषणा की है।
NPCI ने Google Pay, Paytm, PhonePe आदि जैसे पेमेंट ऐप्स और बैंकों से उन UPI IDs और नंबरों को निष्क्रिय करने के लिए कहा है जो एक वर्ष से अधिक समय से सक्रिय नहीं हैं। इसके अलावा, NPCI के अनुसार, यूपीआई लेनदेन के लिए डेली भुगतान सीमा अब अधिकतम 1 लाख रुपये होगी। हालांकि, RBI ने UPI भुगतान के उपयोग को व्यापक बनाने के लिए 8 दिसंबर, 2023 को अस्पतालों और शैक्षणिक संस्थानों के लिए UPI भुगतान की लेनदेन सीमा बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी थी।
इतना ही नहीं, ऑनलाइन वॉलेट जैसे प्रीपेड भुगतान उपकरणों (PPI) का उपयोग करके किए गए 2,000 रुपये से अधिक के कुछ बिजनेस UPI ट्रांजेक्शन पर 1.1 प्रतिशत इंटरचेंज शुल्क भी लगेगा।
ऑनलाइन भुगतान धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों पर रोक लगाने के लिए, हर बार जब कोई यूजर किसी अन्य यूजर को, जिसके साथ उन्होंने पहले लेनदेन नहीं किया है, 2,000 से अधिक का पहला भुगतान करेगा, तो चार घंटे की समय सीमा लागू होगी।
इसके अलावा, जापानी कंपनी Hitachi के सहयोग से RBI अब पूरे भारत में
UPI ATM शुरू करेगा, जिसमें आप अपने बैंक अकाउंट से कैश निकालने के लिए एक QR कोड स्कैन कर सकते हैं।
अगस्त 2023 में, UPI ने 10 बिलियन लेनदेन को पार करके एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की थी। NDTV के
अनुसार, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि देश में एक महीने में 100 अरब यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस लेनदेन करने की क्षमता है।