Turkey Earthquake 2023: Google अलर्ट की चूक! कंपनी ने मानी गलती, कहा...

Google के एल्गोरिद्म ने कथित तौर पर तीव्रता 7.8 के बजाय सिर्फ 4.5-4.9 मैग्निट्यूड डिटेक्ट की, इसलिए इमरजेंसी अलर्ट ट्रिगर ही नहीं हुआ।

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Written by नितेश पपनोई, अपडेटेड: 28 जुलाई 2025 16:35 IST
ख़ास बातें
  • टर्की भूकंप में Google का Earthquake Alert System फेल
  • सिर्फ 469 लोगों को मिला “Take Action” अलर्ट
  • जबकि 1 करोड़ लोगों तक पहुंचनी थी चेतावनी

एक्सपर्ट्स का कहना है कि इमरजेंसी अलर्ट का जिम्मा सिर्फ प्राइवेट कंपनियों पर छोड़ना रिस्की है

टर्की में फरवरी 2023 में आए विनाशकारी भूकंप के दौरान Google के Android Earthquake Alerts System ने एक बड़े टेक्निकल फेलियर का उदाहरण पेश किया। इस 7.8 मैग्निट्यूड भूकंप में 55,000 से ज्यादा लोगों की दुखद मौत हो गई और लाखों घायल हुए और अब दुनियाभर में यह बहस का सबसे बड़ा मुद्दा बना गया है कि आखिर Google ने करोड़ों यूजर्स को लाइफ-सेविंग इमरजेंसी एलर्ट क्यों नहीं दिखाया? हादसे के काफी समय बाद, कंपनी ने पहली बार माना कि उनका सिस्टम उस वक्त फेल हो गया था और इसका सीधा असर लोगों की सुरक्षा पर पड़ा।

BBC की रिपोर्ट बताती है कि Google के मुताबिक करीब 1 करोड़ लोग उस क्षेत्र में थे जिन्हें ‘Take Action' यानी इमरजेंसी अलर्ट मिलना चाहिए था, जिससे वे 35 सेकंड पहले अलर्ट हो कर जान बचा सकते थे। मगर हकीकत में सिर्फ 469 यूजर्स तक ये “क्विक” अलर्ट पहुंच पाया, बाकी लगभग 5 लाख लोगों को केवल “Be Aware” अलर्ट मिला, जो न तो तेज आवाज करता है, न ही DND को ओवरराइड करता और न ही नींद से जगा सकता था। भूकंप सुबह 4:17 बजे आया जब लोग सो रहे थे, यानी ऐक्टिवशन में चूक गंभीर साबित हुई।

Google के एल्गोरिद्म ने कथित तौर पर तीव्रता 7.8 के बजाय सिर्फ 4.5-4.9 मैग्निट्यूड डिटेक्ट की, इसलिए इमरजेंसी अलर्ट ट्रिगर ही नहीं हुआ। लोकल अथॉरिटी ने इस पर सवाल उठाए और डिजिटल मीडिया में भी कंपनी की बड़ी आलोचना हो रही है।

पहले Google ने सिस्टम की परफॉर्मेंस को डिफेंड किया, लेकिन एंड-यूजर रिव्यू आने के बाद कंपनी ने गलती मानी और कहा कि उनका एल्गोरिद्म "कमजोर" साबित हुआ। अब, Google ने अपडेट जारी किया है, जिसमें एल्गोरिद्म बदला गया है और दावा किया है कि नए टेस्ट्स में अब सभी यूजर्स तक ठीक तरह अलर्ट पहुंचेगा। लेटेस्ट टेस्ट में सिस्टम ने 1 करोड़ "Take Action" अलर्ट और 6.7 करोड़ "Be Aware" अलर्ट भेजे थें।

फिर भी, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इमरजेंसी अलर्ट का जिम्मा सिर्फ प्राइवेट कंपनियों पर छोड़ना रिस्की है, नेशनल अथॉरिटी की सशक्त सिस्टम जरूरी है।

AEA सिस्टम अब 98 देशों में सक्रिय है और Google का दावा है कि तुर्की के भूकंप से मिली सीख के आधार पर इसमें सुधार किया गया है।

टर्की भूकंप में Google का अलर्ट सिस्टम क्यों फेल हुआ?

Google के एल्गोरिद्म ने भूकंप की तीव्रता को गलत आंक लिया (4.5-4.9), जबकि असली मैग्निट्यूड 7.8 थी, इसलिए जरूरी “Take Action” अलर्ट ट्रिगर ही नहीं हुए।

कितने लोगों को इमरजेंसी अलर्ट मिला?

सिर्फ 469 यूजर्स को क्विक “Take Action” अलर्ट मिला, जबकि 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलना चाहिए था।

बाकी यूजर्स को क्या मिला?

करीब 5 लाख यूजर्स को हल्का “Be Aware” अलर्ट मिला, जो तेज आवाज या इमरजेंसी नोटिफिकेशन नहीं था।

Google ने अपनी गलती कब मानी?

घटना के बाद मीडिया रिपोर्ट्स और एक्सपर्ट आलोचना के बाद Google ने स्वीकार किया कि एल्गोरिद्म में लिमिटेशन थी और सिस्टम असफल रहा।

क्या अब सिस्टम ठीक हो गया है?

Google का दावा है कि अब एल्गोरिद्म अपडेट किया गया है, इससे आगे सही अलर्ट भेजे जा सकेंगे, लेकिन भरोसा फिर भी पूरी तरह सरकारी वॉर्निंग सिस्टम पर ही रहेगा।

क्या ऐसी गलती दोबारा हो सकती है?

Google और एक्सपर्ट्स दोनों का मानना है कि सिर्फ टेक सिस्टम पर निर्भर रहना रिस्की है, नेशनल अथॉरिटी को भी मजबूत अलर्ट सिस्टम बनाना जरूरी है।

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