प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को उद्यमिता को बढ़ावा देने और उसके अनुकूल वातावरण तैयार करने के लिए स्टार्टअप इंडिया कार्ययोजना की घोषणा की। स्टार्टअप उद्यमियों के पहले सम्मेलन को संबोधित करते हुए मोदी ने उन्हें बढ़ावा देने के वास्ते एक कार्य योजना भी पेश की। इन उद्यमों को देश में संपत्ति और रोजगार सृजन करने वाले अहम क्षेत्र के तौर पर देखा जा रहा है। उभरते उपक्रमों को स्टार्टअप कार्रवाई योजना से और मजबूती से अपने पैर जमाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा और अधिक उद्यमियों को कारोबार शुरू करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने ये 10 बड़ी घोषणाएं की।
1) स्टार्टअप्स के लिए 10,000 करोड़ रुपये का फंडस्टार्ट-अप इंडिया कार्ययोजना के शुभारंभ समारोह में प्रधानमंत्री ने नए उद्यमियों के लिए 10,000 करोड़ रुपये के कोष की भी घोषणा की। स्टार्टअप को वित्तपोषण का समर्थन देने के लिये सरकार 2,500 करोड़ रुपये का शुरआती कोष बनायेगी जिसमें अगले चार साल के दौरान कुल 10,000 करोड़ रुपये का कोष होगा। इस कोष का प्रबंधन निजी क्षेत्र के पेशेवर करेंगे जबकि जीवन बीमा निगम इस कोष में सह-निवेशक होगा।
2) सारे काम अब एक विंडो परकेंद्र सरकार 1 अप्रैल को एक मोबाइल ऐप और वेबसाइट लॉन्च करेगी जिसका इस्तेमाल स्टार्टअप्स द्वारा एक दिन के अंदर अपनी कंपनी को रजिस्टर कराने के लिए किया जा सकेगा। यह क्लियरेंस, एप्रुवल्स और रजिस्ट्रेशन के लिए एकल खिड़की का काम करेगा।
3) स्व:प्रमाणन योजना की भी घोषणामोदी ने नौ श्रम और पर्यावरण कानूनों के अनुपालन के लिये स्व:प्रमाणन योजना की भी घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने स्टार्ट-अप को तीन साल तक किसी जांच से छूट देने की सुविधा देने की घोषणा की।
4) उदार पेटेंट व्यवस्था भी लाई जाएगीदेश में नर्वप्रवर्तन सोच के साथ आने वाले तकनीक आधारित इन नये उद्यमों के लिये एक उदार पेटेंट व्यवस्था भी लाई जायेगी। पेटेंट पंजीकरण में इन उद्यमों को पंजीकरण शुल्क में 80 प्रतिशत छूट दी जायेगी। पेटेंट आवेदनों को कम लागत पर परीक्षण के लिये कानूनी समर्थन भी दिया जायेगा। इससे स्टार्ट अप को भी बौद्धिक संपदा अधिकारों के मामले में जागरूकता आयेगी और वह अपने आईपीआर की सुरक्षा और उनका व्यवसायीकरण भी कर सकेंगे।
5) स्टार्टअप्स को सरकार देगी आर्थिक मददइसके अलावा स्टार्ट अप के लिये बनाए गये ऋण गारंटी कोष से बैंकिंग प्रणाली से भी स्टार्टअप के लिये उद्यम ऋण का प्रवाह होगा। इस कोष से जोखिम के बदले गारंटी उपलब्ध हो सकेगी। सरकार की ओर से एक राष्ट्रीय ऋण गारंटी ट्रस्ट कंपनी बनाने का प्रस्ताव है जिसमें अगले चार साल तक सालाना 500 करोड़ रुपये का बजट आवंटन किया जायेगा।
6) स्टार्टअप को तीन साल तक आयकर छूटस्टार्टअप कारोबारियों द्वारा कमाये जाने वाले मुनाफे पर व्यावसाय शुरू होने के पहले तीन साल तक आयकर से छूट होगी। ऐसे उद्यमों में वित्तपोषण को बढ़ावा देने के लिये उद्यमियों द्वारा किये गये निवेश के बाद अपनी संपत्ति बेचने पर 20 प्रतिशत की दर से लगने वाले पूंजीगत लाभ कर से भी छूट होगी। यह छूट सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त उद्यम पूंजीकोषों के निवेश पर भी उपलब्ध होगी।
8) स्टार्टअप हबस्टार्टअप इंडिया हब इस इकोसिस्टम के सभी प्लेयर के लिए एकल खिड़की का काम करेगा। इस हब की जिम्मेदारी स्टार्ट अप को आर्थिक मदद और नॉलेज एक्सचेंज प्रोग्राम को बढ़ावा देने की होगी।
9) स्टार्टअप को सरल निर्गम विकल्प देने का प्रावधानदिवाला कानून में स्टार्ट अप उद्यमों को कारोबार बंद करने के लिये सरल निर्गम विकल्प देने का प्रावधान भी किया जायेगा। इसके तहत 90 दिन की अवधि में ही स्टार्ट अप अपना कारोबार बंद कर सकेंगे।
10) उद्यमशीलता और नवीनता को बढ़ावा देने के लिए अटल इनोवेशन मिशननवाचार को बढ़ावा देने के लिए जल्द ही अटल इनोवेशन मिशन पेश किया जाएगा। इसके जरिए नए उद्यमियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। इसके साथ अच्छा काम कर रहे उद्यमियों का प्रोत्साहन करने लिए सालाना पारितोषिक की घोषणा की जाएगी।