पेगासस : FBI ने मानी इस्राइल के NSO ग्रुप से जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने की बात

न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2019 में 5 मिलियन डॉलर में एक साल का लाइसेंस लिया गया था।

पेगासस : FBI ने मानी इस्राइल के NSO ग्रुप से जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने की बात

FBI ने कहा है कि उसने कभी भी इसका संचालन या किसी जांच को सपोर्ट करने के लिए इसका इस्‍तेमाल नहीं किया।

ख़ास बातें
  • इस्राइली कंपनी NSO ग्रुप का जासूसी सॉफ्टवेयर है पेगासस
  • एफबीआई ने इसे खरीदने की बात स्‍वीकार की है
  • फोन में घुसकर सभी जरूरी जानकारी चुरा लेता है पेगासस
विज्ञापन
इस्राइली कंपनी NSO ग्रुप के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus) को लेकर दुनियाभर में हंगामा मचा हुआ है। हाल ही में न्‍यू यॉर्क टाइम्‍स ने अपनी रिपोर्ट में उन देशों का नाम उजागर किया है, जिन्‍होंने पेगासस को खरीदा था। भारत समेत इस लिस्‍ट में अमेरिका का नाम भी है। अब अमेरिका की खुफ‍िया एजेंसी FBI ने पेगासस को खरीदने की बात स्‍वीकार की है। अपने बयान में बुधवार को FBI ने कहा कि उसने इस्राइली फर्म से ‘सिर्फ प्रोडक्‍ट की टेस्टिंग और मूल्यांकन के लिए' लिमिटेड लाइसेंस हासिल किया था। एक न्‍यूज एजेंसी के मुताबिक, FBI ने कहा है कि उसने कभी भी इसका संचालन या किसी जांच को सपोर्ट करने के लिए इसका इस्‍तेमाल नहीं किया।

हालांकि इसको लेकर भी FBI की आलोचना की जा रही है। सिटि‍जन लैब के डायरेक्‍टर रॉन डीबर्ट ने कहा है कि मानवाधिकारों का हनन करने वाली और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कामों को सुविधाजनक बनाने के लिए चर्चित कंपनी पर लाखों डॉलर खर्च करना निश्चित रूप से परेशान करने वाला है। सिटि‍जन लैब, टोरंटो यूनिवर्सिटी का वॉचडॉग है। इसने 2016 से दर्जनों पेगासस हैक का पर्दाफाश किया है। रॉन डीबर्ट ने कहा कि यह बहुत ही प्रतिकूल और गैर-जिम्मेदार तरीका लगता है। 

FBI के प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि एजेंसी ने NSO ग्रुप को क्या पेमेंट किया या कब किया। लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2019 में 5 मिलियन डॉलर में एक साल का लाइसेंस लिया गया था। डील की जानकारी रखने वाले एक सोर्स के हवाले से गार्जियन ने बताया है कि FBI ने लाइसेंस को रिन्‍यू करने के लिए 4 मिलियन डॉलर का पेमेंट किया, लेकिन कभी भी स्पाइवेयर का उपयोग नहीं किया। 

नवंबर में अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट ने NSO ग्रुप को अमेरिकी टेक्‍नॉलजी तक पहुंच से रोकते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया था। हालांकि NSO ग्रुप ने कहा है कि पेगासस को US कंट्री कोड वाले फोन्‍स को टारगेट नहीं करने के लिए प्रोग्राम किया गया है, लेकिन विदेशों में रहने वाले अमेरिकी नागरिक इसके शिकार हुए हैं।

वहीं, ओरेगॉन के सीनेटर रॉन वेडेन ने एक बयान में कहा है कि अमेरिकी जनता NSO के बारे में अपनी सरकार से अधिक पारदर्शिता की हकदार है। उसे पता होना चाहिए कि क्या उसकी सरकार ‘अमेरिकियों के खिलाफ इन टूल्‍स के इस्‍तेमाल को लीगल मानती है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Pegasus, NSO Group, Isreal, America, FBI, india
गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Redmi Turbo 4 Pro फोन 7550mAh बैटरी, 90W फास्ट चार्ज, दमदार Snapdragon चिप के साथ अगले हफ्ते होगा लॉन्च!
  2. itel A95 5G vs Samsung Galaxy F06 5G: जानें कौन सा फोन है बेस्ट
  3. Android 16 रिलीज होगा धांसू नए फीचर्स के साथ! इन डिवाइसेज पर मिल रहा Beta वर्जन, जानें सबकुछ
  4. Xiaomi ने नया स्मार्ट होम प्रोजेक्टर Redmi Projector 3 Lite किया लॉन्च, घर बन जाएगा सिनेमा
  5. 55 घंटे चलने वाले ईयरबड्स CMF Buds 2 लॉन्च, IP55, IPX2 रेटिंग से लैस, जानें कीमत
  6. TCS पर लगा अमेरिकी वर्कर्स के साथ भेदभाव करने का आरोप
  7. Honor का GT Pro अगले सप्ताह होगा लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का प्राइमरी कैमरा
  8. Motorola ने भारत में लॉन्च किया 16GB रैम, 120Hz OLED डिस्प्ले वाला Moto Book 60 लैपटॉप, जानें कीमत
  9. PlayStation खरीदने का अच्छा मौका! PS5 Slim पर Rs 5 हजार की फ्लैट छूट, यहां से खरीदें
  10. Infosys को लगा झटका, प्रॉफिट में 11 प्रतिशत की गिरावट
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »