पेगासस : FBI ने मानी इस्राइल के NSO ग्रुप से जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदने की बात

न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2019 में 5 मिलियन डॉलर में एक साल का लाइसेंस लिया गया था।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 4 फरवरी 2022 13:53 IST
ख़ास बातें
  • इस्राइली कंपनी NSO ग्रुप का जासूसी सॉफ्टवेयर है पेगासस
  • एफबीआई ने इसे खरीदने की बात स्‍वीकार की है
  • फोन में घुसकर सभी जरूरी जानकारी चुरा लेता है पेगासस

FBI ने कहा है कि उसने कभी भी इसका संचालन या किसी जांच को सपोर्ट करने के लिए इसका इस्‍तेमाल नहीं किया।

इस्राइली कंपनी NSO ग्रुप के जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस (Pegasus) को लेकर दुनियाभर में हंगामा मचा हुआ है। हाल ही में न्‍यू यॉर्क टाइम्‍स ने अपनी रिपोर्ट में उन देशों का नाम उजागर किया है, जिन्‍होंने पेगासस को खरीदा था। भारत समेत इस लिस्‍ट में अमेरिका का नाम भी है। अब अमेरिका की खुफ‍िया एजेंसी FBI ने पेगासस को खरीदने की बात स्‍वीकार की है। अपने बयान में बुधवार को FBI ने कहा कि उसने इस्राइली फर्म से ‘सिर्फ प्रोडक्‍ट की टेस्टिंग और मूल्यांकन के लिए' लिमिटेड लाइसेंस हासिल किया था। एक न्‍यूज एजेंसी के मुताबिक, FBI ने कहा है कि उसने कभी भी इसका संचालन या किसी जांच को सपोर्ट करने के लिए इसका इस्‍तेमाल नहीं किया।

हालांकि इसको लेकर भी FBI की आलोचना की जा रही है। सिटि‍जन लैब के डायरेक्‍टर रॉन डीबर्ट ने कहा है कि मानवाधिकारों का हनन करने वाली और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले कामों को सुविधाजनक बनाने के लिए चर्चित कंपनी पर लाखों डॉलर खर्च करना निश्चित रूप से परेशान करने वाला है। सिटि‍जन लैब, टोरंटो यूनिवर्सिटी का वॉचडॉग है। इसने 2016 से दर्जनों पेगासस हैक का पर्दाफाश किया है। रॉन डीबर्ट ने कहा कि यह बहुत ही प्रतिकूल और गैर-जिम्मेदार तरीका लगता है। 

FBI के प्रवक्ता ने यह नहीं बताया कि एजेंसी ने NSO ग्रुप को क्या पेमेंट किया या कब किया। लेकिन न्यूयॉर्क टाइम्स ने पिछले हफ्ते अपनी रिपोर्ट में बताया कि 2019 में 5 मिलियन डॉलर में एक साल का लाइसेंस लिया गया था। डील की जानकारी रखने वाले एक सोर्स के हवाले से गार्जियन ने बताया है कि FBI ने लाइसेंस को रिन्‍यू करने के लिए 4 मिलियन डॉलर का पेमेंट किया, लेकिन कभी भी स्पाइवेयर का उपयोग नहीं किया। 

नवंबर में अमेरिकी कॉमर्स डिपार्टमेंट ने NSO ग्रुप को अमेरिकी टेक्‍नॉलजी तक पहुंच से रोकते हुए ब्लैकलिस्ट कर दिया था। हालांकि NSO ग्रुप ने कहा है कि पेगासस को US कंट्री कोड वाले फोन्‍स को टारगेट नहीं करने के लिए प्रोग्राम किया गया है, लेकिन विदेशों में रहने वाले अमेरिकी नागरिक इसके शिकार हुए हैं।

वहीं, ओरेगॉन के सीनेटर रॉन वेडेन ने एक बयान में कहा है कि अमेरिकी जनता NSO के बारे में अपनी सरकार से अधिक पारदर्शिता की हकदार है। उसे पता होना चाहिए कि क्या उसकी सरकार ‘अमेरिकियों के खिलाफ इन टूल्‍स के इस्‍तेमाल को लीगल मानती है।
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Pegasus, NSO Group, Isreal, America, FBI, india

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. भारत बना दुनिया में सबसे तेज पेमेंट्स करने वाला देश, UPI ने बढ़ाई ट्रांजैक्शंस की स्पीड
  2. लंबे इंतजार के बाद कल मुंबई में शुरू होगा Elon Musk की टेस्ला का भारत में पहला शोरूम
  3. AI खा जाएगा 2045 तक अधिकतर नौकरियां, सिर्फ नेतागिरी और ये दो काम ही बचेंगे
#ताज़ा ख़बरें
  1. भारत बना दुनिया में सबसे तेज पेमेंट्स करने वाला देश, UPI ने बढ़ाई ट्रांजैक्शंस की स्पीड
  2. भारत बना दुनिया में सबसे तेज पेमेंट्स करने वाला देश, UPI ने बढ़ाई ट्रांजैक्शंस की स्पीड
  3. लंबे इंतजार के बाद कल मुंबई में शुरू होगा Elon Musk की टेस्ला का भारत में पहला शोरूम
  4. Vivo के X Fold 5 के लॉन्च से लेकर Google की Chrome OS को Android में मर्ज करने की तैयारी, ये हैं आज की महत्वपूर्ण खबरें
  5. Google की Chrome OS को Android में मर्ज करने की तैयारी, यूजर्स को होगा फायदा!
  6. Amazon Prime Day Sale: Apple, Asus और Dell के बेस्ट-सेलिंग लैपटॉप्स पर 20,000 रुपये तक डिस्काउंट
  7. Amazon Prime Day Sale: Canon, Epson और HP के प्रिंटर्स को 40 प्रतिशत तक कम प्राइस पर खरीदने का मौका
  8. Reliance Jio ने लॉन्च किया JioPC, आपके टीवी को बना देगा कंप्यूटर, जानें कैसे हैं फीचर्स
  9. Flipkart Goat Sale: 30 हजार रुपये वाले स्मार्टफोन पर गजब डिस्काउंट,इतनी गिरी कीमत
  10. iQOO Z10R जल्द हो सकता है भारत में लॉन्च, Geekbench पर हुई लिस्टिंग
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.