पिछले कुछ महीनों में रूस से कई इंटरनेशनल कंपनियां बाहर निकली हैं। रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध इसका बड़ा कारण है। यूक्रेन पर हमला करने की वजह से बहुत से देशों ने रूस पर कड़े प्रतिबंध लगाए हैं। रूस में बिजनेस समेटने वाली कंपनियों में मर्सिडीज बेंज भी शामिल हो गई है। रूस में अपने एसेट्स को कंपनी एक लोकल इनवेस्टर को बेचेगी।
इससे पहले Nissan, Renault और
Toyota ने रूस के मार्केट को छोड़ा था। मर्सिडीज को इससे दो अरब यूरो से अधिक का नुकसान होने की आशंका है। कंपनी के एसेट्स में मॉस्को के निकट Esipovo में फैक्टरी भी शामिल है। कंपनी ने इस वर्ष मार्च में रूस में मैन्युफैक्चरिंग बंद कर दी थी। इस फैक्टरी में लगभग 1,000 वर्कर्स हैं। इसमें E-class सेडान और SUV की मैन्युफैक्चरिंग की जाती थी। रूस में इस वर्ष सितंबर तक कंपनी ने लगभग 9,560 यूनिट्स की बिक्री की थी। यह पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 70 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है।
मर्सिडीज बेंज की लोकल यूनिट ने बताया है कि वह स्थानीय सब्सिडियरीज में अपनी हिस्सेदारी एक लोकल इनवेस्टर को बेच रही है। रूस की ट्रक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी Kamaz में भी मर्सिडीज की 15 प्रतिशत हिस्सेदारी है। हालांकि, मर्सिडीज का कहना है कि रूस से निकलने के इसके फैसले का इस हिस्सेदारी पर असर नहीं पड़ेगा और यह इस वर्ष के अंत में Daimler Truck को ट्रांसफर की जाएगी। इस महीने की शुरुआत में जापान की ऑटोमोबाइल कंपनी Nissan ने रूस से अपना बिजनेस समेटने का फैसला किया था।
कंपनी अपना बिजनेस रूस सरकार की कंपनी NAMI को केवल एक यूरो में बेच रही है। इसका मतलब है कि Nissan को लगभग 69 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना होगा।
निसान को कुछ महीने पहले रूस में प्रोडक्शन बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा था। Nikkei Asia का दावा है कि जापान की एक अन्य बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनी Mitsubishi भी रूस से निकलने पर विचार कर रही है। निसान ने सेंट पीटर्सबर्ग में अपनी फैक्टरी सहित अपना बिजनेस NAMI को सौंपने का फैसला किया है। इससे पहले निसान के साथ ज्वाइंट वेंचर वाली फ्रांस की कंपनी Renault ने रूस की एक कार मैन्युफैक्चरर में अपनी बड़ी हिस्सेदारी बेच दी थी। निसान ने सप्लाई चेन में रुकावटों के कारण सेंट पीटर्सबर्ग की अपनी फैक्टरी में मार्च में प्रोडक्शन बंद कर दिया था।