IT कंपनियों में छंटनियां लगातार जारी हैं। छंटनी की इस तलवार से रेगुलर कर्मचारियों समेत ट्रेनी (Trainee) कर्मचारी भी नहीं बच पा रहे हैं। Infosys में ऐसा ही कुछ देखने को मिला है जहां कंपनी ने अपने 240 ट्रेनी कर्मचारियों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है। कहा गया है कि ये ट्रेनी कर्मचारी इंटरनल टेस्ट में पास नहीं हो सके इसलिए इन्हें निकाल दिया गया। कंपनी ने 18 अप्रैल को इस छंटनी की जानकारी दी। इससे पहले फरवरी में भी कंपनी ने 300 से ज्यादा कर्मचारियों को नौकरी से निकाला था।
Infosys ने 240 एंट्री लेवल कर्मचारियों की छंटनी कर डाली है। Infosys ने अपने ट्रेनी कर्मचारियों को एक ईमेल के द्वारा इसकी जानकारी (
via) दी। 18 अप्रैल को भेजे गए ईमेल में लिखा गया, 'आपके अंतिम मूल्यांकन परिणामों की घोषणा के अलावा, आपको यह सूचना दी जा रही है कि आपने अतिरिक्त तैयारी के लिए समय, डाउट क्लीयरिंग सेशंस, कई मॉक एसेसमेंट और तीन प्रयासों के बावजूद 'जेनेरिक फाउंडेशन ट्रेनिंग प्रोग्राम' में योग्यता मानदंडों को पूरा नहीं किया है। जिसके कारण आप ट्रेनी प्रोग्राम के लिए अपने सफर को जारी नहीं रख पाएंगे।'
ईमेल में आगे लिखा गया, 'Infosys के बाहर अवसर तलाशने के आपके सफर में मदद करने के लिए हम आपके लिए प्रोफेशनल आउटप्लेसमेंट सर्विसेस की व्यवस्था कर रहे हैं। आपको BPM इंडस्ट्री में संभावित भूमिकाओं के लिए तैयार करने के लिए Infosys स्पॉन्सर्ड एक्सटर्नल ट्रेनिंग और करियर ऑप्शन भी देना चाहते हैं। ट्रेनिंग खत्म होने पर इंफोसिस बीपीएम लिमिटेड में उपलब्ध अवसरों के लिए भी अप्लाई कर सकते हैं। वहीं, अगर आप अपनी आईटी स्किल्स को निखारना चाहते हैं, तो आपको इंफोसिस स्पॉन्सर्ड आईटी फंडामेंटल्स ट्रेनिंग प्रोग्राम भी उपलब्ध करवाया जा रहा है ताकि आपके IT करियर के सफर को आगे सहारा मिल सके।' बता दें कि ट्रेनी कर्मचारियों को एक महीने का वेतन, रहने की व्यवस्था, मैसूर ट्रेनिंग सेंटर से बेंगलुरु या अपने होमटाउन तक ट्रेवल का किराया भी मिलेगा।
छंटनी के पीछे कंपनी का मकसद मार्केट के हालातों से समन्वय बैठाना है। कंपनी के अनुसार उसे मौजूदा वित्त वर्ष में बहुत कम ऑर्डर मिले हैं जिसके कारण उसके मुनाफे में केवल 0 3 प्रतिशत की वृद्धि आंकी गई है। सेक्टर में
मंदी के कारण कंपनी को छंटनी का कदम उठाना पड़ा। रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका और यूरोप जैसे मार्केट्स में क्लाइंट खर्च में कटौती कर रहे हैं। परिणामस्वरूप कंपनी को मिलने वाले कॉन्ट्रेक्ट्स की संख्या कम हो गई है।