युद्ध के बीच Ukraine पर साइबर हमलों की मार, सरकारी और बैंकिंग वेबसाइटें निशाने पर

पड़ोसी देश लातविया और लिथुआनिया में भी कुछ कंप्‍यूटर्स इसका शिकार हुए हैं।

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प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 24 फरवरी 2022 14:17 IST
ख़ास बातें
  • अज्ञात हमलावरों ने सैकड़ों कंप्यूटरों को मैलवेयर से संक्रमित किया है
  • विदेश मंत्रालय और काउंसिल और मिनि‍स्‍टर्स की वेबसाइटों पर भी अटैक
  • हालांकि यूक्रेन के अधिकारियों ने इस पर कोई कमेंट नहीं किया है

यूक्रेन के विदेश मंत्रालय और काउंसिल और मिनि‍स्‍टर्स की वेबसाइटों को भी निशाना बनाया गया है।

रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के बीच जंग सिर्फ मिसाइलों तक सीमित नहीं है। साइबर अटैक के जरिए भी यूक्रेन पर हमला बोला जा रहा है। यूक्रेन की संसद समेत कई सरकारी और बैंकिंग वेबसाइटों पर बुधवार को साइबर अटै‍क किया गया। साइबर सिक्‍योरिटी रिसर्चर्स ने कहा है कि अज्ञात हमलावरों ने सैकड़ों कंप्यूटरों को मैलवेयर से संक्रमित किया। रिसर्चर्स ने बताया कि पड़ोसी देश लातविया और लिथुआनिया में भी कुछ कंप्‍यूटर्स इसका शिकार हुए हैं। जानकारी के मुताबिक, यूक्रेन के विदेश मंत्रालय और काउंसिल और मिनि‍स्‍टर्स की वेबसाइटों को भी निशाना बनाया गया है। इनकी लोडिंग काफी स्‍लो थी और एक के बाद एक साइबर हमले जारी थे। हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।  

ESET रिसर्च लैब्स ने कहा कि उसने बुधवार को ‘देश की सैकड़ों मशीनों' पर डेटा-वाइपिंग मैलवेयर का पता लगाया। इस तरह का मैलवेयर पहले नहीं देखा गया था। यह नहीं पता चल सका है कि कितने नेटवर्क्‍स इससे प्रभावित हुए हैं। रिसर्च लैब्स ने कहा ने कहा कि कई बड़े संगठन इस मैलवेयर के निशाने पर थे। 
 
वहीं, सिमेंटेक थ्रेट इंटेलिजेंस ने वाइपर मैलवेयर से प्रभावित तीन संगठनों का पता लगाया है। इनमें लातविया और लिथुआनिया में यूक्रेन के सरकारी कॉन्‍ट्रैक्‍टर और यूक्रेन का एक फाइनेंशल इंस्टिट्यूशन शामिल है। ध्‍यान रहे कि लातविया और लिथुआनिया दोनों ही नाटो के मेंबर हैं। एक्‍सपर्ट का कहना है कि साइबर हमलावर इस बात की परवाह भी नहीं कर रहे कि वो जिनको निशाना बना रहे हैं, वो किस देश में हैं।  

जिन तीन संगठनों को निशाना बनाया गया, वह यूक्रेन की सरकार के काफी करीब थे। फाइनेंशियल इंस्टिट्यूट में हुए साइबर अटैक में करीब 50 कंप्‍यूटरों को निशाना बनाया गया। इनका काफी डेटा मिटा दिया गया। वाइपर हमले को लेकर यूक्रेन के सीन‍ियर साइबर डिफेंस ऑफ‍िसर विक्टर जोरा ने कुछ नहीं कहा है। कहा जा रहा है कि इस मैलवेयर को दिसंबर के आखिर में तैयार किया गया था। 

साइबर सिक्‍योरिटी फर्म, ‘सोफोस' के प्रि‍ंसिपल रिसर्च साइंटिस्‍ट चेस्टर विस्निव्स्की ने कहा कि शायद रूस कई महीनों से इसकी योजना बना रहा था। यह कहना मुश्किल है कि इन हमलों की तैयारी में कितने संगठन या एजेंसियां शामिल हैं। शायद हमलावर यह बताना चाहते हैं कि यूक्रेन के बुनियादी ढांचे पर उनका कितना कंट्रोल है। 
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फ‍िलहाल एक्‍सपर्ट यह समझने की कोशिश कर रहे हैं कि हमला कितना गंभीर है। इससे पहले जनवरी में हुए साइबर अटैक में भी यूक्रेन की सरकार और संगठनों की कई वेबसाइटों को निशाना बनाया गया था। उस वक्‍त यूक्रेन ने रूस को इसके लिए जिम्‍मेदार ठहराया था। रूस ने हमने में अपना हाथ होने से इनकार किया था। 

यूक्रेन में साइबर हमले रूसी अटैक का प्रमुख टूल रहा है। माना जाता है कि रूस ने साल 2007 में एस्टोनिया और 2008 में जॉर्जिया के खिलाफ भी साइबर हमले किए थे। 
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