रिकॉर्ड गिरावट देखने के बाद क्रिप्टोकरेंसी बाजार फिर से मजबूती की राह पर चल पड़ा है। सोमवार को क्रिप्टोबाजार में हफ्ते भर के उतार के बाद फिर से चढ़ाव देखने को मिला। चीन के द्वारा क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन पर बैन लगाने के बाद यह पहली बढोत्तरी इस उभरते बाजार के लिए राहत भरी खबर लेकर आई है।
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भारत में कीमत) की कीमत बढ़कर $37,391 (लगभग 27 लाख रुपये) पहुंच गई। इससे पहले यह प्रतिदिन 7.5 प्रतिशत की दर से गिर रही थी। मगर अब यह गिरावट कम होकर 5 प्रतिशत प्रतिदिन पर आई है।
दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथर ने दस प्रतिशत की छलांग लगाई और यह $2,321 (लगभग 1.7 लाख रुपये) पर पहुंच गई। रविवार के दिन इसने 86. प्रतिशत की गिरावट दर्ज की थी जिसके कारण यह अपनी दो महीने की सबसे कम कीमत $1,730 (लगभग 1.2 लाख रुपये) पर पहुंच गई थी।
मंदी का कारक माइनर्स को माना जा रहा है जो पावरफुल कम्प्यूटर मशीनों के जरिये जटिल गणित समीकरणों को सुलझाते हैं। इसके कारण अधिकारियों के द्वारा बढ़ती जांच के मद्देनजर चीन के कुछ ऑपरेशन प्रभावित हुए।
चीन के माइनर्स क्रिप्टोकरेंसी की इस सप्लाई में 70 प्रतिशत का योगदान करते हैं। यही कारण रहा कि बीजिंग में क्रिप्टोकरेंसी बैन की बात उठकर आई।
प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज हुओबी ने सोमवार को चीन में क्रिप्टो माइनिंग और इसकी कुछ व्यापार सेवाएं भी बंद कर दीं। उसने इसके बजाए समुद्रपार व्यापार पर ध्यान देने की बात कही। मार्केट प्लेयर्स ने कहा कि इससे कीमतों पर दबाव पड़ेगा क्योंकि माइनर्स बैलेंस शीट पर बिटकॉइन बेचते हैं।
Q9 Capital के साझेदार प्रबंधक जेम्स क्विन ने कहा, "यदि वे स्टेक्स वो वापस ले रहे हैं तो उन्हें अपनी बैलेंस शीट को लघु अवधि के लिए कम करना होगा।"
मुश्किलों का दौर
क्रिप्टो मार्केट के खिलाड़ियों ने कहा कि चीन के प्रतिबंध के फैसले पर अभी आशंका बनी रहेगी।
Enigma Securities में क्रिप्टो ब्रॉकरेज शोध के प्रमुख जोसेफ एडवार्ड्स ने कहा, "हम अगले सप्ताह तक कुछ स्थिरता की उम्मीद कर सकते हैं मगर कोई भी इस बारे में यह ठोस तरीके से नहीं कह सकता है कि आगे क्या होने वाला है। क्रिप्टो बाजार स्वयं ही काफी मुश्किल दौर से गुजर रहा है और हालात काफी नाजुक हैं।"
शनिवार को बिटकॉइन में कुछ स्थिरता देखी गई जब टेस्ला के मालिक ऐलन मस्क ने क्रिप्टोकरंसी को लेकर फिर से एक ट्वीट किया। इस ट्वीट में उन्होंने फिएट मनी और क्रिप्टो के बीच में क्रिप्टो को सपोर्ट करने की बात कही।
पिछले हफ्ते बिटकॉइन की कीमतों में 25 प्रतिशत की गिरावट आई थी। जिसका कारण क्रिप्टो को लेकर चीन द्वारा लगाई गई सख्ती थी। हालांकि बिटकॉइन की कीमतों में बढोत्तरी देखी जा रही है मगर अभी भी यह पिछले महीने की अपनी पीक वैल्यू $64,895 (लगभग 47 लाख रुपये) से 45 प्रतिशत नीचे ही ट्रेड कर रही है।
फरवरी में टेस्ला ने बिटकॉइन में अपने $1.5 बिलियन (लगभग 10,990 करोड़ रुपये) के निवेश से पर्दा उठाया था। उसके बाद बिटकॉइन को टेस्ला के लिए पेमेंट के रूप में स्वीकृति दी जिससे कीमतों भारी उछाल आया। मगर पिछले दिनों निर्णय पलटते हुए टेस्ला ने इसे पेमेंट रूप में अस्वीकार करार दे दिया और इसकी कीमतें फिर से नीचे आने लगीं।
वहीं इथेरियम की बात करें तो यह मात्र 12 दिनों की समयावधि में आधी कीमतों पर आ गया। गिरावट शुरू होने से पहले इसकी पीक वैल्यू $4,380 (लगभग 3.2 लाख रुपये) थी। इसी के साथ Dogecoin जैसी छोटी क्रिप्टोकरेंसी में भी गिरावट देखने को मिली थी।