ई-रिक्शा में ऑडी (Audi) की बैटरी! यकीन नहीं होता ना? लेकिन ऐसा होने जा रहा है। इंडो-जर्मन स्टार्टअप नुनाम (Nunam) ने अपने ई-रिक्शा में लग्जरी कार मेकर ऑडी की ई-ट्रॉन कार में इस्तेमाल बैटरी को डिप्लॉय किया है। ये ई-रिक्शा अगले साल की शुरुआत में एक पायलट प्रोजेक्ट के तहत भारतीय सड़कों पर उतरने वाले हैं। स्टार्टअप का कहना है कि उसका लक्ष्य पुरानी बैटरियों को सेकेंड-लाइफ पावर स्टोरेज सिस्टम के रूप में उपयोग करने के तरीके विकसित करना है। वह संसाधनों का अधिक कुशलता के साथ इस्तेमाल करना चाहती है।
पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, बर्लिन और बैंगलोर में बेस्ड इस नॉन-प्रॉफिट स्टार्टअप को ऑडी एनवायरनमेंटल फाउंडेशन द्वारा फंड किया जाता है। यह ऑडी, नुनाम और ऑडी एनवायरनमेंटल फाउंडेशन का जॉइंट प्रोजेक्ट है। फाउंडेशन साल 2019 से नुनाम को फंडिंग कर रहा है।
इस स्टार्टअप ने ऑडी की नेकारसुलम साइट पर ट्रेनिंग टीम की मदद से तीन प्रोटोटाइप डेवलप किए हैं। ई-रिक्शा में इस्तेमाल की जाने वालीं बैटरियों को ऑडी ई-ट्रॉन टेस्ट की फ्लीट में रखे टेस्ट व्हीकल्स से लिया गया है। इन ई-रिक्शा को एक नॉन-प्रॉफिट ऑर्गनाइजेशन को उपलब्ध कराने की योजना है। बताया जा रहा है कि विशेषरूप से इन्हें महिलाओं को हैंडओवर किया जाएगा। इस ई-रिक्शा के अलावा यह स्टार्टअप अपने सहयोगियों के साथ मिलकर एक अडिशनल शो-रिक्शा भी डेवलप कर रहा है।
नुनाम के को-फाउंडर प्रोदीप चटर्जी ने कहा कि पुरानी बैटरी अभी भी बेहद पावरफुल हैं। इनका इस्तेमाल बेहतर तरीके से किया जाता है, तो इसका बहुत बड़ा प्रभाव हो सकता है। यह लोगों को कमाई करने आर्थिक स्वतंत्रता हासिल करने में मदद करता है। उन्होंने कहा कि कार बैटरी को कार को लंबे समय तक चलाने के लिए डिजाइन किया जाता है। कुछ समय इस्तेमाल करने के बाद भी उनमें काफी पावर होती है।
स्टार्टअप के मुताबिक, इन बैटरियों से लैस ई-रिक्शा भारतीय सड़कों के लिए बेहतर होंगे, क्योंकि ये ना तो बहुत तेजी से चलते हैं, ना ही लंबी दूरी की यात्रा कराते हैं। यही नहीं इन बैटरियों का इस्तेमाल एलईडी लाइटिंग के लिए भी किया जा सकता है। स्टार्टअप का कहना है कि वह रीसाइकलिंग से पहले बैटरी से हर संभव कोशिश करना चाहती है।