Apple पर लगा 2 अरब डॉलर का जुर्माना, ऐप स्टोर के गलत इस्तेमाल का आरोप

EU ने ऐप स्टोर का इस्तेमाल कॉम्पिटिशन को दबाने के लिए करने पर एपल पर 1.8 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है

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Written by आकाश आनंद, अपडेटेड: 4 मार्च 2024 19:24 IST
ख़ास बातें
  • म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस Spotify ने एपल के खिलाफ शिकायत की थी
  • इसके बाद EU की जांच में कंपनी को दोषी पाया गया था
  • भारत में भी गूगल जैसी कंपनियों के इंटरनेट पर दबदबे की आशंका जताई गई है

हाल ही में EU ने गूगल और मेटा जैसी कुछ बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की थी

दुनिया भर में लोकप्रिय iPhone बनाने वाली अमेरिकी कंपनी Apple पर यूरोपियन यूनियन (EU) ने ऐप स्टोर का इस्तेमाल कॉम्पिटिशन को दबाने के लिए करने पर 1.8 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है। एपल पर आरोप था कि इसने ऐप डिवेलपर्स पर iOS यूजर्स को विकल्प और कम प्राइस वाले म्यूजिक सब्सक्रिप्शन की जानकारी देने से रोका था। 

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, EU के एंटीट्रस्ट रूल्स के तहत ऐसा करना गैर कानूनी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग एक दशक से एपल इस तरीके से कार्य कर रही है। इसका मतलब है कि बहुत से यूजर्स ने म्यूजिक स्ट्रीमिंग सब्सक्रिप्शंस के लिए अधिक प्राइस का भुगतान किया था। स्वीडन की म्यूजिक स्ट्रीमिंग सर्विस Spotify ने इसे लेकर कंपनी के खिलाफ शिकायत दी थी। इसके बाद हुई जांच में एपल को दोषी पाया गया था। हाल ही में EU ने कुछ बड़ी टेक कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इसमें Google और सोशल मीडिया साइट फेसबुक को चलाने वाली Meta पर भारी जुर्माना लगाया गया था। इन कंपनियों पर ऑनलाइन क्लासिफाइड ऐड मार्केट में गलत तरीके अपनाने का आरोप लगा था। इसके अलावा EU ने एपल की मोबाइल पेमेंट्स सर्विस की भी एक अलग जांच शुरू की थी। 

भारत में भी गूगल और मेटा जैसी कंपनियों के इंटरनेट पर दबदबे को लेकर आशंका जताई गई है। पिछले महीने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी राज्यमंत्री Rajeev Chandrasekhar ने कहा था कि डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स और बड़ी टेक कंपनियों के बीच रेवेन्यू की शेयरिंग का मॉडल इन कंपनियों की ओर से झुका है और ये सरकार के लिए चिंता का विषय है। उनका कहना था कि डिजिटल और टेक सेगमेंट को लेकर देश में बड़ा बदलाव हुआ है। देश को अब कम कॉस्ट वाले बैक ऑफिस शुरू करने की जगह के तौर पर नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण पार्टनर के तौर पर देखा जाता है। चंद्रशेखर का कहना था, "कंटेंट को तैयार करने वालों और इसे मॉनेटाइज करने में मदद करने वालों के बीच बड़े असंतुलन को लेकर हम चिंतित हैं। पॉलिसी बनाने के नजरिए से हम इंटरनेट को खुला रखना चाहते हैं। हम नहीं चाहते कि इंटरनेट पर मॉनेटाइजेशन एक, दो या तीन कंपनियों के नियंत्रण में रहे।" 

उन्होंने बताया था कि डिजिटल इंडिया एक्ट से डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स और बड़ी टेक कंपनियों के बीच दिखने वाले असंतुलन की समस्या का समाधान किया जाएगा। पिछले वर्ष गूगल ने सुप्रीम कोर्ट से एंड्रॉयड मार्केट में दबदबे वाली स्थिति का गलत इस्तेमाल करने के लिए कंपनी के खिलाफ दिए गए निर्देशों को खारिज करने की गुहार लगाई थी। 

 
 

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ये भी पढ़े: Smartphone, Demand, European Union, Google, Market, Facebook, Music, Fine, Rules, Apple, Prices

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