एक नई जानकारी में यह सामने आया है कि स्विट्जरलैंड दुनिया का ऐसा पहले देश बनने वाला है जो EV को बैन कर सकता है। यह इसलिए किया जा रहा है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन सर्दियों में लोगों के लिए पर्याप्त पॉवर बची रहे। वादियों का यह खूबसूरत देश अपने पड़ोसियों- फ्रांस और जर्मनी से एनर्जी इम्पोर्ट करता है। हालांकि, इस समय पर इन देशों को नेचुरल गैस की कम सप्लाई के चलते खुद भी एनर्जी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसा रूस-यूक्रेन वॉर के कारण हो रहा है। पिछले कई सालों में पहली बार फ्रांस को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिए एनर्जी इम्पोर्ट करनी पड़ रही है।
क्या स्विट्जरलैंड में EV बैन हो जाएंगी? स्विस फेडरल इलेक्ट्रिसिटी कमीशन ने इस साल जून में पहले ही कह दिया था कि फ्रेंच नुक्लेअर पॉवर जनरेशन की कम उपलब्धता के चलते सर्दियों में पॉवर को लेकर परेशानी हो सकती है। जर्मनी में भी यही परिस्थिति बनी हुई है। इस साल कई वैश्विक मुद्दों के कारण और लो एनर्जी प्रोडक्शन के कारण इन देशों में अपने लिए ही बहुत मुश्किल से पॉवर बची है। इसलिए स्विट्जरलैंड को पॉवर सप्लाई देना शायद ही मुमकिन हो।
इसी के परिणामस्वरूप, एक 4 स्टेप प्लान की पेशकश की गई जिससे एनर्जी के इस्तेमाल को कम किया जा सके। हम सभी को पता है कि
यूरोप में बहुत कड़ाके की ठंड पड़ती है। इसलिए पॉवर का ना होना बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। इसी के चलते, स्विट्जरलैंड में
EV चार्जिंग को शहरों में पॉवर के इस्तेमाल को घटाने के लिए बैन किया जा सकता है। सिर्फ 'बेहद जरूरी यात्रा' के लिए EV को चार्ज करने की अनुमति दी जाएगी।
उम्मीद है कि वॉर की वजह से यह सिर्फ वन-टाइम दिक्कत है और आगे फिर कभी ऐसी परिस्थिति नहीं आएगी। हालांकि, इस परिस्थिति से यह पता चलता है कि ग्लोबल ट्रेड कितना आवश्यक है और कैसे एक हिस्से के मुद्दे दुनिया के दूसरे देशों को प्रभावित कर सकते हैं।