What is Space Laser : क्‍या हैं स्‍पेस लेजर हथियार? ईरानी राष्‍ट्रपति के हेलीकॉप्‍टर क्रैश के बाद हो रही चर्चा

What is Space Laser : कहा जा रहा है कि स्‍पेस लेजर के जरिए हेलीकॉप्‍टर Bell 212 (बेल टू-ट्वेल्‍व) को निशाना बनाया गया।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 21 मई 2024 17:04 IST
ख़ास बातें
  • ईरानी राष्‍ट्रपति का हेलीकॉप्‍टर क्रैश
  • सामने आ रही स्‍पेस लेजर की थ्‍याेरी
  • ये वेपन्‍स काफी वक्‍त से डेवलप किए जाते रहे हैं

लेजर का इस्‍तेमाल तमाम क्षेत्रों में हो रहा है, लेकिन हम इसके मिलिट्री इस्‍तेमाल पर बात कर रहे हैं। (सांकेतिक तस्‍वीर)

Photo Credit: Unsplash

Space Laser : ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (ebrahim raisi death news) एक हेलीकॉप्‍टर क्रैश में मारे गए। जब से यह खबर दुनिया के सामने आई है, अलग-अलग थ्‍योरीज सामने आ रही हैं। हेलीकॉप्‍टर क्रैश की वजह अभी स्‍पष्‍ट नहीं है, लेकिन सोशल मीडिया में बहुत से लोग इसे स्‍पेस लेजर (Space Laser) का हमला बता रहे हैं। कहा जा रहा है कि आसमान में स्‍पेस लेजर के जरिए ईरानी राष्‍ट्रपति के हेलीकॉप्‍टर Bell 212 (बेल टू-ट्वेल्‍व) को निशाना बनाया गया। ऐसे में जानना जरूरी है कि स्‍पेस लेजर क्‍या है? 
 

high-energy laser weapons  

लेजर का इस्‍तेमाल तमाम क्षेत्रों में हो रहा है, लेकिन यहां हम इसके मिलिट्री इस्‍तेमाल पर बात कर रहे हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर के देश जमीन और समुद्र के अलावा हवा और स्‍पेस में मिलिट्री ऑपरेशंस के लिए हाई-एनर्जी वाले लेजर वेपन्‍स डेवलप कर रहे हैं। इन्‍हें मिसाइल बेस्‍ड वेपन सिस्‍टम के मुकाबले प्रभावी और सस्‍ता माना जा रहा है। 

कोई भी लेजर फोटॉन या लाइट पार्टिकल्‍स को जनरेट करने के लिए इलेक्ट्रिसिटी का यूज करता है। फोटॉन जनरेट होने के बाद एक ऐसे मटीरियल से गुजरते हैं, जो एडिशनल फोटॉनों का एक झरना सा बनाती है और बहुत तेजी से फोटॉनों की संख्या बढ़ाती है। फिर सभी फोटॉनों को एक बीम डायरेक्‍टर के जरिए नैरो बीम में फोकस्‍ड किया जाता है। 

रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी आर्मी एक ट्रक-बेस्‍ड हाई-एनर्जी लेजर को डेवलप कर चुकी है, ताकि कई टार्गेट्स जैसे- ड्रोन, हेलीकॉप्‍टर, मोर्टार शेल्‍स और रॉकेट्स को निशाना बनाया जा सके। इसे एक वीकल में फ‍िट किया गया है। अमेरिकी आर्मी ने इसी साल फरवरी में ऐसे चार सिस्‍टमों को टेस्टिंग के लिए उतारा था। 
 

1960 से चल रहा काम

लेजर को सबसे पहले 1960 के दशक में अनवील किया गया था। तब से अबतक वैज्ञानिकों और इंजीनियरों ने कई तरह के लेजर डेवलप किए हैं। ये इन्‍फ्रारेड से लेकर अल्‍ट्रावॉयलट तक और इले‍क्‍ट्रोमैग्‍नेटिक स्‍पेक्‍ट्रम से लेकर अलग-अलग वेवलेंथ में फोटॉन पैदा करते हैं। 

मिलिट्री यूज के लिए जो लेजर इस्‍तेमाल हो रहे हैं, वो सॉलिड-स्‍टेट लेजर पर बेस्‍ड हैं और इनपुट इलेक्‍ट्र‍िकल एनर्जी को फोटॉन में बदलने के लिए खास क्र‍िस्‍टल का इस्‍तेमाल करते हैं। इनकी एक खास‍ियत यह है कि इंसानी आंखें इन लेजर को नहीं देख सकतीं। खास बात है कि कोई भी देश इन वेपन्‍स के इस्‍तेमाल की बात नहीं कबूलता। 
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ईरानी राष्‍ट्रपति की मौत के बाद कयास!

सोशल मीडिया प्‍लेटफॉर्म एक्‍स पर @DianaWallace888 नाम की यूजर ने ईरानी राष्‍ट्रपति के हेलीकॉप्‍टर क्रैश को स्‍पेस लेजर से जोड़ा है। उनके पोस्‍ट को अबतक करोड़ों व्‍यूज मिले हैं। कई और सोशल मीडिया यूजर्स ने ईरानी राष्‍ट्रपति के हेलीकॉप्‍टर क्रैश में स्‍पेस लेजर की थ्‍योरी पेश की है। 

 
 
 

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