रूस-यूक्रेन युद्ध को एक महीना होने जा रहा है और क्रिप्टो सेक्टर में अस्थिरता जारी है। सोमवार यानी 21 मार्च को बिटकॉइन ने 0.39 फीसदी की मामूली गिरावट के साथ कारोबार शुरू किया। इंडियन एक्सचेंज कॉइनस्विच कुबेर के अनुसार सबसे कम नुकसान के बाद यह क्रिप्टोकरेंसी अपनी वैल्यू 42,168 डॉलर (लगभग 32 लाख रुपये) पर बनाए रखने में कामयाब रही। इंटरनेशल एक्सचेंजों पर BTC को जरूर थोड़ा बड़ा नुकसान हुआ है। बिनेंस और कॉइनबेस पर बिटकॉइन की कीमतों में 1.20 फीसदी की गिरावट आई है, जिससे इसकी ट्रेडिंग वैल्यू 40,474 डॉलर (लगभग 31 लाख रुपये) पर आ गई।
Gadgets 360 के
क्रिप्टो प्राइस ट्रैकर के अनुसार सोमवार को ज्यादातर altcoins के प्राइस चार्ट में उतार-चढ़ाव दिखाई दिया।
Binance Coin,
Ripple और
Cardano में तो एक फीसदी से कम की गिरावट देखी गई, लेकिन
Terra,
Solana और
Avalanche में क्रमशः 5.79 प्रतिशत, 3.56 प्रतिशत और 3.86 प्रतिशत की गिरावट आई।
मीम कॉइंस-
Shiba Inu और
Dogecoin की कीमतें संभल नहीं पा रही हैं। इस हफ्ते भी इन कॉइंस ने 2 फीसदी के नुकसान के साथ ट्रेडिंग शुरू की है।
हालांकि तमाम कॉइंस को हुए नुकसान के बीच
Ether की स्थिति कुछ संभली है। मार्केट कैप के हिसाब से दुनिया की इस दूसरी सबसे कीमती क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस चार्ज ने मुनाफा देखा है। CoinMarketCap के अनुसार, 0.44 प्रतिशत के प्रॉफिट के साथ Ether 2,907 डॉलर (लगभग 2 लाख रुपये) पर कारोबार कर रही है। इसके साथ ही Tether, USD Coin, Binance USD और Chainlink ने भी प्रॉफिट कमाया है। Qtum, SushiSwap, Augur, DOGEFI और Bitcoin Hedge जैसी अंडरडॉग क्रिप्टोकरेंसी ने भी मामूली लाभ हासिल किया है।
इस सेक्टर में स्थिरता लाने के लिए तमाम कोशिशें की जा रही हैं। हाल के दिनों में दुबई को अपने क्रिप्टो कानूनों के लिए मंजूरी मिली है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री की सरकारी निगरानी से प्रोग्राम के आदेशों पर साइन किए हैं और यूरोपीय यूनियन ने बिटकॉइन बैन के खिलाफ वोटिंग की है। इन फैसलों से क्रिप्टो के भविष्य को लेकर सकारात्मक संकेत मिले हैं। ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने भी बिजनेसेज और लोगों से डिजिटल असेट्स को लेकर फीडबैक लेना शुरू कर दिया है।
बहरहाल, पिछले हफ्ते के मुकाबले क्रिप्टोकरेंसी सेक्टर का ओवरऑल मार्केट थोड़ा बढ़ गया है।
CoinMarketCap के अनुसार, फिलहाल यह 1.84 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 1,40,62,231 करोड़ रुपये) पर है। 17 मार्च को यही आंकड़ा 1.82 ट्रिलियन डॉलर (करीब 1,38,57,131 करोड़ रुपये) था।