ऑनलाइन स्कैम्स की जांच करने वाले US-बेस्ड YouTuber और इंटरनेट पर्सनैलिटी कॉफीजिला (Coffeezilla) ने नॉन फंजिबल टोकन (NFT) स्कैमर्स की एक कथित साजिश का खुलासा किया है। दावा है कि इस साजिश से 20 मिलियन डॉलर (लगभग 150 करोड़ रुपये) कमाए जा सकते थे। अपने एक हालिया वीडियो में 9,50,000 सब्सक्राइबर्स वाले इस यूट्यूबर ने बताया है कि स्कैमर्स ने निवेशकों को धोखा देने के लिए कैसे स्क्वीगल्स NFT प्रोजेक्ट का इस्तेमाल करने की कोशिश की। इस प्रोजेक्ट को काफी पॉपुलैरिटी मिली और आरोप लगाया गया कि इसने कई शैडो क्रिप्टो वॉलेट्स को लुभाया। ये वॉलेट्स वॉल्यूम बढ़ाने में लगे थे। हालांकि इस प्रोजेक्ट को NFT मार्केटप्लेस OpenSea से वापस ले लिया गया है।
कॉफीजिला उर्फ स्टीफन फाइंडेसेन (Stephen Findeisen) का दावा है कि जब इस प्रोजेक्ट को OpenSea पर लिस्ट किया गया था, तब इसने एक शख्स द्वारा बनाए गए नकली वॉलेट्स की सीरीज को खोजा।
अपनी फाइंडिंग्स को समझाते हुए यूट्यूबर ने खुलासा किया कि एक सिंगल अकाउंट ने दो ट्रांजैक्शन में मौजूद 800ETH (17.5 करोड़ रुपये) खर्च किए। इसके बदले सैकड़ों नए वॉलेट बनाए गए। कॉफीजिला का दावा है कि इसका मकसद लोगों में भ्रम पैदा करना था।
प्रोजेक्ट के लॉन्च होने से पहले ही इस पर संदेह होने लगा था, क्योंकि एक अनाम यूजर ने
स्क्वीगल्स के फाउंडर्स पर आरोप लगाते हुए 60 पेजों की एक रिपोर्ट पब्लिश की थी। स्कैमर्स ने कथित तौर पर करीबी दोस्तों को नकली गिफ्ट देकर स्क्वीगल्स को बढ़ावा दिया। स्कैमर्स की टीम ने एक ऑफिस भी किराए पर लिया और खुद को पाक-साफ दिखाने के लिए कर्मचारियों को भी रखा।
कॉफीजिला के अनुसार, उस अनाम शख्स को बदनाम करने के लिए इस प्रोजेक्ट के फाउंडर, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में अपने वेरिफाइड ट्विटर अकाउंट्स का फायदा उठा रहे हैं। दिलचस्प बात यह है कि जिन यूजर्स ने उस रिपोर्ट के बारे में ज्यादा पूछताछ की, उन्हें स्क्वीगल्स डिस्कॉर्ड चैनल पर बैन कर दिया गया।
Finbold की एक
रिपोर्ट के अनुसार, संदिग्धों की पहचान गेविन, गेबे, अली और एक ऐसे शख्स के रूप में हुई है, जो शायद हाईस्कूल का स्टूडेंट है। एक आरोपी, जो बाकी के लिए काम कर रहा है, उसने खुद को बेकसूर बताया है और तमाम आरोपों से इनकार करते हुए वीडियो भी जारी किया है।