क्रिप्टोकरेंसी का भारत में क्या होगा, इसको लेकर अनिश्चिचता बनी हुई है। बहरहाल, क्रिप्टो सेक्टर में कड़े प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव करने वाले क्रिप्टोकरेंसी बिल को लेकर जानकारी सामने आई है। रिपोर्टों के मुताबिक, संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान इस बिल के पेश होने की उम्मीद नहीं है। सूत्रों का हवाला देते हुए कुछ रिपोर्टों में कहा गया है, सरकार इस बारे में जानकारी जुटा रही है कि बाकी देश कैसे क्रिप्टोकरेंसी को रेग्युलेट करने की योजना बना रहे हैं। क्रिप्टो बिल को संसद के एजेंडे में लिस्ट किए जाने के एक महीने बाद यह डिवेलपमेंट हुआ है। बिल को अब तक इस संसद सत्र में नहीं लाया गया है। संसद का अगला सत्र बजट सत्र होगा। यह फरवरी 2022 में शुरू होगा।
CNBC TV18 की एक
रिपोर्ट ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है, ‘सरकार यह देखना चाहती है कि यूरोपीय यूनियन (EU) और बाकी जगह क्रिप्टोकरेंसी पर ग्लोबल स्टैंडर्ड कैसे डिवेलप होते हैं।'
क्रिप्टोकरेंसी मार्केट को पिछले महीने बड़ा झटका लगा था, जब संसदीय एजेंडे में यह बिल आया था। इस बिल में
देश में सभी प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी को ऑपरेट करने से रोकने का प्रस्ताव है।
प्रस्तावित बिल से यह बात भी निकलकर सामने आई है कि भारत सरकार की दिलचस्पी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लॉन्च करने में है।
क्रिप्टोकरेंसी फ्रेमवर्क के बारे में ज्यादा गहराई से समझने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) स्विट्जरलैंड में स्थित बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट (BIS) से भी जानकारी ले रहे हैं।
क्रिप्टोकरेंसी बिल संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान पेश किया जाने वाला था। इसे इस महीने की शुरुआत में कैबिनेट को मंजूरी के लिए भेजा गया था। तब से बिल पर कोई आधिकारिक कमेंट नहीं आया है। 2021 के बजट सत्र के लिए भी यही बिल लिस्ट किया गया था। उस समय भी इस पर चर्चा नहीं हुई।
इस बीच, भारत के क्रिप्टो स्पेस में काफी कुछ देखने को मिल रहा है।
Watcher Guru और BrokerChoose जैसी रिसर्च फर्मों के कई अध्ययनों से पता चला है कि दुनिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो इन्वेस्टर भारत में हैं। यह संख्या करीब 10 करोड़ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी क्रिप्टोकरेंसी पर अपनी बात कह चुके हैं। इसी महीने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा आयोजित एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी ने कहा था कि सोशल मीडिया और क्रिप्टोकरेंसी जैसी उभरती टेक्नॉलजीस के लिए हमें संयुक्त रूप से वैश्विक मानदंडों को आकार देना चाहिए, ताकि उनका इस्तेमाल लोकतंत्र को सशक्त बनाने के लिए किया जा सके, न कि कमजोर करने के लिए।
एक रिपोर्ट से पता चलता है कि इस साल क्रिप्टो सेक्टर से संबंधित कंपनियों ने वेंचर कैपिटल फर्मों से इन्वेस्टमेंट और फंडिंग के जरिए $30 बिलियन (लगभग 2,27,617 करोड़ रुपये) जुटाए हैं, जो अबतक का सबसे ज्यादा कलेक्शन है।