क्रिकेट NFT प्लेटफॉर्म Rario को मिली 12 करोड़ डॉलर की फंडिंग

इस फर्म की शुरुआत पिछले वर्ष हुई थी। इसने अब तक ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका और भारत सहित 20 देशों में खेलों के प्रशंसकों को 50,000 से अधिक NFT बेचे हैं

क्रिकेट NFT प्लेटफॉर्म Rario को मिली 12 करोड़ डॉलर की फंडिंग
ख़ास बातें
  • इस फर्म की शुरुआत पिछले वर्ष हुई थी
  • क्रिप्टो एसेट्स की ट्रेडिंग बढ़ाने में NFT का बड़ा योगदान है
  • NFT में ब्लॉकचेन से यूनीक आइटम्स के टोकन्स को ऑथेंटिकेट किया जाता है
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क्रिकेट से जुड़े नॉन-फंजिबल टोकन (NFT) प्लेटफॉर्म Rario को Dream Capital की अगुवाई वाले सीरीज A फंडिंग राउंड में 12 करोड़ डॉलर मिले हैं। यह पहला क्रिकेट NFT प्लेटफॉर्म है। Rario का दावा है कि उसके पास छह इंटरनेशनल क्रिकेट लीग और 900 से अधिक क्रिकेटर्स के रोस्टर के साथ दुनिया में क्रिकेट NFT राइट्स का सबसे बड़ा हिस्सा है। 

इस फंडिंग राउंड में शामिल अन्य इनवेस्टर्स में Alpha Wave Global, Animoca Brands, Presight Capital और Kingsway Capital हैं। Rario के पास ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट टीम के कप्तान Aaron Finch, Faf Du Plessis और Jason Holder सहित 30 से अधिक एक्सक्लूसिव ब्रांड एम्बेस्डर्स हैं। यह भारतीय क्रिकेट प्रशंसकों को ऑफिशियल तौर पर लाइसेंस वाले क्रिकेट मैचों के मूमेंट्स की ब्लॉकचेन पर ट्रेडिंग की सुविधा देती है। इसके अलावा सामान्य करेंसी से जुड़े क्रेडिट कार्ड जैसे पेमेंट के जरियों से NFT की खरीद, बिक्री और ट्रेडिंग की जा सकती है। यह NFT प्लेटफॉर्म हीरो कैरिबियन लीग, लंका प्रीमियर लीग और अबु धाबी T10 लीग जैसे क्रिकेट टूर्नामेंट्स के लिए NFT सीरीज प्रोड्यूस करता है। 

इस फर्म की शुरुआत पिछले वर्ष हुई थी। इसने अब तक ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, अमेरिका और भारत सहित 20 देशों में खेलों के प्रशंसकों को 50,000 से अधिक NFT बेचे हैं। इसने ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के साथ ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट मेटावर्स बनाने के लिए पार्टनरशिप भी की है।

हाल के महीनों में NFT की लोकप्रियता बढ़ी है। क्रिप्टो एसेट्स की ट्रेडिंग बढ़ाने में  NFT का बड़ा योगदान है। पिछले वर्ष NFT की सेल्स लगभग 25 अरब डॉलर की थी। स्पोर्ट्स क्लब, ऑटोमोबाइल कंपनियां और पॉप स्टार्स भी इस कारोबार में उतर रहे हैंNFT में ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से यूनीक आइटम्स के टोकन्स को ऑथेंटिकेट किया जाता है जो दोबारा प्रोड्यूस किए जा सकने वाले डिजिटल एसेट्स से जुड़े होते हैं। इनमें आर्ट, म्यूजिक, इन-गेम आइटम्स और वीडियो शामिल हो सकते हैं। इनकी ऑनलाइन ट्रेडिंग की जा सकती है लेकिन इन्हें डुप्लिकेट नहीं किया जा सकता। NFT का कारोबार बढ़ने के साथ ही इनसे जुड़े स्कैम के मामलों में भी तेजी आई है। ऐसे कुछ मामलों में NFT खरीदने वालों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है। इस वजह से बहुत से देशों में रेगुलेटर्स ने इस सेगमेंट की निगरानी कड़ी करने की जरूरत बताई है। 
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