Google और Facebook जितनी बिजली खर्च कर रहे, उससे 8 गुना ज्‍यादा Bitcoin बनाने में लग रही

बिटकॉइन सबसे अधिक बिजली खर्च करने वाली क्रिप्टोकरेंसी है। इसके सिंगल ट्रांजैक्‍शन के लिए औसतन 1,173 किलोवॉट-घंटे (kWh) बिजली चाहिए होती है।

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प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 31 दिसंबर 2021 14:10 IST
ख़ास बातें
  • Google 12TWh बिजली इस्‍तेमाल करता है
  • यह बिटकॉइन के एनर्जी यूज का लगभग 12वां हिस्‍सा है
  • ये आंकड़े पृथ्वी के लिए गंभीर तस्वीर पेश करते हैं

एक बिटकॉइन ट्रांजैक्‍शन में जितनी बिजली चाहिए, उतने में ब्रिटेन में एक घर को तीन महीने से ज्‍यादा बिजली दी जा सकती है।

बिटकॉइन (Bitcoin) को लेकर दुनिया इसलिए भी चिंतित है, क्‍योंकि इसकी माइनिंग में बहुत ज्‍यादा बिजली खर्च होती है। पर्यावरण पर इसका गंभीर असर पड़ता है। आंकड़े बताते हैं कि बिटकॉइन माइन में सालाना खपत की जाने वाली बिजली Google और Facebook द्वारा इस्‍तेमाल की जाने वाली इलेक्ट्रिसिटी से आठ गुना ज्‍यादा है। बिटकॉइन माइन में जितनी बिजली खर्च हो रही है, उससे कम तो नॉर्वे और स्विटजरलैंड इस्‍तेमाल करते हैं। आंकड़े बताते हैं कि बिटकॉइन माइनिंग में हर साल 143 टेरावॉट-घंटे (TWh) बिजली खर्च होती है, जो कई यूरोपीय देशों के इस्‍तेमाल से ज्‍यादा है। इसे आप ऐसे भी समझ सकते हैं कि ग्‍लोबल डेटा सेंटर्स हर साल 205TWh बिजली खपत करते हैं, जबकि अकेले बिटकॉइन इस आंकड़े की 70 फीसदी बिजली खपत करता है।

डेटा प्रोवाइडर TradingPlatforms के अनुसार, दुनिया का सबसे बड़ा सर्च इंजन Google 12TWh बिजली इस्‍तेमाल करता है, जो बिटकॉइन के एनर्जी यूज का लगभग 12वां हिस्सा है। फेसबुक को अपने कामकाज के लिए 5TWh बिजली की जरूरत होती है, क्रिप्टोकरेंसी की बिजली जरूरतों का सिर्फ 3.5 फीसदी है। नॉर्वे और स्विट्जरलैंड जैसे देशों को क्रमशः 124TWh और 56TWh बिजली की जरूरत होती है।  

TradingPlatforms के लेखक एडिथ रीड्स कहते हैं कि ये आंकड़े ‘पृथ्वी के लिए गंभीर तस्वीर पेश करते हैं'। वह कहते हैं कि बिटकॉइन की बढ़ती माइनिंग की वजह से यह आंकड़ा बढ़ना तय है।

डेटा प्रोवाइडर Money Supermarket के एक अध्ययन के अनुसार, बिटकॉइन सबसे अधिक बिजली खर्च करने वाली क्रिप्टोकरेंसी है। इसके सिंगल ट्रांजैक्‍शन के लिए औसतन 1,173 किलोवॉट-घंटे (kWh) बिजली चाहिए होती है। यह कितना अधिक है, इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि UK में एक परिवार के लिए महीने भर की बिजली जरूरत 350किलोवॉट-घंटे है। यानी एक बिटकॉइन ट्रांजैक्‍शन में जितनी बिजली चाहिए, उतने में ब्रिटेन में एक घर को तीन महीने से ज्‍यादा बिजली दी जा सकती है। 

दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी ईथीरियम Ethereum को हर ट्रांजैक्‍शन के लिए 87.29kWh बिजली की जरूरत होती है। यह बिटकॉइन की जरूरत का 7.4 प्रतिशत है। इसके बाद बिटकॉइन कैश और लाइटकॉइन का नंबर है। इन्‍हें 19kWh बिजली चाहिए होती है, जबक‍ि बाकी क्रिप्‍टोकरेंसी को 1kWh से भी कम बिजली चाहिए होती है। 
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कैंब्रिज यूनि‍वर्सिटी के रिसर्चर्स ने अप्रैल में बताया था कि बिटकॉइन की सालाना ऊर्जा खपत, संयुक्त अरब अमीरात से ज्‍यादा है। बिटकॉइन माइनिंग से उपजी पर्यावरण चिंताओं की वजह से ही चीन ने जून में सिचुआन प्रांत में बिटकॉइन माइनिंग को बंद कर दिया था। 

CoinMarketCap के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह तक बिटकॉइन की कीमत 46,412.75 डॉलर थी, जो पिछले 24 घंटों में लगभग 3% कम है। ओवरऑल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट 2.17 ट्रिलियन डॉलर से अधिक हो गया है। 
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ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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