Bitcoin एक बार उछाल खाकर फिर से गोता लगा दिया है। मई महीने में हुई मार्केट क्रेश के लगभग तीन महीने के बाद विश्व की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी की कीमत इसके साल के उच्चतम स्तर के करीब पहुंची थी। मगर एक बार उछाल खाने के बाद इसकी कीमत फिर से नीचे आना शुरू हो गई है। 50,000 डॉलर (लगभग 37.1 लाख रुपये) के स्तर से ऊपर यह डिजिटल कॉइन ज्यादा समय तक टिक नहीं पाया।
सबसे बड़ी
क्रिप्टोकरेंसी गुरुवार को 4.4 प्रतिशत गिरकर 46,588 डॉलर (लगभग 34.6 लाख रुपये) हो गई, जिसमें Ether सहित अन्य टोकन Bloomberg Galaxy Crypto Index के साथ पीछे खिसक गए। गिरावट ने Bitcoin की रैली को जुलाई के निचले स्तर से लगभग 60 प्रतिशत तक कम कर दिया। 27 अगस्त को सुबह 11 बजे (IST) तक
भारत में ईथर की कीमत 2.44 लाख रुपये और
भारत में बिटकॉइन की कीमत 37.09 लाख रुपये थी।
Bollinger bands के आविष्कारक John Bollinger ने एक ट्वीट में कुछ लाभ या हेजिंग लेने का सुझाव दिया। Fairlead Strategies में केटी स्टॉकटन ने DeMark मार्केट-टाइमिंग इंडिकेटर्स का हवाला देते हुए "बग़ल से लेकर कम तक" कीमतों के बारे में दो सप्ताह का संकेत दिया।
एक तथाकथित बिंदु और आंकड़ा विश्लेषण - जो बिना समय के आयाम के कीमतों की दिशा को उजागर करता है - संकेत देता है कि बिटकॉइन को समापन के आधार पर 50,940 डॉलर (लगभग 37.7 लाख रुपये) के स्तर के लिए एक चुनौती का सामना करना पड़ता है। पॉइंट और फिगर चार्ट की 45-डिग्री ट्रेंड-लाइन को तोड़ने में विफलता मंदी को मजबूत करने के संकेत के रूप में देखी जा सकती है।
पिछले कुछ दिनों से क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में लगातार सुधार देखा जा रहा था। मगर इस सप्ताह की शुरुआत से कीमतों एक बिंदु तक उठने के बाद फिर से नीचे आने लगी हैं। जहां एक और सभी कॉइन्स ने गिरावट दर्ज की वहीं कार्डानो की कीमत ने इसके विपरीत काफी वृद्धि दर्ज की। क्रिप्टोबाजार अस्थिरताओं का बाजार है इसलिए इसके लिए सटीक अनुमान लगाना सरल नहीं है ये तथ्य मई के मार्केट क्रैश के बाद भी साबित हो चुका है।