क्‍या Bitcoin के बदले अपने टैंक सरेंडर कर रहे रूसी सैन‍िक?

सरेंडर करने वाले हरेक मिलिट्री व्‍हीकल के लिए इस हैकर ग्रुप ने बिटकॉइन में 52 हजार डॉलर (लगभग 39 लाख रुपये) से अधिक का भुगतान करने का वादा किया है।

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शॉमिक सेन भट्टाचार्जी, अपडेटेड: 3 मार्च 2022 19:53 IST
ख़ास बातें
  • पॉपुलर हैक्टिविस्ट संगठन ‘एनोनिमस’ की ओर से यह ऑफर दिया गया है
  • बदले में सैनिकों को उनके टैंकों को सरेंडर करने के लिए कहा गया है
  • बताया जा रहा है कि कई रूसी सैनिक इसके लिए तैयार भी हुए हैं

इस इंटरनेशल हैकर ग्रुप ने 26 फरवरी को रूस के खिलाफ ‘साइबर-वॉर’ का ऐलान किया था।

रूस और यूक्रेन युद्ध में क्रिप्‍टोकरेंसी पेशकश की खबरें भी सामने आ रही हैं। रिपोर्टों के मुताबिक, पॉपुलर हैक्टिविस्ट संगठन ‘एनोनिमस' की ओर से रूसी सैनिकों को बिटकॉइन (Bitcoin) की पेशकश की गई है। बदले में उन्‍हें उनके टैंकों को सरेंडर करने के लिए कहा गया है। सरेंडर करने वाले हरेक मिलिट्री व्‍हीकल के लिए इस हैकर ग्रुप ने बिटकॉइन में 52 हजार डॉलर (लगभग 39 लाख रुपये) से अधिक का भुगतान करने का वादा किया है। इस इंटरनेशल हैकर ग्रुप ने 26 फरवरी को रूस के खिलाफ ‘साइबर-वॉर' का ऐलान किया था। रूस के खिलाफ कई साइबर हमलों का दावा किया गया था। ग्रुप ने बताया है कि हमले की शुरुआती दो दिनों में उसने 300 से ज्‍यादा रूसी टार्गेट्स को हैक किया और 1 बिलियन रूबल (लगभग 75 करोड़ रुपये) से ज्‍यादा जुटाए हैं। 

BeInCrypto की एक रिपोर्ट के अनुसार, कई रूसी सैनिक ‘एनोनिमस' के दावों से सहमत होने के इच्छुक हैं और बिटकॉइन के बदले अपने टैंकों को ट्रेड करना चाहते हैं। इसके लिए उन्‍हें सफेद झंडा लहराना होगा और हैकर ग्रुप को पहचानने के लिए ‘मिलियन' वर्ल्‍ड का इस्‍तेमाल करना होगा। ‘एनोनिमस' ने अपने कथ‍ित बयान में कहा है कि जो रूसी सैनिक अपने परिवारों, बच्चों के साथ रहना चाहते हैं और मरना नहीं चाहते, उनके लिए ‘एनोनिमस' कम्‍युनिटी ने Bitcoin में रकम जुटाई है।  

फरवरी के आखिर में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उनकी सरकार के खिलाफ ‘साइबर वॉर' की घोषणा करने के बाद इस ग्रुप ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया। इसमें चेतावनी दी गई थी कि अगर यूक्रेन पर हमलों को नहीं रोका गया, तो रूसी नेता ‘दुनिया के हर कोने से साइबर हमलों का सामना करेंगे'।

हाल ही में एनोनिमस ने दावा किया था कि उससे जुड़े एक हैकर ग्रुप ने रूस की स्‍पेस एजेंसी ‘रोस्कोस्मोस' को बंद कर दिया था। हैकर ग्रुप ने एक ट्वीट के जरिए कहा था कि रूसी अधिकारियों का ‘अपने जासूसी उपग्रहों पर कोई नियंत्रण नहीं है।' हालांकि रोस्कोस्मोस के डायरेक्‍टर जनरल दिमित्री ओलेगोविच रोगोजिन ने इन दावों का खंडन किया। उन्‍होंने कहा कि यह सच नहीं है। हमारे सभी स्‍पेस एक्टिविटी कंट्रोल सेंटर सामान्य रूप से काम कर रहे हैं।

एक ओर यूक्रेनी सेना सीधी लड़ाई में रूस को रोकने की कोशिश कर रही है, वहीं यह देश साइबर हमलों के जरिए भी रूस का मुकाबला कर रहा है। यूक्रेन के उपप्रधान मंत्री, मायखाइलो फेडोरोव ने कुछ दिन पहले ऐलान किया था कि उनकी सरकार एक IT आर्मी तैयार करेगी। 
 
 

ये भी पढ़ेंभारतीय एक्सचेंजों में क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें

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