संसद में मंगलवार को पेश किए गए केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने डिजिटल असेट्स की सेल से होने वाले मुनाफे पर 30 फीसदी टैक्स लगाने की घोषणा की। क्रिप्टोकरेंसी भी इसमें शामिल है। दूसरी ओर, ऐसी खबरें हैं कि थाईलैंड क्रिप्टो मुनाफे पर 15 फीसदी टैक्स लगाने की योजना से पीछे हट रहा है। 15 फीसदी टैक्स को लेकर थाइलैंड के युवा भारी विरोध कर रहे हैं। थाइलैंड ने इस साल की शुरुआत में ट्रेडिंग और माइनिंग समेत असेट्स पर कैपिटल गेन टैक्स लगाने की योजना बनाई थी।
फाइनेंशियल टाइम्स की एक
रिपोर्ट के अनुसार, देश के ट्रेडर्स द्वारा कड़ा विरोध जताए जाने के बाद थाईलैंड 15 फीसदी
क्रिप्टोकरेंसी टैक्स लागू करने की अपनी शुरुआती योजना में आगे नहीं बढ़ेगा। वहां के क्रिप्टो मार्केट के सपोर्टर्स का दावा है कि हाई टैक्सेशन की वजह से मार्केट का दम घुट जाएगा। थाईलैंड के रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने मार्केट में अच्छी ग्रोथ देखने के बाद क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग पर निगरानी को मजबूत करने की योजना बनाई है।
थाईलैंड के रेवेन्यू डिपार्टमेंट के नए नियमों के मुताबिक, ट्रेडर्स को उस साल हुए मुनाफे के मुकाबले अपने सालाना नुकसान की भरपाई की इजाजत दी जाएगी। क्रिप्टो एक्सचेंज Upbit के CEO और थाईलैंड डिजिटल एसेट ऑपरेटर्स ट्रेड एसोसिएशन के पीट पीराडेज तानरुंगपोर्न (Pete Peeradej Tanruangporn) ने कहा कि रेवेन्यू डिपार्टमेंट ने कई होमवर्क किए और क्रिप्टो ऑपरेटरों की प्रतिक्रिया जानी। यह निवेशकों और उद्योग दोनों के लिए अनुकूल है।
बैंक ऑफ थाईलैंड समेत देश के सेबी और वित्त मंत्रालय ने पिछले हफ्ते डिजिटल करेंसी पेमेंट को बैन करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने की योजना की घोषणा की थी।
दुनिया भर की सरकारें क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने के एजेंडे के तहत टैक्सेशन, निवेशकों के हित और एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग जैसे पहलुओं को सर्वोच्च प्राथमिकता के रूप में देख रही हैं। डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) और नॉन-फंजिबल टोकन्स (NFT) के एरिया में जबरदस्त ग्रोथ के कारण पिछले दो साल में असेट क्लास में काफी ग्रोथ हुई है।
कई देश इस बात पर फोकस कर रहे हैं कि क्रिप्टो मार्केट पर टैक्स कैसे लगाया जाए। भारत असेट क्लास के लिए टैक्स की घोषणा करने वाला सबसे नया देश बन गया है। ऐसा लगता है कि भारत सरकार ने आम जनता को क्रिप्टो से हतोत्साहित करने का कोशिश का रास्ता चुना है। इसमें 30 फीसदी की दर से टैक्स लगाने की बात कही गई है, जो लॉटरी, गेम शो आदि पर लगने वाले टैक्स के बराबर है और बहुत अधिक है।