भारत के चंद्रयान-3 (
Chandrayaan-3) मिशन के लिए आज एक और अहम दिन है। भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने बताया है कि चंद्रयान-3 का स्पेसक्राफ्ट आज यानी शनिवार 5 अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसे लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन (LOI) कहा गया है, जिसके लिए शाम 7 बजे का वक्त निर्धारित है। इसरो के अनुसार, 14 जुलाई को पृथ्वी से लॉन्च होने के बाद चंद्रयान-3 लगभग दो-तिहाई दूरी पूरी कर चुका है। स्पेसक्राफ्ट सामान्य स्थिति में है। सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ तो चांद पर 23 अगस्त को सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश की जाएगी।
एक ट्वीट में इसरो की ओर से बताया गया है कि अंतरिक्ष यान ने चंद्रमा की लगभग दो-तिहाई दूरी तय कर ली है।
लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन (एलओआई) 5 अगस्त 2023 को लगभग 19:00 (7 बजे) निर्धारित किया गया है। इससे पहले 1 अगस्त को चंद्रयान-3 ने पृथ्वी के चारों ओर अपनी परिक्रमा को पूरा कर लिया था और वह चंद्रमा की कक्षा की ओर बढ़ गया था।
1 अगस्त की रात करीब 12 बजे इसरो ने चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा की ओर रवाना किया। आज चंद्रयान-3 मिशन के लिए बहुत बड़ा दिन है। चंद्रमा की कक्षा में पहुंचने के बाद स्पेसक्राफ्ट उसकी परिक्रमा शुरू कर देगा और धीरे-धीरे चांद के करीब पहुंचता जाएगा। इसरो बता चुकी है कि चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग 23 अगस्त को शाम 5 बजकर 47 मिनट पर किए जाने की योजना है।
गौरतलब है कि साल 2019 में चंद्रयान-2 मिशन का लैंडर चंद्रमा की सतह पर क्रैश हो गया था। उसके फौरन बाद भारत ने तीसरे मून मिशन की तैयारी शुरू कर दी थी। चंद्रयान-3 की लैंडिंग में कोई परेशानी ना आए, इस बात का विशेष ध्यान इस बार रखा गया है। मिशन का मसकद सफलतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड कराना और वहां चहलकदमी की क्षमताओं को साबित करना है। अभी तक तीन देश- अमेरिका, सोवियत यूनियन और चीन चंद्रमा पर अपने मिशन लैंड करा पाए हैं।