Chandrayaan 3 : भारत का तीसरा मून मिशन कब होगा लॉन्‍च, इसरो चीफ ने बताई डेट, आप भी जानें

Chandrayaan 3 : यह मिशन 12 से 19 जुलाई के बीच लॉन्च किया जाएगा।

Chandrayaan 3 : भारत का तीसरा मून मिशन कब होगा लॉन्‍च, इसरो चीफ ने बताई डेट, आप भी जानें

उन्होंने कहा कि अपकमिंग लॉन्‍च के दौरान किसी तरह की समस्‍या से बचने के लिए चंद्रयान-3 के हार्डवेयर, स्‍ट्रक्‍चर, कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और सेंसर में सुधार किया गया है।

ख़ास बातें
  • चंद्रयान 3 मिशन से जुड़ी तैयारियां आखिरी चरणों में हैं
  • मिशन को अगले महीने 12 से 19 जुलाई के बीच लॉन्‍च किया जाएगा
  • यह लॉन्‍च श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से होगा
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भारत के तीसरे मून मिशन ‘चंद्रयान-3' (Chandrayaan-3) की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। यह मिशन 12 से 19 जुलाई के बीच लॉन्च किया जाएगा। एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इंडियन स्‍पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के चेयरमैन एस. सोमनाथ ने यह जानकारी दी है। वह कोट्टायम जिले के वैकम में सेंट जेवियर्स कॉलेज में एक कार्यक्रम में बोल रहे थे। एस सोमनाथ ने बताया कि चंद्रयान को पहले ही यूआर राव सैटेलाइट सेंटर से श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र के लॉन्च पैड पर लाया जा चुका है। 

एस सोमनाथ ने कहा कि मिशन से जुड़ीं अंतिम तैयारियां चल रही है, जिन्‍हें इस महीने के आखिर तक पूरा कर लिया जाएगा। लॉन्च के लिए LVM-3 रॉकेट का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसे 12 से 19 जुलाई के बीच लॉन्च किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि अपकमिंग लॉन्‍च के दौरान किसी तरह की समस्‍या से बचने के लिए चंद्रयान-3 के हार्डवेयर, स्‍ट्रक्‍चर, कंप्यूटर, सॉफ्टवेयर और सेंसर में सुधार किया गया है। यही नहीं, ज्‍यादा फ्यूल जोड़ा गया है। लैंडिंग लैग्‍स को मजबूत किया गया है। ज्‍यादा एनर्जी के उत्‍पादन के लिए बड़े सौर पैनल लगाए गए हैं। इसके अलावा, स्‍पीड को मापने के लिए 'लेजर डॉपलर वेलोसीमीटर' को भी चंद्रयान-3 में लगाया गया है। 

एस सोमनाथ के मुताबिक, चंद्रयान के एल्‍गोरिदम में बदलाव किया गया है। तय जगह में कोई विफलता होने पर चंद्रयान को दूसरी जगह पर उतारा जा सके, इसके लिए भी सॉफ्टवेयर को जोड़ा गया है। उन्‍होंने बताया कि चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का एक फॉलो-ऑन मिशन है। यह सेफ लैंडिंग समेत चंद्रमा की सतह पर चहलकदमी करने की क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।  चंद्रयान 3 मिशन में देश में डिवेलप किया गया एक लैंडर मॉड्यूल, प्रोपल्शन मॉड्यूल और एक रोवर शामिल है।

गौरतलब है कि सितंबर 2019 में चंद्रयान-2 मिशन के दौरान लैंडर ‘विक्रम' चंद्रमा की सतह पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसके बाद चांद पर यान उतारने की भारत की पहली कोशिश नाकाम रही थी। बीते वर्ष इसरो प्रमुख ने कहा था कि चंद्रयान-3 मिशन तैयार है। यह चंद्रयान-2 की रेप्‍लिका नहीं है। इस यान की इंजीनियरिंग एकदम अलग है। हमने इसे बहुत मजबूत बनाया है, ताकि पहले जैसी परेशानियां सामने ना आएं। 
 

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प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

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