इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने फेक डिजिलॉकर ऐप्स के बारे में चेतावनी जारी की है।
फेक ऐप संवेदनशील जानकारी चुरा सकते हैं।
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इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने फेक डिजिलॉकर ऐप्स के बारे में चेतावनी जारी की है जो कि कई ऐप स्टोर पर डाउनलोड के लिए उपलब्ध है। डिजिटल इंडिया ने X पर एक पोस्ट शेयर की है, जिसमें सरकार ने DigiLocker यूजर्स को ऐसे ऐप्स डाउनलोड करने से पहले उनकी प्रामाणिकता को चेक करने की सलाह दी है। आइए जानते हैं कि कैसे फेक DigiLocker ऐप की पहचान करें और इससे यूजर्स को किस प्रकार के नुकसान हो सकते हैं।
X पोस्ट में लिखा है कि "फेक DigiLocker ऐप्स का इस्तेमाल यूजर्स को चूना लगाने और निजी जानकारी चुराने के लिए किया जा रहा है। सिर्फ एक ही असली DigiLocker ऐप है, जिसे भारत सरकार के नेशनल ई-गवर्नेंस डिविजन द्वारा जारी किया गया है।"
यूजर्स को डेवलपर्स द्वारा सामान्य नामों से उपलब्ध करवाए जाने वाले ऐप्स से बचने के लिए कहा गया है। पोस्ट में आगे कहा गया है कि "समान आइकन या सामान्य डेवलपर नामों वाले ऐप्स से बचना चाहिए। डाउनलोड करने से पहले हमेशा दो बार चेक करना चाहिए। दूसरे यूजर्स भी सुरक्षित रहें, इसलिए यह जानकारी आगे साझा कीजिए।"
डिजिटल इंडिया ने एक अन्य X पोस्ट में यूजर्स से सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध ऑफिशियल लिंक से ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा है।
पोस्ट में लिखा है कि "अगर आपने पहले ही कोई संदिग्ध वर्जन इंस्टॉल कर लिया है तो उसे तुरंत डिलीट कर दें और लिंक किए गए अकाउंट के पासवर्ड को भी बदल दीजिए। सिर्फ सरकारी वेबसाइट पर उपलब्ध ऑफिशियल लिंक से ही ऐप डाउनलोड कीजिए।" एडवाइजरी में चेतावनी दी गई है कि ये फ्रॉड वाले ऐप्स यूजर्स को धोखा देने के उद्देश्य से तैयार किए गए हैं और संवेदनशील निजी जानकारी पर खतरा बन सकते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत एक सरकारी पहल में DigiLocker ऐप को तैयार किया गया है जो कि आधार, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, व्हीकल रजिस्ट्रेशन और एजुकेशन सर्टिफिकेट जैसे जरूरी डॉक्यूमेंट्स को सुरक्षित रूप में डिजिटल स्टोर करने की सुविधा प्रदान करता है। इन डॉक्यूमेंट की जरूरत को देखते हुए फेक वर्जन इंस्टॉल करने से यूजर्स की प्राइवेसी और सुरक्षा बड़े खतरे में पड़ सकती है। साइबर अपराध के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार डिजिटल सावधानी बरतने की जरूरत बता रही है। यूजर्स को ऐप इंस्टॉल करने से पहले सरकारी ऐप्स के सोर्स की जांच करनी चाहिए। ऐप डाउनलोड करते हुएय यूजर्स को सावधान रहना चाहिए। ऐप की प्रमाणित की पुष्टि के लिए सबसे पहले डेवलपर का नाम वेरिफाई करना चाहिए, क्योंकि आधिकारिक ऐप सिर्फ भारत सरकार के राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस डिविजन द्वारा जारी की जाती है।
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