खुशखबरी! जल्द शुरू होगी 5G इंटरनेट की सर्विस, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी 5G स्पेक्ट्रम की मंजूरी
खुशखबरी! जल्द शुरू होगी 5G इंटरनेट की सर्विस, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने दी 5G स्पेक्ट्रम की मंजूरी
नीलामी में कई लो (600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz), मिड (3300 MHz) और हाई (26 GHz) फ्रीक्वेंसी बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित होगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5जी स्पेक्ट्रम नीलामी करने की मंजूरी दी है।
जल्द शुरू होगी 5G इंटरनेट की सर्विस।
स्पेक्ट्रम के लिए पेमेंट 20 सालों तक हर साल समान किश्त में की जा सकती है।
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केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी करने के तौर-तरीकों को मंजूरी दी है और जुलाई के आखिर तक 72097.85 MHz रेडियो वेव्स को ब्लॉक में डाल दिया जाएगा एक ऑफिशियल रिलीज में बुधवार को कहा गया। कैबिनेट ने मशीन-टू-मशीन कम्युनिकेशन, इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT), आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI),ऑटोमोटिव, हेल्थकेयर, एग्रीकल्चर, एनर्जी और अन्य क्षेत्रों जैसी नई इंडस्ट्री ऐप्लिकेशन और टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए 'प्राइवेट कैप्टिव नेटवर्क' की ग्रोथ और लगाने का भी फैसला किया।
रिलीज में कहा गया है कि "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम्युनिकेशन के स्पेक्ट्रम नीलामी के प्रस्ताव को मंजूरी दी है, जिसके जरिए सफल बोली लगाने वालों को जनता और इंडस्ट्री को 5जी सर्विस प्रदान करने के लिए स्पेक्ट्रम दिया जाएगा।" 20 साल की वैधता के साथ कुल 72097.85 MHz स्पेक्ट्रम की नीलामी जुलाई 2022 के आखिर तक की जाएगी।
नीलामी में कई लो (600 MHz, 700 MHz, 800 MHz, 900 MHz, 1800 MHz, 2100 MHz, 2300 MHz), मिड (3300 MHz) और हाई (26 GHz) फ्रीक्वेंसी बैंड में स्पेक्ट्रम के लिए आयोजित होगी। टेलीकॉम सेक्टर में बदलाव करते हुए कैबिनेट ने बिजनेस को आसान बनाने के लिए स्पेक्ट्रम नीलामी के संबंध में कई प्रगतिशील ऑप्शन का ऐलान किया।
पहली बार बोली लगाने वालों द्वारा एडवांस पेमेंट करने की कोई जरूरत नहीं है। स्पेक्ट्रम के लिए पेमेंट 20 सालों तक हर साल समान किश्त में किया जा सकता है। यह हर साल की शुरुआत में एडवांस पेमेंट के तौर पर किया जाना है। इससे बिजनेस में कैश फ्लो की जरूरत को काफी कम करने और बिजनेस करने की लागत को कम होने की उम्मीद है। बोली लगाने वालों को बाकि किश्तों के चलते भविष्य में बिना कुछ उधार के 10 सालों बाद स्पेक्ट्रम सरेंडर करने का ऑप्शन दिया जाएगा। आगे कहा गया कि "5G सर्विस के जारी करने को लेकर बैकहॉल स्पेक्ट्रम की उपलब्धता भी जरूरी है। बैकहॉल की डिमांड को पूरा करने के लिए कैबिनेट ने टेलीकॉम्युनिकेशन सर्विस प्रोवाइडर्स को ई-बैंड में प्रति 250 MHz के 2 कैरियर्स टेंपरेरी तौर पर बांटने का फैसला लिया है।
रिलीज में कहा गया कि कैबिनेट ने 13, 15, 18 और 21GHz बैंड के मौजूदा फ्रीक्वेंसी बैंड में सामान्य माइक्रोवेव बैकहॉल कैरियर्स को बढ़ाकर डबल करने का भी फैसला लिया है। मार्केट में 5G सर्विस के रोलआउट के लिए कमर कस रहा है जो अल्ट्रा-हाई स्पीड और नए जमाने की सर्विस और बिजनेस मॉडल की शुरुआत करेगा। टेलीकमॉ रेगुलेटर टेलीकॉम रेगुलेटरी ऑथोरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने अप्रैल में मोबाइल सर्विस के लिए 5G स्पेक्ट्रम की बिक्री के लिए रिजर्व या न्यूनतम मूल्य में 39 प्रतिशत कमी के लिए कहा था।