पिछले कुछ वर्षों से भारत में 5G को लेकर कोई स्पष्टता नहीं थी। सरकार के हालिया बयानों से अंदाजा लगाया जा रहा था कि 5G स्पेक्ट्रम की निलामी इस साल ही होगी, लेकिन समयसीमा की पुष्टि नहीं हुई थी। हालांकि, अब दूरसंचार मंत्री अश्विनी वैष्णव के बयान ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत में 5G स्पेक्ट्रम की निलामी जून की शुरुआत में हो सकती है। इसके लिए दूरसंचार नियामक TRAI ने 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक कीमत का एक मेगा ऑक्शन प्लान तैयार किया है।
अश्विनी वैष्णव ने गुरुवार को अपने एक बयान में कहा कि दूरसंचार विभाग अपेक्षित समय सीमा के अनुसार काम कर रहा है और साथ ही स्पेक्ट्रम की कीमत को तय करने के आसपास इंडस्ट्री की चिंताओं को हल करने की प्रक्रिया भी जारी है। वहीं, स्पेक्ट्रम ऑक्शन के कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर वैष्णव ने कहा कि इसके जून की शुरुआत में होने की उम्मीद है।
5G सर्विस के रोलआउट के लिए मंच तैयार करते हुए, TRAI ने 30 वर्षों में आवंटित रेडियो वेव्स के लिए कई बैंडों में बेस प्राइस पर 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की एक मेगा नीलामी योजना तैयार की है।
अपने बयान में वैष्णव ने कहा, "हम नीलामी करने की अपनी समयसीमा के हिसाब से आगे बढ़ रहे हैं।" मंत्री ने आगे कहा कि डिजिटल कम्युनिकेशन कमीशन ट्राई की सिफारिशों पर विचार करेगा और स्पष्टीकरण के लिए उनसे संपर्क करेगा।
एक्सपर्ट्स ने 1 लाख मेगाहर्ट्ज़ से अधिक स्पेक्ट्रम के लिए 7.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के मेगा ऑक्शन प्लान की सिफारिश की है, यदि सरकार द्वारा इसे 30 वर्षों की अवधि के लिए आवंटित करती है।
वहीं, 20 वर्षों के मामले में, प्रस्तावित स्पेक्ट्रम नीलामी का कुल मूल्य लगभग 5.07 लाख करोड़ रुपये होगा। ट्राई ने जहां पिछली कीमत की तुलना में स्पेक्ट्रम की कीमत में लगभग 39 प्रतिशत की कमी की है, वहीं दूरसंचार ऑपरेटरों ने कहा है कि सुझाए गए रेट ग्लोबल बेंचमार्क से अधिक हैं।
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