बेंगलुरु के एक शख्स ने जब सिर्फ एक्सपेरिमेंट के लिए एक फेक डेटिंग प्रोफाइल बनाई, तो शायद उसे भी अंदाजा नहीं था कि नतीजा इतना वायरल और डरावना होगा। इस शख्स ने ChatGPT और AI टूल्स की मदद से एक महिला की फर्जी फोटो बनाई और उसे Bumble ऐप पर अपलोड कर दिया। प्रोफाइल एक्टिवेट होते ही उसे 2750 से ज्यादा लाइक्स और कई सारे मैच मिलने लगे। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने उसे खुद सोच में डाल दिया, उसने कहा, "AI is powerful & men are lonely," यानी AI ताकतवर है, लेकिन आदमी अकेले हैं।
यूजर का ट्विटर हैंडल @infinozz है और उसने खुद इस पूरे एक्सपेरिमेंट की डिटेल पोस्ट की। बताया गया है कि उसने AI के जरिए एक महिला की इमेज जेनरेट की, उस पर नाम और बेसिक डीटेल्स जोड़कर एक डेटिंग प्रोफाइल बना दी। इस प्रोफाइल पर ढेर सारे लड़कों ने रिएक्ट करना शुरू कर दिया। कुछ ही घंटों में उसे न सिर्फ सैकड़ों लाइक्स मिले बल्कि काफी मैच भी हो गए।
लेकिन इस मजाक या एक्सपेरिमेंट का दूसरा पहलू और भी गंभीर था। उसने जब देखा कि एक पूरी तरह से फेक प्रोफाइल भी इतनी तेजी से लोगों से कनेक्ट हो सकती है, तो उसे खुद इस टेक्नोलॉजी की ताकत और खतरे का अंदाजा हुआ। उसने अपनी पोस्ट में कहा कि (अनुवादित) “यह डरावना है, क्योंकि इसका आसानी से गलत इस्तेमाल हो सकता है।”
यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो चुका है और लोग दो हिस्सों में बंट गए हैं। एक तरफ कुछ लोग इसे मजाकिया और AI की काबिलियत का सबूत मान रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कई लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं कि अगर कोई इस टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल करे, तो उसका असर कितना बड़ा और खतरनाक हो सकता है, खासकर ऑनलाइन डेटिंग जैसी सेंसिटिव स्पेस में।
यह घटना न सिर्फ AI की ताकत दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि डिजिटल दुनिया में भरोसा करना कितना मुश्किल होता जा रहा है। ऐसे में सवाल यही है, क्या हमें सिर्फ टेक्नोलॉजी की काबिलियत पर फोकस करना चाहिए, या उसकी जिम्मेदारी और एथिक्स पर भी उतना ही ध्यान देना चाहिए?