कागज जितने पतले सोलर सेल से अब कपड़े भी पैदा करेंगे बिजली, जानें कैसे करता है काम

इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसी टेंट को भी एक सोलर पावर सोर्स में बदला जा सकता है।

विज्ञापन
Written by नितेश पपनोई, अपडेटेड: 31 दिसंबर 2022 12:13 IST
ख़ास बातें
  • इसकी मदद से किसी टेंट को भी एक सोलर पावर सोर्स में बदला जा सकता है
  • इंसान के बाल से भी पतला है ये सोलर सेल
  • इसमें Dyneema नाम के एक खास फैब्रिक का इस्तेमाल किया गया है

इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसी टेंट को भी एक सोलर पावर सोर्स में बदला जा सकता है।

टेक्नोलॉजी इस कदर प्रगति कर रही है कि हमें आए दिन एक नया अनूठे और अदभुत आविष्कार देखने को मिलता है। लेटेस्ट उपलब्धी सोलर सेल के रूप में हासिल की गई है, जहां MIT के रिसर्चर्स ने बेहद पतला और हल्का सोलर सेल तैयार किया है, जिसकी तुलना आप कागज से भी कर सकते हैं। रिसर्चर्स का कहना है कि इस सोलर सेल का इस्तेमाल करके किसी भी सतह को पावर सोर्स में बदला जा सकता है।

MIT के अनुसार, ये टिकाऊ और लचीले सोलर सेल, इंसानी बाल की तुलना में बहुत पतले होते हैं, जो मजबूत और हल्के कपड़े से चिपके होते हैं। इससे उन्हें एक निश्चित सतह पर स्थापित करना आसान हो जाता है। ये पहनने योग्य कपड़े के रूप में चलते-फिरते एनर्जी प्रदान कर सकते हैं या आपात स्थिति में सहायता के लिए दूर-दराज के स्थानों में पहुँचाए जा सकते हैं। ये पारंपरिक सोलर पैनल के वजन का सौवां हिस्सा हैं, प्रति किलोग्राम 18 गुना अधिक बिजली उत्पन्न करते हैं, और प्रिंटिंग प्रोसेस का उपयोग करके सेमीकंडक्टिंग इंक से बनाए जाते हैं, जिन्हें भविष्य में बड़े क्षेत्र के निर्माण में बढ़ाया जा सकता है।

इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसी टेंट को भी एक सोलर पावर सोर्स में बदला जा सकता है। MIT ने जिस सोलर सेल को डेवलप किया है, वो इंसान के बाल से भी पतला है। रिसर्च पेपर के लीड ऑथर Vladimir Bulović का कहना है कि, (अनुवादित) 'हमारे लाइटवेट फोटोवोल्टिक (PV) सेल का मौजूदा वर्जन उतना कारगर नहीं है, जितने सिलिकॉन PVs होते हैं, लेकिन इनका वजन बहुत कम है और इन पावर सेल्स का इस्तेमाल कन्वेंशनल सिलिकॉन PVs को रिप्लेस करने के लिए नहीं होगा, बल्कि ये वहां काम आएंगे, जहां सिलिकॉन PVs काम नहीं करते हैं।'

बहुत ज्यादा पतलने होने की वजह से ये आसानी से खराब या टूट सकते हैं। इस दिक्कत को दूर करने के लिए रिसर्चर्स ने एक स्पेशल फैब्रिक का इस्तेमाल किया है, जिसे Dyneema कहा जाता है। इस मैटेरियल पर अभी भी काम किया जा रहा है। एक बार यह पूरी तरह से विकसित हो जाता है, तो इसका इस्तेमाल कई तरह से किया जा सकेगा।

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

ये भी पढ़े: Solar energy, Solar energy cloth, solar electricity
Nitesh has almost seven years of experience in news writing and reviewing tech ...और भी
Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. उत्तर प्रदेश का यह शहर बनने जा रहा है AI City, सरकार ने किया 10,732 करोड़ रुपये का निवेश
  2. iQOO Z10R 5G की भारत में शुरू हुई बिक्री, जानें प्राइस, ऑफर्स
#ताज़ा ख़बरें
  1. Oppo के Find X9 Pro में मिल सकती है 7,500mAh की पावरफुल बैटरी
  2. Moto G86 Power 5G कल होगा भारत में लॉन्च, 50 मेगापिक्सल का Sony LYT-600 प्राइमरी कैमरा
  3. धरती की निगरानी के लिए कल NISAR सैटेलाइट लॉन्च करेंगे ISRO और NASA
  4. Samsung के Galaxy A17 में मिल सकता है नया कैमरा मॉड्यूल, Exynos 1380 चिपसेट
  5. WhatsApp कैमरा से भी आएगी बढ़िया लो-लाइट फोटो! जानिए कब मिलेगा फीचर
  6. अमेरिका में बिकने वाले ज्यादातर स्मार्टफोन्स अब मेड इन इंडिया
  7. Redmi 15 5G में मिलेगी 7,000mAh की बैटरी, अगले महीने होगा लॉन्च
  8. Amazon Echo Show 5 3rd Gen भारत में लॉन्च, Alexa के साथ घर के ये डिवाइस कर पाएंगे कंट्रोल
  9. Realme Narzo 80 5G सीरीज के इन 2 मॉडल्स पर Rs 2,500 तक की फ्लैट छूट, यहां मिलेगी डील
  10. U&I ने लॉन्च किए TWS ईयरफोन्स, साउंडबार और चार्जर, कीमत 499 रुपये से शुरू
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.