सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण तो देखा होगा, आज ‘मंगल ग्रहण’ देख लीजिए, जानें इस पूरे मामले को

Mars eclipse : तारे के रूप में नजर आने वाला मंगल ग्रह बुधवार रात छुपने के बाद चंद्रमा के पीछे से निकला।

विज्ञापन
Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 9 दिसंबर 2022 19:46 IST
ख़ास बातें
  • इस दुर्लभ घटना को लूूनार आकल्टेशन कहा जाता है
  • पूर्णिमा की रात मंगल ग्रह चांद के पीछे छुप गया
  • फ‍िर कुछ घंटों बाद वह चंद्रमा के पीछे से निकलता दिखाई दिया

Mars eclipse : इस दौरान पृथ्‍वी मंगल और सूर्य के बीच में थी। इस वजह से लाल ग्रह आसमान में तेज चमक रहा था।

सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण तो आपने देखा-सुना है ही, अगर हम आपसे कहें कि मंगल ग्रहण (Mars eclipse) भी होता है, तो क्‍या यकीन कर पाएंगे। बुधवार और गुरुवार की रात दुनियाभर में एक खास नजारे को लोगों ने कैद किया। आसमान में होने वाली घटनाओं में दिलचस्‍पी रखने वाले लोगों ने पूर्णिमा की रात यह नजारा देखा। तस्‍वीरें सोशल मीडि‍या में शेयर कीं। इनमें देखा जा सकता है कि कैसे मंगल ग्रह, चांद के पीछे से उग रहा है। आइए इस पूरे मामले को समझ लेते हैं। 

हम जिसे ‘मंगल ग्रहण' कह रहे हैं, वह एक बेहद दुर्लभ घटना है, जिसे लूनार आकल्टेशन (lunar occultation) कहा जाता है। इसमें कोई तारा छुप या गायब हो जाता है और फ‍िर चंद्रमा के पीछे या किनारे से प्रकट होता है। बुधवार रात ऐसा ही हुआ, जब तारे के रूप में नजर आने वाला मंगल ग्रह छुपने के बाद चंद्रमा के पीछे से निकला। इस दौरान पृथ्‍वी, मंगल और सूर्य के बीच में थी। इस वजह से लाल ग्रह आसमान में तेज चमक रहा था। 
 

पूर्णिमा के मौके पर इस विशिष्‍ट नजारे को दुनियाभर में लोगों ने देखा। कुछ बेहतरीन तस्‍वीरें भी सामने आई हैं। कैलिफोर्निया में ग्रिफ़िथ ऑब्‍जर्वेट्री (Griffith Observatory) ने शानदार नजारा कैद किया। आसमान में होने वाली घटनाओं में दिलचस्‍पी रखने वाले लोग सोशल मीडिया पर लूनार आकल्टेशन की भव्य तस्वीरें पोस्ट कर रहे हैं। 
 

एस्ट्रोफोटोग्राफर एंड्रयू मैककार्थी ने भी ऐसी ही एक तस्‍वीर शेयर की है। यह तस्‍वीर इसलिए भी अहम हो जाती है, क्‍योंकि मंगल ग्रह इस पोजिशन में 26 महीनों में एक बार आता है। अगली बार ऐसा नजारा जनवरी 2025 में देखने को मिल सकता है। 
Advertisement

यह घटना इसलिए भी अहम है, क्‍योंकि मंगल ग्रह पृथ्‍वी के करीब था। वह अपनी पेरिगी पर था यानी अपनी कक्षा में पृथ्‍वी के निकटतम बिंदु पर मौजूद था। बात करें पृथ्‍वी और मंगल ग्रह के बीच सबसे कम दूरी की, तो साल 2003 में दोनों ग्रहों के बीच दूरी 5.6 करोड़ किलोमीटर तक रह गई थी। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) के अनुसार, अगले 265 साल तक दोनों ग्रह इतने करीब नहीं आएंगे। साल 2287 में ऐसा मुमकिन हो सकेगा। बहरहाल, आप ‘मंगल ग्रहण' की इन तस्‍वीरों का लुत्‍फ उठाइए। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. itel ने भारत में पेश किया A100C स्मार्टफोन, इसमें ब्लूटूथ से होगी कॉलिंग! जानें स्पेसिफिकेशन्स
  2. Aadhaar में मोबाइल नंबर कैसे करें अपडेट, ये है ऑनलाइन प्रोसेस
  3. Apple के अगले CEO बन सकते हैं John Ternus, कंपनी के चीफ Tim Cook की हो सकती है रिटायरमेंट!
#ताज़ा ख़बरें
  1. Apple के अगले CEO बन सकते हैं John Ternus, कंपनी के चीफ Tim Cook की हो सकती है रिटायरमेंट!
  2. itel ने भारत में पेश किया A100C स्मार्टफोन, इसमें ब्लूटूथ से होगी कॉलिंग! जानें स्पेसिफिकेशन्स
  3. Ather की बड़ी कामयाबी, 5 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की मैन्युफैक्चरिंग   
  4. Elon Musk को पसंद नहीं है QR कोड, X पर छिड़ी कमेंट्स की जंग, एक यूजर ने दे डाला आइडिया
  5. Apple का स्लिम और धांसू MacBook Air (M2) Rs 23 हजार के बंपर डिस्काउंट पर! यहां से खरीदें
  6. 7,000mAh की बैटरी के साथ भारत में लॉन्च होगा Moto G06 Power, Flipkart के जरिए बिक्री
  7. क्यों ठप्प पड़े अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की वेबसाइट्स और एजुकेशन प्रोग्राम? जानें वजह
  8. Oppo Reno 15 सीरीज जल्द हो सकती है लॉन्च, कंपनी कर रही नए स्मार्टफोन्स की टेस्टिंग!
  9. Aadhaar में मोबाइल नंबर कैसे करें अपडेट, ये है ऑनलाइन प्रोसेस
  10. हर साल नया iPhone, EMI से सस्ता सब्सक्रिप्शन! लॉन्च हुआ BytePe प्लेटफॉर्म
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.