• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर ने खींची हमारे सौरमंडल की सबसे बड़ी घाटी की तस्‍वीर

मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर ने खींची हमारे सौरमंडल की सबसे बड़ी घाटी की तस्‍वीर

यह 4,000 किलोमीटर लंबी, 200 किलोमीटर चौड़ी और 7 किलोमीटर तक गहरी है।

मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर ने खींची हमारे सौरमंडल की सबसे बड़ी घाटी की तस्‍वीर

मार्स एक्सप्रेस के ऑब्‍जर्वेशन में पानी स्‍टोर करने वाले सल्फेट खनिज, समानांतर रेखाएं और मलबे का ढेर दिखाई देता है।

ख़ास बातें
  • मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर ने दो खाइयों की तस्‍वीर को कैप्चर किया है
  • यह पश्चिमी वैलेस मेरिनेरिस में फैली हुई है
  • मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर साल 2003 में मंगल ग्रह पर पहुंचा था
विज्ञापन
यूरोपीय स्‍पेस एजेंसी (ESA) के मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर (Mars Express orbiter) ने हमारे सौर मंडल में घाटी की सबसे बड़ी प्रणाली, मार्टियन वैलेस मेरिनेरिस (Martian Valles Marineris) के कुछ हिस्सों की तस्‍वीर खींची है। मंगल ग्रह पर मौजूद वैलेस मेरिनेरिस घाटी अपने जियोलॉजिकल फीचर्स की तरह ही दूसरे सभी ग्रहों के ऐसे सिस्‍टम से बहुत बड़ी है। यह 4,000 किलोमीटर लंबी, 200 किलोमीटर चौड़ी और 7 किलोमीटर तक गहरी है। इसकी तुलना में उत्तरी अमेरिका में मौजूद ग्रैंड कैन्यन (Grand Canyon) सिर्फ 450 किलोमीटर लंबी, 16 किलोमीटर चौड़ी और 2 किलोमीटर तक गहरी है। एक ओर जहां ग्रैंड कैन्यन का निर्माण कोलोराडो नदी के कटाव से हुआ है, वहीं वैलेस मेरिनेरिस का निर्माण टेक्टोनिक प्लेटों के एक-दूसरे से दूर जाने की वजह से हुआ था। 

मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर ने दो खाइयों की तस्‍वीर को कैप्चर किया है, जो पश्चिमी वैलेस मेरिनेरिस में 840 किलोमीटर लंबी Ius Chasma और 805 किलोमीटर लंबी Tithonium Chasma का हिस्सा हैं। ऑर्बिटर द्वारा कैप्चर की गई इमेजेस इस बात पर रोशनी डालती हैं कि कैसे टिथोनियम के टॉप पर गहरे रंग की रेत का आवरण है। माना जाता है कि यह रेत पास के थारिस ज्वालामुखी क्षेत्र से आई होगी।

मार्स एक्सप्रेस के ऑब्‍जर्वेशन में पानी स्‍टोर करने वाले सल्फेट खनिज, समानांतर रेखाएं और मलबे का ढेर दिखाई देता है। इससे पता चलता है कि वहां हाल में भूस्खलन हुआ होगा। टिथोनियम के चारों ओर रेत के टीलों के आसपास 2-3 किलोमीटर ऊंचे पहाड़ों से सतह का तेजी से कटाव हुआ है। सल्फेट खनिज वैज्ञानिकों के लिए विशेष रूप से दिलचस्प हैं। ये इस बात का सबूत हो सकते हैं कि लाखों साल पहले यह जगह पानी से भरी हुई थी। 

मार्स एक्सप्रेस ऑर्बिटर साल 2003 में मंगल ग्रह पर पहुंचा था। यह लगातार 18 साल और 6 महीने तक सर्विस में रहा। यह पृथ्वी के अलावा किसी अन्य ग्रह के चारों ओर कक्षा में मौजूद दूसरा सबसे पुराना अंतरिक्ष यान है। इसकी उपयोगिता में मिशन के दौरान मिली सफलता को देखते हुए इसे 31 दिसंबर 2022 तक एक्‍सटेंशन दिया गया है। इस ऑर्बिटर ने पहले भी मंगल ग्रह से जुड़ीं कई जानकारियां दुनिया तक पहुंचाई हैं। 

 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

गैजेट्स 360 स्टाफ The resident bot. If you email me, a human will respond. और भी
Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Honor ने 12GB तक रैम और 512GB स्टोरेज के साथ लॉन्च किए Magic 7 Lite, Magic 7 Pro स्मार्टफोन, जानें कीमत
  2. Lenovo EA400 क्लिप-ऑन ईयरबड्स 24 घंटे के प्लेबैक बैकअप के साथ हुए लॉन्च, जानें कीमत
  3. Asus ने पेश किया लंच बॉक्स के साइज वाला NUC 14 Essential मिनी PC, जानें स्पेसिफिकेशन्स
  4. Oppo A5 (2025) फोन लॉन्च होगा 12GB रैम, 6500mAh बैटरी के साथ! TENAA लिस्टिंग में धांसू फीचर्स लीक
  5. Moto G 5G (2025) और Moto G Power 5G (2025) 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी के साथ हुए लॉन्च, जानें कीमत
  6. Xiaomi Republic Day Sale: 21 हजार रुपये डिस्काउंट के साथ स्मार्ट टीवी, फोन और टैबलेट भी हुए सस्ते
  7. Nubia Flip 2: लॉन्च हुआ 2025 का पहला 2 डिस्प्ले वाला फोल्डेबल फोन, जानें कीमत और स्पेसिफिकेशन्स
  8. DJI Flip कॉम्पैक्ट ड्रोन लॉन्च, LiDAR सेंसर के साथ 4K 100fps रिकॉर्डिंग का सपोर्ट
  9. TikTok होगा अमेरिका में बैन? लोग दूसरा चीनी ऐप डाउनलोड कर रहे, जानें नाम
  10. Huawei Band 9, FreeBuds SE2 भारत में लॉन्च, जानें कीमत और फीचर्स
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »