साउथ कोरिया की कामयाबी! स्‍पेस में लॉन्‍च किया पहला स्‍वदेशी रॉकेट, जानें इस उपलब्‍ध‍ि के बारे में

साउथ कोरिया ने पिछले अक्टूबर में पहली बार कोशिश की थी। तब उसके रॉकेट का डमी पेलोड ऑर्बिट ने नहीं पहुंच सका था।

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गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 24 जून 2022 18:20 IST
ख़ास बातें
  • मंगलवार को यह लॉन्‍च किया गया था
  • शुरुआती सफलता मिल गई है, रिजल्‍ट अभी बाकी है
  • देश के स्‍पेस महत्‍वाकांक्षा को बढ़ाएगा ये प्रोग्राम

1990 के दशक की शुरुआत से दक्षिण कोरिया ने अंतरिक्ष में कई सैटेलाइट्स भेजे हैं। हालांकि ये सभी विदेशी लॉन्‍च साइटों से भेजे गए और विदेशी तकनीक से बने रॉकेट से लॉन्‍च हुए थे।

स्‍पेस मिशन की बात आती है, तो जेहन में गिने-चुने नाम ही दर्ज होते हैं। एशिया में भारत, चीन और जापान इस क्षेत्र के माहिर खिलाड़ी हैं। नया नाम दर्ज हुआ है साउथ कोरिया का। मंगलवार को इस देश ने दूसरी कोशिश में अपना पहला घरेलू निर्मित अंतरिक्ष रॉकेट लॉन्च किया। कुछ महीनों पहले भी साउथ कोरिया ने कोशिश की थी, लेकिन तब उसका रॉकेट ऑर्बिट में पेलोड नहीं लगा पाया था। दूसरी कोशिश में मिली कामयाबी से साउथ कोरिया के अंतरिक्ष मिशनों को बढ़ावा मिलेगा। वह अपने प्रतिद्वंदी नॉर्थ कोरिया पर भी बढ़त हासिल करता हुआ दिखाई देगा। 

एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, साउथ कोरिया ने पिछले अक्टूबर में पहली बार कोशिश की थी। तब उसके रॉकेट का डमी पेलोड 700 किलोमीटर (435 मील) की जरूरी ऊंचाई तक तो पहुंच गया था, लेकिन ऑर्बिट में प्रवेश नहीं कर सका। ऐसा रॉकेट के थर्ड स्‍टेज के समय से पहले जल जाने की वजह से हुआ था। 
मंगलवार को एक बार फ‍िर कोशिश की गई। तीन स्‍टेज वाले नूरी रॉकेट ने साउथ कोरिया के इकलौते स्‍पेस लॉन्‍च सेंटर से शाम 4 बजे उड़ान भरी। अगर यह लॉन्‍च पूरी तरह से सफल होता है, तो साउथ कोरिया अपनी तकनीक से अंतरिक्ष में सैटेलाइट स्थापित करने वाला दुनिया का 10वां देश बन जाएगा। साउथ कोरिया दुनिया की 10वीं सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था जरूर है, लेकिन इसका स्‍पेस डेवलपमेंट प्रोग्राम भारत, चीन और जापान जैसे एशियाई मुल्‍कों से पीछे है। 

गौर करने वाली बात है कि 1990 के दशक की शुरुआत से दक्षिण कोरिया ने अंतरिक्ष में कई सैटेलाइट्स भेजे हैं। हालांकि ये सभी विदेशी लॉन्‍च साइटों से भेजे गए और विदेशी तकनीक से बने रॉकेट से लॉन्‍च हुए थे। साल 2013 में पहली बार साउथ कोरिया ने अपनी जमीन से सैटेलाइट लॉन्‍च किया था। हालांकि इसका पहला फेज रूस ने बनाया था। हालिया लॉन्‍च को लेकर साउथ कोरिया ने कन्‍फर्म किया है, इस लॉन्‍च का कोई सैन्‍य मकसद नहीं है। 

साउथ कोरिया का प्रतिद्वंदी नॉर्थ कोरिया भी स्‍पेस प्रोग्राम में हाथ आजमा चुका है। उसने साल 2012 और 2016 में अपने पहले और दूसरे सैटेलाइट्स को ऑर्बिट में भेजा था। लेकिन आज तक यह जानकारी नहीं है कि उन सैटेलाइट्स ने कभी अंतरिक्ष से कोई डेटा पृथ्‍वी पर भेजा है।
 
 

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