ISRO यानी इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन अब नए अंतरिक्ष मिशनों की तैयारी कर रहा है। Chandrayaan3 और Aditya L1 मिशन की कामयाबी के बाद उसकी नजर शुक्र ग्रह (Venus) पर है, जिसे पृथ्वी की जुड़वां बहन भी कहा जाता है। एनडीटीवी की
रिपोर्ट के अनुसार, हाल में इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा कि शुक्र मिशन को कॉन्फिगर किया गया है और कुछ पेलोड के डेवलपमेंट का काम अभी चल रहा है। मिशन को अभी अनऑफिशियली शुक्रयान-1 (Shukrayaan-1) कहा जाता है।
नेशनल साइंस अकैडमी (INSA) में बोलते हुए एस सोमनाथ ने कहा कि इसरो शुक्र को स्टडी करने के लिए एक मिशन की योजना बना रहा है। उन्होंने मंगल ग्रह पर एक स्पेसक्राफ्ट को लैंड कराने के प्रोजेक्ट का भी जिक्र किया। इसके अलावा, दो सैटेलाइट्स लॉन्च करने की योजना है जो अंतरिक्ष के मौसम का विश्लेषण करेंगे और पृथ्वी पर उसके प्रभावों का आकलन किया जा सकेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, एस सोमनाथ ने कहा कि शुक्र बहुत दिलचस्प ग्रह है। इसका वातावरण इतना घना है कि आप इसकी सतह में प्रवेश नहीं कर सकते। हम नहीं जानते कि शुक्र ग्रह की सतह कठोर है या नहीं। रिपोर्ट कहती है कि शुक्रयान-1 नाम दो शब्दों को मिलाकर बनता है। शुक्र यानी वीनस एक संस्कृत का शब्द है, जबकि यान का मतलब होता है क्राफ्ट।
रिपोर्ट में बताया गया है कि शुक्र ग्रह पर मिशन भेजने के बारे में सबसे पहले साल 2012 में सोचा गया था। 2017 में इस पर शुरुआती स्टडी शुरू हुई। उसके बाद शुक्र ग्रह पर भेजे जाने वाले पेलोडों के प्रस्ताव मांगे गए। रिपोर्ट के अनुसार, मिशन का मकसद शुक्र ग्रह के वातावरण को स्टडी करना और उसकी संरचना को जानना है। शुक्र पर मिशन भेजने से वहां के अतीत से जुड़े राज भी सामने आ सकते हैं। पता चल सकता है कि क्या कभी शुक्र ग्रह पर जीवन हुआ करता था?