• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • आर्कटिक में खोज कर रहे वैज्ञानिकों को मिला ‘टाइम बॉम्‍ब’, नहीं पता कब फटेगा, जानें इसके बारे में

आर्कटिक में खोज कर रहे वैज्ञानिकों को मिला ‘टाइम बॉम्‍ब’, नहीं पता कब फटेगा, जानें इसके बारे में

आर्कटिक महासागर में खोज के दौरान वैज्ञानिकों को सतह के करीब एक गहरे मीथेन भंडार का पता चला, जो पृथ्‍वी के लिए शुभ संकेत नहीं है।

आर्कटिक में खोज कर रहे वैज्ञानिकों को मिला ‘टाइम बॉम्‍ब’, नहीं पता कब फटेगा, जानें इसके बारे में

बड़ी मात्रा में अगर मीथेन गैस का भंडार हमारे वायुमंडल में रिलीज हुआ, तो उसका क्‍या असर होगा, वैज्ञानिक भी नहीं जानते। (सांकेतिक तस्‍वीर।)

ख़ास बातें
  • आर्कटिक में मिला मीथेन का विशाल भंडार
  • ऐसे कई और भंडार हो सकते हैं
  • मीथेन एक ग्रीन हाउस गैस है, जो पृथ्‍वी के लिए जरूरी नहीं
विज्ञापन
बढ़ता वैश्‍विक तापमान अलग-अलग तरीकों से हमें प्रभावित कर रहा है। सबसे ज्‍यादा असर आर्कटिक क्षेत्र में हुआ है, जहां मौजूद बर्फ तेजी से पिघल रही है। आर्कटिक पर्माफ्रॉस्ट जोकि पृथ्‍वी की सतह या उसके नीचे एक जमी हुई लेयर होती है, वह भी चपेट में आई है। इसके पिघलने से एक छुपा हुआ खतरा सामने आ गया है! एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार यह छुपा हुआ खतरा है मीथेन गैस के विशाल भंडार का, जोकि एक ग्रीनहाउस गैस है। बड़ी मात्रा में अगर मीथेन गैस का भंडार हमारे वायुमंडल में रिलीज हुआ, तो उसका क्‍या असर होगा, वैज्ञानिक भी नहीं जानते। यही वजह है कि उनकी चिंता बढ़ गई है।  

रिपोर्ट कहती है कि यह आर्कटिक की जमीन पर टिक-टिक करता एक टाइम बॉम्‍ब है। इसके क्‍या नुकसान हो सकते हैं, वैज्ञानिक यह समझना चाह रहे हैं। आर्कटिक महासागर में खोज के दौरान वैज्ञानिकों को सतह के करीब एक गहरे मीथेन भंडार का पता चला, जो पृथ्‍वी के लिए शुभ संकेत नहीं है। 

जिस जगह मीथेन का भंडार मिला है, वह नॉर्वेजियन द्वीपसमूह ‘स्वालबार्ड' (Svalbard) का हिस्‍सा है। रिपोर्ट के अनुसार, इस जगह का जियोलॉजिकल और ग्‍लेशियर इतिहास आर्कटिक के बाकी हिस्‍सों की तरह ही है। इसका मतबल है कि मीथेन का ऐसा भंडार आर्कटिक में बाकी जगहों पर भी हो सकता है। 

इस स्‍टडी से जुड़े और स्वालबार्ड में यूनिवर्सिटी सेंटर के डॉ. थॉमस बिरचेल का कहना है कि मीथेन एक पावरफुल  ग्रीनहाउस गैस है। मौजूदा वक्‍त में पर्माफ्रॉस्ट के नीचे से रिसाव कम है, लेकिन जैसे-जैसे ग्‍लेशियर पीछे खिसकेंगे और पर्माफ्रॉस्‍ट बढ़ेगा, हमें और ज्‍यादा जानकारी मिलेगी। 

वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी ने वैज्ञानिकों को परेशानी में डाला हुआ है। तमाम रिसर्च में यह सामने आया है कि अंटार्कटिका की बर्फ तेजी से पिघल रही है, जिससे दुनियाभर में समुद्र का स्‍तर बढ़ सकता है। रिसर्च यह भी कहती हैं कि समुद्र के स्‍तर में बढ़ाेतरी होने से उन शहरों को खतरा होगा, जो तटों के पास बसे हुए हैं। 
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News
 
 

विज्ञापन

Advertisement

#ताज़ा ख़बरें
  1. What is Denel Rooivalk? 27 साल में बन पाया दुनिया का यह घातक हेलीकॉप्‍टर! जानें खूबियां
  2. Honor 200 सीरीज 5200mAh बैटरी, 100W चार्जिंग के साथ 27 मई को होगी लॉन्च, जानें फीचर्स
  3. Tecno ने लॉन्च किए Camon 30 5G, 30 Premier 5G, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  4. Realme GT 6T में होगी 6000 nits की सबसे चमकदार स्क्रीन, 120W फास्ट चार्जिंग! 22 मई को होगा लॉन्च
  5. Upcoming Smartphones May 2024: iQOO Neo 9s Pro, Realme GT 6T, Oppo Reno 12 जैसे स्मार्टफोन इस हफ्ते होंगे लॉन्च
  6. Maternity लीव पर एक्‍स्‍ट्रा पैसे कमाने के लिए Work From home ढूंढना पड़ा महंगा, गंवा दिए Rs 54 लाख
  7. Xiaomi का नया AC आता है एंटी-बैक्टीरियल फिल्टर के साथ, जानें कीमत
  8. Maruti Suzuki के एरिना सेल्स आउटलेट की संख्या 3,000 पर पहुंची
  9. Samsung ने लॉन्च किए 820-लीटर तक के तीन रेफ्रिजरेटर मॉडल, 32-इंच की स्क्रीन दिखाती है अंदर रखा सामान!
  10. OpenAI GPT-4o कुछ यूजर्स के लिए रोल आउट होना हुआ शुरू, मिला वेब सर्च फीचर
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »