वैज्ञानिकों ने खोजा ‘गजब’ तारा, 4 साल में लगा लेता है हमारी आकाशगंगा के ब्‍लैक होल का चक्‍कर

वैज्ञानिकों का कहना है कि S4716 तारे का कम समय में ब्‍लैक होल का चक्‍कर लगाना उलझन पैदा करता है, क्‍योंकि ब्लैक होल के पास तारे इतनी आसानी से नहीं बन सकते।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 6 जुलाई 2022 15:59 IST
ख़ास बातें
  • ब्‍लैक होल के आसपास तारों का एक घना समूह है
  • ये एस तारे हैं, जिनकी गति आमतौर पर तेज होती है
  • वैज्ञानिक इस खोज से काफी उत्‍साहित हैं

खोज को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कुल 5 टेलिस्‍कोपों ने तारे को ऑब्‍जर्व किया।

Photo Credit: Nasa

हमारी आकाशगंगा यानी मिल्‍की-वे (Milky Way) के केंद्र में एक ब्‍लैक होल है। यह जानकारी हमें पिछली कई रिपोर्टों से मिलती रही है। अब एक ऐसे तारे की खोज हुई है, जिसे हमारी आकाशगंगा के केंद्र में स्थित ब्‍लैक होल की परिक्रमा करने में सिर्फ 4 साल लगते हैं। ब्‍लैक होल के आसपास तारों का एक घना समूह है, जिसे S क्‍लस्‍टर कहा जाता है। इसमें सैकड़ों तारे हैं, जिनकी चमक और द्रव्‍यमान अलग-अलग है। S तारों के बारे में कहा जाता है कि इनकी गति आमतौर पर तेज होती है। 

स्‍टडी के लेखक डॉ फ्लोरियन पेस्कर ने जानकारी दी कि वैज्ञानिकों ने एक ऐसे तारे की पहचान की है, जो सिर्फ 4 साल में हमारी आकाशंगा के केंद्र में मौजूद सुपरमैसिव ब्लैक होल के चारों ओर घूमता है। यह खोज हमारी आकाशगंगा के केंद्र में तेजी से घूमने वाले तारों के ऑर्बिट की उत्पत्ति और विकास पर नई रोशनी डालती है। स्‍टडी में शामिल मासारिक यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक माइकल जाजेसेक ने कहा कि S4716 तारे का कम समय में ब्‍लैक होल का चक्‍कर लगाना और उसका छोटा ऑर्बिट काफी उलझन पैदा करता है, क्‍योंकि ब्लैक होल के पास तारे इतनी आसानी से नहीं बन सकते। बहरहाल वैज्ञानिक इस खोज से काफी खुश नजर आ रहे हैं। 

एक न्‍यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, खोज को अंजाम तक पहुंचाने के लिए कुल 5 टेलिस्‍कोपों ने तारे को ऑब्‍जर्व किया। इनमें से चार टेलिस्‍कोप को मिलाकर एक बनाया गया, ताकि सटीक और विस्तृत ऑब्‍जर्वेशन किया जा सके। पेस्कर ने कहा किसी तारे के लिए एक स्थिर ऑर्बिट में होना एक विशाल ब्लैक होल के आसपास इतना तेज होना अप्रत्याशित था।

हमारी आकाशगंगा से जुड़ी कुछ और खबरों पर बात करें, तो हाल ही में एक अजब चीज का पता चला है। इसे MAXI J1816-195 नाम दिया गया है और यह X-ray लाइट छोड़ रही है। वैज्ञानिकों को पहली बार इसके बारे में 7 जून को पता चला था। इसे जापान की स्पेस एजेंसी के ऑल स्काई एक्स रे इमेज (MAXI) के माध्यम कैप्चर किया गया है। इस खोज पर प्रकाश खगोल भौतिक शास्त्री हितोशी निगेरो और उनकी टीम ने डाला जो जापान की निहोन यूनिवर्सिटी से हैं। उन्होंने एस्ट्रोनॉमर टेलीग्राम में एक नोटिस के रूप में पोस्ट किया कि एक नए एक्स-रे स्रोत का पता लगाया गया है। तमाम निष्‍कर्षों से सामने आया है कि यह एक तारा है। 
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. VinFast ने भारत में लॉन्च की VF 6, VF 7 इलेक्ट्रिक SUV, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
#ताज़ा ख़बरें
  1. 50MP कैमरा, 6000mAh बैटरी वाले Oppo फोन पर गजब डिस्काउंट, यहां से खरीदें सस्ता
  2. VinFast ने भारत में लॉन्च की VF 6, VF 7 इलेक्ट्रिक SUV, जानें प्राइस, स्पेसिफिकेशंस
  3. Realme P4 Pro 5G vs Nothing Phone 3a vs Poco X7 Pro 5G: 25 हजार में कौन सा है बेहतर
  4. Pixel मोबाइल पर कनेक्ट होंगे 1 साथ 2 हेडफोन
  5. 10 हजार रुपये में आने वाली टॉप 5 स्मार्टवॉच, 10 दिनों तक चलेगी बैटरी, जानें सबकुछ
  6. डेटिंग में भी घुसा AI, 50 प्रश्न पूछेगा और मिलाएगा आपके पार्टनर से! जानें इस ऐप के बारे में
  7. हाइवे पर फ्री AC रूम, Wi-Fi और शॉवर, बस भरवाना है फ्यूल; बुकिंग सीधा मोबाइल ऐप से
  8. Vivo T4 Pro vs Realme 15 5G vs Nothing Phone 3a: 30 हजार में कौन सा है बेस्ट
  9. Samsung की AI वाली वॉशिंग मशीन, कपड़ों को गीला किए बिना करेगी साफ, प्रेस करने का भी झंझट खत्म!
  10. ऑनलाइन डिजिटल स्कैम के शिकार तो नहीं हुए आप? ऐसे करें ऑनलाइन शिकायत
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.