वैज्ञानिकों का दावा- मंगल ग्रह पर था जीवन, आज भी हो सकते हैं ‘एलियंस बग’

वैज्ञानिकों का कहना है कि पृथ्‍वी पर तो जीवन ने इस ग्रह की जलवायु को स्थिर करने की कोशिश की है, लेकिन मंगल पर मीथेन पैदा करने वाले बैक्‍टीरिया ने ठीक उल्‍टा किया होगा। उन्‍होंने मंगल ग्रह को हिमयुग वाली स्थिति में ला दिया होगा।

विज्ञापन
गैजेट्स 360 स्टाफ, अपडेटेड: 15 अक्टूबर 2022 19:28 IST
ख़ास बातें
  • पृथ्‍वी से बाहर जीवन की बात होती है, तो मंगल ग्रह नजर में आता है
  • वैज्ञानिकों वर्षों से इस ग्रह को एक्‍स्‍प्‍लोर कर रहे हैं
  • फ्रांस के वैज्ञानिकों की एक टीम ने भी कुछ बातें सामने रखी हैं

वैज्ञानिकों ने कहा, अगर मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी होगा, तो उसमें विकसित होने वाले जीवों ने अपने विनाश के ‘बीज’ साथ रखे होंगे।

पृथ्‍वी से बाहर जीवन की बात आती है, तो वैज्ञानिकों की निगाहें मंगल ग्रह पर ठिठक जाती हैं। क्‍या मंगल ग्रह पर कभी जीवन मौजूद रहा होगा। वैज्ञानिकों की एक टीम का कहना है कि ऐसी ‘बहुत संभावना है' कि मंगल ग्रह की सतह के नीचे किसी प्रकार का जीवन मौजूद था। यह भी संभव है कि आज भी मंगल ग्रह के रोगाणु (microbes) अंडरग्राउंड रह सकते हैं। इन्‍हें ‘एलियंस बग' कहा जा सकता है। फ्रांस के एक इंस्टिट्यूट में जीवविज्ञानी बोरिस सॉटरे ने यह भी कहा है कि अगर मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी होगा, तो उसमें विकसित होने वाले जीवों ने अपने विनाश के ‘बीज' साथ रखे होंगे।   

यानी मंगल ग्रह पर जो जीवन पनपा, वह उस ग्रह पर पनपने वाले दूसरे जीवन की वजह से बर्बाद हो गया। डेली स्‍टार की रिपोर्ट के अनुसार, मंगल ग्रह के शुरुआती इतिहास में वहां पनपने वाले माइक्रोब, मीथेन-उत्पादक थे। वह उस ग्रह को डीप-फ्रीज कर सकते थे। फ्रांसीसी वैज्ञानिकों की टीम के मुताबिक, मंगल ग्रह के शुरुआती समय में उसके सबसर्फेस में जीवन की संभावना बहुत अधिक थी। जीवविज्ञानी बोरिस ने बताया कि उनकी टीम ने एक मॉडल तैयार किया गया था, जो बताता है कि मंगल ग्रह पर सूक्ष्‍म जीवों की आबादी का प्रभा‍व कैसा था। 

उनके मुताबिक, हमने मंगल ग्रह की रहने की क्षमता का मूल्यांकन किया। उन्‍होंने बताया कि हमें आश्‍चर्यजनक परिणाम मिले। उन्‍होंने कहा है कि पृथ्‍वी पर तो जीवन ने इस ग्रह की जलवायु को स्थिर करने की कोशिश की है, लेकिन मंगल पर मीथेन पैदा करने वाले बैक्‍टीरिया ने ठीक उल्‍टा किया होगा। उन्‍होंने मंगल ग्रह को हिमयुग वाली स्थिति में ला दिया होगा। 

उन्होंने कहा कि पृथ्वी की जलवायु पर जीवन का प्रभाव आकाशगंगा में यूनीक हो सकता है। और हो सकता है कि ज्‍यादातर  ग्रहों को वहां पनपने वाले जीवन ने ही रहने के लिए नामुमकिन बना दिया हो। उन्‍होंने बताया कि मीथेन पैदा करने वाले बैक्‍टीरिया की वजह से मंगल ग्रह की जलवायु माइनस 20 से 40 डिग्री तक ठंडा हो गई। बोरिस इसे अन्‍य ग्रहों पर भी लागू करते हैं, जबकि सिर्फ पृथ्‍वी इसका अपवाद हो सकती है। 
 

 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

द रेजिडेंट बोट । अगर आप मुझे ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Nokia 800 Tough: 6 साल बाद वापसी कर रहा है Nokia का चट्टान सी मजबूती वाला फीचर फोन!
#ताज़ा ख़बरें
  1. iQOO Neo 11 में हो सकती है 7,500mAh की बैटरी, जल्द हो सकता है लॉन्च
  2. Apple के अगले CEO बन सकते हैं John Ternus, कंपनी के चीफ Tim Cook की हो सकती है रिटायरमेंट!
  3. itel ने भारत में पेश किया A100C स्मार्टफोन, इसमें ब्लूटूथ से होगी कॉलिंग! जानें स्पेसिफिकेशन्स
  4. Ather की बड़ी कामयाबी, 5 लाख से ज्यादा इलेक्ट्रिक स्कूटर्स की मैन्युफैक्चरिंग   
  5. Elon Musk को पसंद नहीं है QR कोड, X पर छिड़ी कमेंट्स की जंग, एक यूजर ने दे डाला आइडिया
  6. Apple का स्लिम और धांसू MacBook Air (M2) Rs 23 हजार के बंपर डिस्काउंट पर! यहां से खरीदें
  7. 7,000mAh की बैटरी के साथ भारत में लॉन्च होगा Moto G06 Power, Flipkart के जरिए बिक्री
  8. क्यों ठप्प पड़े अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA की वेबसाइट्स और एजुकेशन प्रोग्राम? जानें वजह
  9. Oppo Reno 15 सीरीज जल्द हो सकती है लॉन्च, कंपनी कर रही नए स्मार्टफोन्स की टेस्टिंग!
  10. Aadhaar में मोबाइल नंबर कैसे करें अपडेट, ये है ऑनलाइन प्रोसेस
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.