चीन में मिली प्लास्टिक की चट्टानें! शोधकर्ता बोले- प्लास्टिक प्रदूषण का खतरनाक चेहरा!

चीन के हेची शहर में प्लास्टिक की परत चढ़ी ये चट्टानें पाई गई हैं।

विज्ञापन
Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 15 अप्रैल 2023 21:33 IST
ख़ास बातें
  • चीन में शोधकर्ताओं को एक अजीबो गरीब चट्टानी पत्थर मिले हैं।
  • ये प्लास्टिक की परत के साथ पाए गए हैं।
  • 2020 में वैज्ञानिकों को ब्राजील में भी ऐसी चट्टानें मिली थीं।

चीन के हेची शहर में प्लास्टिक की परत चढ़ी ये चट्टानें पाई गई हैं।

Photo Credit: Nature.com

चीन में शोधकर्ताओं को एक अजीबो गरीब चट्टानी पत्थर मिले हैं जो कि प्लास्टिक की परत के साथ पाए गए हैं। शोधकर्ता इसे प्लास्टिक प्रदूषण का नया प्रकार बता रहे हैं। यानि कि अब प्लास्टिक पल्यूशन ने चट्टानों में भी पैर पसार लिए हैं जो पर्यावरण के लिए बेहद खतरनाक बताया जा रहा है। हैरानी की बात ये है कि चट्टानों पर मिली ये प्लास्टिक की परत पत्थर से कैमिकली जुड़ी हुई है। आइए इस खोज के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

धरती पर प्लास्टिक को सबसे खतरनाक प्रदूषण माना जाता है क्योंकि प्लास्टिक कभी खाद में परिवर्तित नहीं हो पाता है और भूमि को बंजर करता चला जाता है। वैज्ञानिक कहने लगे हैं कि अब प्लास्टिक धरती के जलवायु तंत्र का जैसे हिस्सा हो गया है। ये नई खोज इस बात को और भी पक्का करती है, जिसमें चट्टानों पर अब प्लास्टिक की परत चढ़ी हुई पाई गई है। Nature की रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में वैज्ञानिकों ब्राजील में ऐसी चट्टानें मिली थीं जिनके भीतर प्लास्टिक की परतें मिली थीं। इन्हें एंथ्रोपोक्यूनास कहा गया था।  

अब चीन के हेची शहर में प्लास्टिक की परत चढ़ी ये चट्टानें पाई गई हैं। बीजिंग की सिंघुआ यूनिवर्सिटी में मिट्टी और भूजल विज्ञानी डेयी होउ का कहना है कि 21वीं सदी का इन्सान नए जियोलॉजिकल रिकॉर्ड बना रहा है। होउ और उनके साथियों को वहां प्लास्टिक शीट चढ़ी चट्टानें मिली हैं। रिपोर्ट को Environmental Science and Technology में प्रकाशित किया गया है। हैरान कर देने वाली बात ये बताई गई है कि प्लास्टिक और चट्टानों के बीच में एक कैमिकल बॉन्ड मौजूद है। 

वैज्ञानिकों ने जब इस गुत्थी को सुलझाने की कोशिश की तो पाया कि प्लास्टिक की पॉलीइथाइलीन परतों के निचले हिस्से पर कार्बन अणु मौजूद थे जो चट्टानों के अंदर मौजूद सिलिकॉन से ऑक्सीजन अणुओं की मदद से जुड़े हुए थे। होउ का कहना है कि यह बॉन्ड सूरज की अल्ट्रावाइलेट किरणों के कारण बना है। या फिर ऐसा भी हो सकता है कि यह चट्टानों पर मौजूद छोटे जीवाणुओं की किसी गतिविधि के कारण बना हो। बाद में कहा गया कि यह प्लास्टिक इन चट्टानों से किसी भौतिक बल के माध्यम से जुड़ा हो सकता है, बजाए कि किसी केमिकल प्रक्रिया के माध्यम से। 

चट्टानों पर इस तरह प्लास्टिक की परतें जमी मिलना वाकई में चिंताजनक बताया गया है। ऐसा होने से समुद्री जीवों के जीवन के लिए भारी संकट खड़ा हो सकता है।  
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Vivo T4R 5G vs Samsung Galaxy F36 5G vs Moto G96 5G: जानें 20 हजार में कौन सा फोन है बेस्ट
  2. AI से 80% नौकरियों को खतरा, BPO और IT सेक्टर पर पड़ेगा सबसे बड़ा असर, जानें इस एक्सपर्ट ने क्या कहा
#ताज़ा ख़बरें
  1. Vivo T4R 5G vs Samsung Galaxy F36 5G vs Moto G96 5G: जानें 20 हजार में कौन सा फोन है बेस्ट
  2. लैपटॉप की बैटरी लंबे समय तक चलाने के लिए ये टिप्स करें फॉलो
  3. घर बैठे कैसे निकालें PF का पैसा, मिनटों में होगा काम, जानें प्रक्रिया
  4. AI से 80% नौकरियों को खतरा, BPO और IT सेक्टर पर पड़ेगा सबसे बड़ा असर, जानें इस एक्सपर्ट ने क्या कहा
  5. ये हैं 7000mAh+ बैटरी वाले धांसू स्मार्टफोन, बार-बार चार्ज करने के झंझट से मिल जाएगा छुटकारा
  6. Realme 15 Pro का Game of Thrones एडिशन जल्द हो सकता है लॉन्च
  7. टैबलेट की बढ़ी डिमांड, Apple का पहला स्थान बरकरार
  8. Infinix Hot 60i 5G जल्द होगा भारत में लॉन्च, 6,000mAh की बैटरी
  9. दिल्ली मेट्रो टिकट घर बैठे कैसे करें बुक, Uber के जरिए ऑनलाइन होगी बुकिंग
  10. iQOO Z10R 5G vs Moto G96 5G vs Samsung Galaxy F36 5G: खरीदने से पहले देखें कौन रहेगा बेहतर
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.