ट्रेंडिंग न्यूज़

मंगल ग्रह पर बादल ढूंढने हैं, Nasa के इस प्रोजेक्‍ट में आप भी हो सकते हैं शामिल

‘क्लाउडस्पॉटिंग ऑन मार्स’ नाम के इस प्रोजेक्‍ट में लोगों को मंगल ग्रह पर बादलों की पहचान करने का मौका मिलता है। 

विज्ञापन
प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 30 जून 2022 14:05 IST
ख़ास बातें
  • ‘क्लाउडस्पॉटिंग ऑन मार्स’ नाम का है प्रोजेक्‍ट
  • ग्रह पर बादलों की पहचान करनी है नासा को
  • विज्ञान में दिलचस्‍पी है, तो प्रोजेक्‍ट में शामिल हो सकते हैं

मंगल ग्रह पर बादलों की पहचान करने और उन्‍हें टटोलने के लिए नासा के पास 16 साल का डेटा है।

मंगल ग्रह पर जीवन की संभावना को तलाशने के लिए दुनियाभर की स्‍पेस एजेंसियां वहां अपने मिशन चला रही हैं। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) और चीन की स्‍पेस एजेंसी इसमें सबसे आगे हैं। नासा के वैज्ञानिक मंगल ग्रह के वायुमंडल से जुड़ा एक रहस्‍य सुलझाने में जुटे हैं। खास बात यह है कि इसमें आप भी उनकी मदद कर सकते हैं। इसके लिए नासा ने अपने सिट‍ीजन साइंस प्‍लेटफॉर्म जूनिवर्स (Zooniverse) पर एक प्रोजेक्‍ट ऑर्गनाइज किया है। ‘क्लाउडस्पॉटिंग ऑन मार्स' नाम के इस प्रोजेक्‍ट में लोगों को मंगल ग्रह पर बादलों की पहचान करने का मौका मिलता है। 

नासा का मानना है कि लोगों ने लिए उन्‍हें आंखों से पहचानना आसान है। माना जाता है कि अरबों साल पहले मंगल ग्रह पर झीलें और नदियां हुआ करती थीं। माना जाता है कि उस समय मंगल ग्रह का वातावरण मोटा था। वैज्ञानिक समझना चाहते हैं कि वक्‍त के साथ ग्रह ने अपना वातावरण कैसे गंवा दिया। अगर आप नासा के वैज्ञानिकों की इस प्रोजेक्‍ट में मदद करना चाहते हैं या खगोलविज्ञान में दिलचस्‍पी रख सकते हैं, तो इस लिंक पर क्लिक करके प्रोजेक्‍ट को जॉइन कर सकते हैं।  

नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी में पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर मारेक स्लिप्स्की ने कहा कि हम यह सीखना चाहते हैं कि बादलों के गठन को क्या ट्रिगर करता है। प्रोजेक्‍ट की सफलता से रिसर्चर्स को यह समझने में मदद मिल सकती है कि मंगल ग्रह का वातावरण पृथ्‍वी की तुलना में सिर्फ 1 फीसदी घना क्‍यों है। जबकि सबूतों से पता चलता है कि मंगल ग्रह का वातावरण ज्‍यादा मोटा हुआ करता था। 

मंगल ग्रह पर बादलों की पहचान करने और उन्‍हें टटोलने के लिए नासा के पास 16 साल का डेटा है। इस डेटा को मार्स रीकानिसन्स ऑर्बिटर (Mars Reconnaissance Orbiter) (MRO) ने जुटाया है। यह साल 2006 से मंगल ग्रह पर स्‍टडी कर रहा है। इस ऑर्बिटर के इंस्‍ट्रूमेंट ने मंगल की कई तस्‍वीरें ली हैं। इनमें बादल आर्च की तरह दिखाई देते हैं। नासा की टीम इन आर्च को चिह्नित करने के लिए पब्लिक की मदद ले रही है। 

हाल ही में एक स्‍टडी में पता चला है कि मंगल ग्रह का एक क्षेत्र ‘बार-बार रहने योग्य' रहा होगा। वैज्ञानिकों ने यह निष्‍कर्ष मार्गारीटिफर टेरा रीजन (Margaritifer Terra region) के अंदर मिट्टी के असर वाले तलछट (Sediments) की खोज करके निकाला है। इस क्षेत्र में कुछ सबसे व्यापक रूप से संरक्षित भू-आकृतियां हैं। यह इसकी सतह पर बहते पानी द्वारा बनाई गई थीं।
 
 

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

Advertisement
Popular Brands
#ट्रेंडिंग टेक न्यूज़
  1. Google I/O 2025 Live Streaming: कल इस समय घर बैठे लाइव देखें Google का सबसे बड़ा टेक इवेंट!
  2. Infinix XPad GT टैबलेट 10000mAh बैटरी, 13MP कैमरा के साथ होगा पेश, स्पेसिफिकेशंस हुए लीक
#ताज़ा ख़बरें
  1. Google I/O 2025 Live Streaming: कल इस समय घर बैठे लाइव देखें Google का सबसे बड़ा टेक इवेंट!
  2. UPI से पेमेंट करने पर मिलेगा कैशबैक!
  3. Infinix XPad GT टैबलेट 10000mAh बैटरी, 13MP कैमरा के साथ होगा पेश, स्पेसिफिकेशंस हुए लीक
  4. BGMI Pro Series 2025 का एलान, Rs 2 करोड़ जीतने का मौका; ऐसे करें रजिस्ट्रेशन
  5. Vivo S30, S30 Pro Mini देंगे 16GB रैम के साथ दस्तक, डिजाइन और कलर्स आए सामने
  6. Xiaomi का नया माइक्रोवेव 700W हीटिंग पावर से मिनटों में पका सकता है खाना, इस कीमत में हुआ लॉन्च
  7. 6,800mAh बैटरी के साथ पेश होगा iQOO Neo 10 Pro+, करेगा 120W फास्ट चार्जिंग का सपोर्ट!
  8. 50MP कैमरा, 5000mAh बैटरी वाले Samsung Galaxy M06 5G की गिरी कीमत, मात्र 7,999 रुपये में खरीदें
  9. Acer Iconia Tab V12, Iconia Tab V11 टैबलेट लॉन्च, 8000mAh बैटरी के साथ 8GB RAM से लैस
  10. Latest Smartphones Under Rs 15000: 15 हजार के अंदर खरीदें ये 10 लेटेस्ट स्मार्टफोन
Download Our Apps
Available in Hindi
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2025. All rights reserved.