NASA ने गुरूवार को कहा कि वह वैज्ञानिकों की एक ऐसी टीम बनाने जा रही है जो आकाश में होने वाली अजब या अनजानी घटनाओं की जांच करेगी, जिन्हें UFO कहा जाता है। अमेरिकी सरकार इस मुद्दे को अब गंभीरता से लेने लगी है।
अमेरिकी स्पेस एजेंसी का कहना है कि टीम का फोकस उपलब्ध डेटा की पहचान करने पर रहेगा। ताकि भविष्य के डेटा को इकट्ठा किया जा सके और इन घटनाओं को जांचने के लिए उस जानकारी का इस्तेमाल किया जा सके। नासा ने इसके लिए प्रिंसटॉन यूनिवर्सिटी के पूर्व प्रमुख डेविड स्पेरगेल को अप्रोच किया है, जो टीम का नेतृत्व करेंगे। इसके अलावा इस टीम में डेनिअल इवांस भी होंगे जो नासा के साइंस मिशन डायरेक्ट्रेट के सीनियर रिसर्चर हैं।
नासा का कहना है कि वो इस मिशन में हजारों लाखों डॉलर खर्च करने वाली है जो कम से कम $ 100,000 (लगभग 7,782,500 रुपये) होगा।
घोषणा अमेरिकी सरकार द्वारा एक रिपोर्ट जारी करने के एक साल बाद आई है, जिसे नौसेना के नेतृत्व वाली टास्क फोर्स के साथ मिलकर नेशनल इंटेलिजेंस के डायरेक्टर के ऑफिस द्वारा संकलित किया गया है। इसमें ज्यादातर अज्ञात हवाई घटनाओं की नौसेना कर्मियों द्वारा टिप्पणियां दी गई हैं।
नासा के साइंस यूनिट के चीफ थॉमस जुरबुचेन ने रिपोर्टरों को एक कॉन्फ्रेंस में बताया, "हम धरती को अब एक नए नजरिए से देख रहे हैं, और हम इसका दूसरा पहलू भी देख रहे हैं। हम यहां जो करने जा रहे हैं, वह केवल एक खोज का शुरू करना है जिसके बारे में हमने अपने दिमाग में कोई नतीजा नहीं सोचा है।"
अमेरिकी अधिकारियों ने UFOs को राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा बताया है। नासा ने एक न्यूज रिलीज में कहा कि वातावरण में हो रही अनजानी घटनाएं एयर सेफ्टी और नेशनल सिक्योरिटी, दोनों ही दृष्टि से विचारणीय मुद्दा है। इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से लेना और उनकी पहचान करना एयर सेफ्टी की दिशा में महत्वपूर्ण प्रयास है। यह नासा के एयर सेफ्टी लक्ष्य का हिस्सा भी है।