DART मिशन : आज अंतरिक्ष में होगी बहुत बड़ी टक्‍कर, एस्‍टरॉयड से टकराएगा DART स्‍पेसक्राफ्ट, जानें पूरा मामला

DART मिशन : ‘डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट’ (DART) नाम के स्‍पेसक्राफ्ट को पिछले नवंबर में लॉन्च किया गया था।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, अपडेटेड: 26 सितंबर 2022 13:45 IST
ख़ास बातें
  • आज DART स्‍पेसक्राफ्ट जानबूझकर डिमोर्फोस में दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा
  • इसे साल 2003 में खोजा गया था
  • यह एस्‍टरॉयड डिडिमोस का एक चंद्रमा है

DART मिशन : बताया जा रहा है कि इस टकराव से डिमोर्फोस की कक्षा में थोड़ा बदलाव आएगा।

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) का एक अंतरिक्ष यान आज यानी 26 सितंबर को एक छोटे से एस्‍टरॉयड से जानबूझकर टकराने वाला है। इस टक्‍कर से अमेरिकी स्‍पेस एजेंसी यह परीक्षण करना चाहती है कि भविष्‍य में पृथ्‍वी के लिए संभावित रूप से खतरनाक एस्‍टरॉयड्स को रास्‍ते से हटाने के लिए इस तकनीक का इस्‍तेमाल कैसे किया जा सकता है। ‘डबल एस्‍टरॉयड रीडायरेक्‍शन टेस्‍ट' (DART) नाम के स्‍पेसक्राफ्ट को पिछले नवंबर में लॉन्च किया गया था।

DART स्‍पेसक्राफ्ट जानबूझकर डिमोर्फोस में दुर्घटनाग्रस्त हो जाएगा। डिमोर्फोस एक छोटा एस्‍टरॉयड उपग्रह है, जिसे साल 2003 में खोजा गया था। यह एस्‍टरॉयड डिडिमोस का एक चंद्रमा है। डिमोर्फोस से पृथ्‍वी को कोई खतरा नहीं है, लेकिन इस पर गतिज प्रभाव तकनीक (kinetic impact technique) का परीक्षण दुनिया में पहली बार किया जा रहा है। इसके तहत स्‍पेसक्राफ्ट को एस्‍टरॉयड से टकराकर एस्‍टरॉयड को विक्षेपित किया जाएगा, ताकि भविष्‍य में ऐसे टेस्‍ट से पृथ्‍वी को सुरक्षित किया जा सके। 

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस टकराव से डिमोर्फोस की कक्षा में थोड़ा बदलाव आएगा। इससे वैज्ञानिकों को यह मापने की अनुमति मिल जाएगी कि इस तरह की टक्कर या ‘गतिज प्रभाव' भविष्य के किसी भी एस्‍टरॉयड के प्रक्षेपवक्र (trajectory) को बदलने के लिए कितना प्रभावी हो सकता है। 

इससे पहले रविवार को प्रोजेक्‍ट से अ‍धिकारियों ने बताया कि अंतरिक्ष यान अच्छी तरह से काम कर रहा था। यह एस्‍टरॉयड के पास पहुंच गया था। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी एप्लाइड फिजिक्स लैब में DART के प्रोजेक्ट मैनेजर एडवर्ड रेनॉल्ड्स ने कहा कि टीम तैयार है, ग्राउंड सिस्टम तैयार हैं और अंतरिक्ष यान ठीक है। यह सोमवार के अपने मिशन के लिए ट्रैक पर है।

नासा काफी मेहनत के बाद इस मुकाम तक पहुंची है। शुरुआत में वैज्ञानिक इस बात को लेकर अनिश्‍चित थे कि क्‍या वह इस मिशन में डिमोर्फोस को कभी ढूंढ भी पाएंगे। लेकिन DART स्‍पेसक्राफ्ट में लगाए गए कैमरे और नेविगेशन तकनीक से इस एस्‍टरॉयड को खोज लिया गया। एस्‍टरॉयड को खोजने के लिए जुलाई में स्‍पेसक्राफ्ट ने डिडिमोस रीकानिसन्स और एस्‍टरॉयड कैमरा फॉर ऑप्टिकल नेविगेशन (DRACO) का इस्तेमाल किया। इसने 243 इमेज खींचकर एस्‍टरॉयड की लोकेशन का पता लगाने में मदद की। उस समय स्‍पेसक्राफ्ट, डिडिमोस सिस्‍टम से 20 मिलियन मील दूर था। यह टेस्‍ट सफल होता है, तो भविष्‍य के लिए वैज्ञानिकों को एक नई तकनीक मिल जाएगी। वह पृथ्‍वी के लिए खतरा बनने वाली किसी भी एस्‍टरॉयड को हमारे ग्रह से दूर कर सकेंगे।  
 

 

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प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ ...और भी

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