मंगल पर कहां से आए रंगीन बादल! नासा की यह फोटो कर रही हैरान

क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के आकाश में रंगीन बादलों की अद्भुत तस्वीरें भेजी हैं जिनमें लाल और हरे रंग की छटा देखी जा सकती है।

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Written by हेमन्त कुमार, अपडेटेड: 26 फरवरी 2025 15:54 IST
ख़ास बातें
  • यह घटना 17 जनवरी 2025 को रिकॉर्ड की गई थी
  • वीडियो में मंगल पर रंगीन बादलों को मंडराते देखा जा सकता है।
  • मंगल ग्रह के बादलों में सूखी बर्फ या जमी हुई कार्बन डाइऑक्साइड होती है।

नासा पिछले कई सालों से लाल ग्रह की सतह को अपने रोवर्स के जरिए टटोल रही है।

मंगल एक ऐसा ग्रह है जिस पर दुनिया के सबसे ज्यादा खोजी अभियान चलाए जा रहे हैं। नासा पिछले कई सालों से इस लाल ग्रह की सतह को अपने रोवर्स के जरिए टटोल रही है। मंगल की धरती कैसी है, वहां का तापमान कैसा है, मंगल का वातावरण कैसा है, यह सब जानना प्रत्येक खगोल प्रेमी को उत्साहित जरूर करता होगा। ऐसे ही उत्साहियों के लिए नासा के रोवर ने अद्भुत नजारा मंगल से अपने कैमरा में कैद करके भेजा है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल पर लाल-हरे रंग के बादलों को कैमरे में कैद किया है! तो क्या मंगल पर भी बादल मंडरा रहे हैं? क्या है इस तस्वीर का राज? आइए आपको विस्तार से बताते हैं। 

नासा ने एक बार फिर अंतरिक्ष प्रेमियों को चौंका दिया है। नासा के क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल ग्रह के आकाश में रंगीन बादलों की अद्भुत तस्वीरें भेजी हैं जिनमें लाल और हरे रंग की छटा देखी जा सकती है। ये बादल मंगल के वातावरण और जलवायु को समझने में मदद कर सकते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार ये इंद्रधनुषी बादल कार्बन डाइऑक्साइड की बर्फ से बने होते हैं और सूर्य की रोशनी के बिखरने के कारण चमकते हैं।

क्यूरियोसिटी रोवर ने मंगल की सतह पर विचरण करते हुए Mastcam की मदद से एक 16 मिनट का वीडियो रिकॉर्ड किया था। यह घटना 17 जनवरी 2025 को रिकॉर्ड की गई थी जिसमें मंगल पर इन रंगीन बादलों को मंडराते देखा जा सकता है। मंगल पर हालांकि, वायुमंडल की संरचना अलग है, लेकिन मंगल ग्रह का भी अपना मौसमी पैटर्न है, बिल्कुल पृथ्वी की तरह। NASA का कहना है कि हमारे ग्रह के समान दिखने के बावजूद मंगल ग्रह के बादलों में सूखी बर्फ या जमी हुई कार्बन डाइऑक्साइड होती है।

कई बार ये बादल कई रंगों को धारण कर लेते हैं, जिन्हें इंद्रधनुषी या "मोती जैसे" बादल कहा जाता है। ये दिन के समय दिखाई नहीं देते हैं, और केवल शाम को ही दिखाई देते हैं। ये तभी देखे जा सकते हैं जब ये काफी ऊंचाई पर होते हैं। मंगल ग्रह के वायुमंडल में 95% से ज़्यादा कार्बन डाइऑक्साइड बताई गई है। नासा के अनुसार, ये बादल सतह से लगभग 50 किलोमीटर की ऊँचाई पर बन सकते हैं और बढ़ते तापमान के कारण वाष्पित भी हो सकते हैं।
 
 

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ये भी पढ़े: , NASA Curiosity Rover Mars, Colourful Clouds On Mars

हेमन्त कुमार Gadgets 360 में सीनियर ...और भी

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