वर्तमान में लोगों की उम्र पुराने समय की तुलना में अब ज्यादा होने लगी है। अब लोग ज्यादा लंबा जीवन जीते हैं। आमतौर पर माना जाता है कि महिलाएँ पुरुषों की तुलना में ज्यादा साल जीती हैं। लेकिन एक नई स्टडी कहती है कि यह फासला अब कम होता जा रहा है। यानी कि अब पुरुष भी ज्यादा लंबा जीवन जीने लगे हैं। आइए जानते हैं कौन से कारक इस बदलाव के पीछे बताए गए हैं।
New Scientist की रिपोर्ट के अनुसार पिछली शताब्दी से लोग अब ज्यादा लंबा जीवन जी रहे हैं। कहा गया है कि यह ट्रेंड और ज्यादा बढ़ेगा जिसमें देश की समृद्धि भी अहम भूमिका निभाएगी। यानी कि जो देश जितना अमीर होगा, नागरिकों का जीवन लंबा होगा। आमतौर पर महिलाएँ पुरुषों से ज्यादा साल जीती हैं। इसे समझने के लिए शोधकर्ताओं ने 1990 से लेकर 2010 तक का डेटा इकट्ठा किया और उसको स्टडी किया। इसमें 194 देशों को शामिल किया गया। जीवन की लंबाई के ट्रेंड को देखते हुए शोधकर्ताओं ने इन देशों को पांच अलग ग्रुप में बांटा।
रिपोर्ट में सामने आया कि जिन देशों में सबसे ज्यादा लाइफ एक्पेक्टेंसी है, वे देश सबसे ज्यादा कमाई वाले हैं। जिसमें ऑस्ट्रेलिया, जापान,
अमेरिका, यूके और वेस्टर्न यूरोप का कुछ हिस्सा शामिल है। जिन देशों में सबसे कम लाइफ एक्सपेक्टेंसी पाई गई उनमें रवांडा और यूगांडा शामिल रहे। वहीं, जब इन देशों में पुरुष और महिलाओं के जीवन के अंतर को देखा गया तो सबसे ज्यादा अंतर रवांडा और यूगांडा में देखने को मिला। इन देशों में एवरेज लाइफ एक्सपेक्टेंसी 1990 में सिर्फ 30.85 साल थी जो 2010 में बढ़कर 45.22 साल हो गई। यहां 14.37 साल का अंतर देखने को मिला।
वहीं, अगर महिलाओं की लाइफ एक्सपेक्टेंसी को देखें तो इसमें केवल 0.94 साल का अंतर आया। यह 50.37 साल से बढ़कर 51.31 साल हो गई। कुल मिलाकर स्टडी कहती है कि किसी देश में कितनी अमीरी है, इसके ऊपर वहां के लोगों की आयु काफी हद तक निर्भर करती है।