• होम
  • विज्ञान
  • ख़बरें
  • ‘स्‍ट्रॉबेरी मून’ के बाद आ रहा ‘थंडर मून’, 13 जुलाई को दुनियाभर में दिखेगा चंद्रमा का खास नजारा

‘स्‍ट्रॉबेरी मून’ के बाद आ रहा ‘थंडर मून’, 13 जुलाई को दुनियाभर में दिखेगा चंद्रमा का खास नजारा

इस दौरान पृथ्‍वी और चंद्रमा के बीच की दूरी करीब 26 हजार किलोमीटर कम हो जाएगी।

‘स्‍ट्रॉबेरी मून’ के बाद आ रहा ‘थंडर मून’, 13 जुलाई को दुनियाभर में दिखेगा चंद्रमा का खास नजारा

गौरतलब है कि जून महीने में दुनिया ने स्‍ट्रॉबेरी मून का दीदार किया था। भारत समेत दुनियाभर में इसे देखा गया था।

ख़ास बातें
  • यह सामान्‍य से 10 गुना ज्‍यादा बड़ा दिखाई देता है
  • इसका मतलब है कि वह ज्‍यादा चमकदार दिखाई देगा
  • जून महीने में दुनिया ने स्‍ट्रॉबेरी मून का दीदार किया था
विज्ञापन
इस महीने के मध्‍य में पूरी दुनिया ने चंद्रमा को बेहद खास अंदाज में देखा था। उसे स्‍ट्रॉबेरी मून (Strawberry Moon) कहा गया था। अब अगले महीने यानी जुलाई में दुनिया ‘बक मून' या ‘थंडर मून' की गवाह बनेगी। इसकी शुरुआत 13 जुलाई को होगी। चंद्रमा उस दिन भी पृथ्वी की कक्षा में अपने निकटतम बिंदु पेरिगी पर पहुंच जाएगा। इसकी वजह से वह आम पूर्णिमा के मुकाबले सामान्य से थोड़ा बड़ा दिखाई देगा। नासा के अनुसार, यह लगातार दिखाई देने वाले चार सुपरमून में से तीसरा होगा। 

स्‍पेसडॉटकॉम की रिपोर्ट के अनुसार, जब चंद्रमा पृथ्‍वी की अपनी कक्षा में निकटतम बिंदु पर होता है, तब वह सामान्‍य से 10 गुना ज्‍यादा बड़ा दिखाई देता है। इसका मतलब यह भी है कि वह 10 गुना अधिक रोशन दिखाई देगा। इस दौरान पृथ्‍वी और चंद्रमा के बीच की दूरी करीब 26 हजार किलोमीटर कम हो जाएगी। 

गौरतलब है कि जून महीने में दुनिया ने स्‍ट्रॉबेरी मून का दीदार किया था। भारत समेत दुनियाभर में इसे देखा गया था। स्‍ट्रॉबेरी मून की तस्‍वीरों ने सोशल मीडिया पर भी सुर्खियां बटोरी थीं। यह नाम अमेरिका की जनजातियों द्वारा दिया गया है। इस नाम का इस्तेमाल अल्गोंक्विन, ओजिब्वे, डकोटा और लकोटा लोगों द्वारा किया जाता है। कोई भी सुपरमून हो, लेकिन भारत में उसे सामान्‍यतौर पर पूर्णिमा ही कहा जाता है। 
खगोलविज्ञान में दिलचस्‍पी रखने वाले लोगों के लिए यह सुनहरा मौका होता है। लोग इस दौरान एक अच्छे टेलीस्कोप का इस्‍तेमाल करके चंद्रमा की सतह पर क्रेटर और पहाड़ों को देख सकते हैं।

वैज्ञानिकों के अनुसार, पूर्णिमा की रात में चंद्रमा के साथ-साथ चार और आंखों को बिना दूरबीन की मदद से देखा जा सकेगा। लोग शनि, बृहस्पति, शुक्र और मंगल ग्रह को देख पाएंगे। स्‍ट्रॉबेरी मून की तरह ही जुलाई की पूर्णिमा को बक मून और थंडर मून कहने की भी वजहें हैं। बक मून भी अमेरिकियों द्वारा दिया गया नाम है, क्योंकि इस दौरान हिरनों एक हिरनों के सींग डेवलप हो रहे होते हैं। इसे थंडर मून कहा जाता है क्‍योंकि इस महीने में अक्सर गरज के साथ बारिश होती है।

वहीं चीन में पूर्णिमा को लोटस मंथ कहा जाता है, क्‍योंकि वह इस नाम के फूल खिलने शुरू हो जाते हैं। भारत में इसे गुरु पूर्णिमा के तौर पर मानाया जाएगा। इस दिन महर्षि वेद व्यास की जयंती मनाई जाती है।
 
Comments

लेटेस्ट टेक न्यूज़, स्मार्टफोन रिव्यू और लोकप्रिय मोबाइल पर मिलने वाले एक्सक्लूसिव ऑफर के लिए गैजेट्स 360 एंड्रॉयड ऐप डाउनलोड करें और हमें गूगल समाचार पर फॉलो करें।

प्रेम त्रिपाठी

प्रेम त्रिपाठी Gadgets 360 में चीफ सब एडिटर हैं। 10 साल प्रिंट मीडिया ...और भी

Share on Facebook Gadgets360 Twitter ShareTweet Share Snapchat Reddit आपकी राय google-newsGoogle News

विज्ञापन

Follow Us

विज्ञापन

#ताज़ा ख़बरें
  1. Sony ने की 20 अरब इमेज सेंसर्स की बिक्री, स्मार्टफोन कैमरा ने बढ़ाई डिमांड
  2. रोबोट समझेंगे आपके जज्बात! इस नई तकनीक से वैज्ञानिक कर रहे दावा
  3. 64MP कैमरा, 6050mAh बैटरी जैसे तगड़े फीचर्स वाला रग्ड फोन Ulefone Armor X31 Pro लॉन्च, जानें कीमत
  4. 16GB रैम, 6400mAh बैटरी वाले OnePlus Ace 5, Ace 5 Pro फोन के फुल स्पेसिफिकेशन लॉन्च से पहले लीक!
  5. BSNL लॉन्च करेगी eSIM, अगले वर्ष जून तक पूरे देश में होगा 4G नेटवर्क
  6. 'HR करेंगे बात ...' Ola सीईओ भाविश अग्रवाल का यह ईमेल सोशल मीडिया पर हो रहा वायरल, जानें वजह
  7. Realme 14x 5G vs Poco M7 Pro 5G: Rs 15 हजार में कौन सा है दमदार स्मार्टफोन? जानें
  8. WhatsApp New Year Stickers: नए साल 2025 के लिए Whatsapp में आए खास फीचर्स, ऐसे करें इस्तेमाल
  9. Maruti Suzuki की 500 Km रेंज वाली e Vitara इलेक्ट्रिक SUV का भारत में लॉन्च कंफर्म! जानें क्या होगा खास?
  10. गलती से iPhone मंदिर की दानपेटी में गिरा, वापस मांगा तो प्रशासन बोला- 'नहीं मिलेगा, अब यह भगवान का ...'
© Copyright Red Pixels Ventures Limited 2024. All rights reserved.
ट्रेंडिंग प्रॉडक्ट्स »
लेटेस्ट टेक ख़बरें »