रूस ने जो कहा वह सच नहीं, स्‍पेस स्‍टेशन पर आई ‘आफत’ की वजह कुछ और! जानें पूरा मामला

रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्‍कोस्‍मोस (Roscosmos) के सर्गेई क्रिकेलेव ने कहा था कि सोयुज एमएस-22 कैप्सूल के रेडिएटर पर उल्कापिंड के गिरने से कूलेंट लीक हुआ हो सकता है।

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Written by प्रेम त्रिपाठी, Edited by आकाश आनंद, अपडेटेड: 23 दिसंबर 2022 15:05 IST
ख़ास बातें
  • ISS पर पहुंचे सोयुज स्‍पेसक्राफ्ट में हुआ है कूलेंट लीक
  • इसकी वजह छोटे उल्‍कापिंडों की टक्‍कर बताई जा रही थी
  • हालांकि अब ऐसे कयासों को खारिज कर दिया गया है

नासा ने कहा, यह कन्‍फर्म है कि कूलेंट लीक की वजह उल्का वर्षा नहीं है। उसकी दिशा अलग थी।

इंटरनेशनल स्‍पेस स्‍टेशन (ISS) बीते कुछ दिनों से सुर्खियों में है। इस सप्‍ताह की शुरुआत में अंतरिक्ष स्‍टेशन में एक बड़ी घटना हो गई थी। आईएसएस के साथ अटैच्‍ड सोयुज स्‍पेसक्राफ्ट (Soyuz Spacecraft) में कूलेंट लीक होने से हड़कंप मच गया था। इसकी वजह से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (Nasa) को उसकी प्रस्‍तावित स्‍पेसवॉक को भी रोकना पड़ा था। कूलेंट लीक होने की वजह पर रूसी अंतरिक्ष एजेंसी ने अंदेशा जताया था कि छोटे उल्‍कापिंडों की टक्‍कर के कारण यह हुआ हो सकता है। हालांकि ऐसा होता हुआ नहीं लग रहा। 

रिपोर्टों के अनुसार, MS-22 नाम के सोयुज स्‍पेसक्राफ्ट में 14 दिसंबर को कूलेंट लीक होने की घटना हुई थी। उसी दिन सालाना होने वाली जेमिनीड उल्का बौछार (Geminid meteor) अपने चरम पर थी। कूलेंट लीक होने की जानकारी सबसे पहले 19 दिसंबर को सामने आई थी। इसके बाद रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्‍कोस्‍मोस (Roscosmos)  के सर्गेई क्रिकेलेव ने कहा था कि सोयुज एमएस-22 कैप्सूल के रेडिएटर पर उल्कापिंड के गिरने से कूलेंट लीक हुआ हो सकता है। हालांकि अब नासा और रूसी अंतरिक्ष अधिकारियों ने कहा है कि इसके बीच कोई कैजुअल कनेक्‍शन नहीं है। 

नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन प्रोग्राम मैनेजर जोएल मोंटालबानो ने गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हमने उस उल्का वर्षा को नोटिस किया। यह कन्‍फर्म है कि कूलेंट लीक की वजह उल्का वर्षा नहीं है। उसकी दिशा अलग थी। कूलेंट लीक क्‍यों हुआ, इस मामले की जांच नासा और रोस्‍कोस्‍मोस मिलकर कर रहे हैं। 

जिस सोयुज स्‍पेसक्राफ्ट में कूलेंट लीक हुआ, उसमें सवार होकर सितंबर में फ्रैंक रुबियो और दो अन्‍य अंतरिक्ष यात्री स्‍पेस स्‍टेशन में पहुंचे थे। हाल में पता चला है कि सोयुज स्‍पेसक्राफ्ट में एक छेद है। यह छेद मैन्‍युफैक्‍चरिंग डिफेक्‍ट की वजह से तो नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है। बहरहाल, सितंबर में स्‍पेस स्‍टेशन में पहुंचे तीनों अंतरिक्ष यात्री अगले साल मार्च में पृथ्‍वी पर लौटेंगे। स्‍पेस स्‍टेशन के साथ अटैच्‍ड सोयुज स्‍पेसक्राफ्ट उड़ान के लायक नहीं पाया गया, ताे रूसी स्‍पेस एजेंसी एक नया सोयुज स्‍पेसक्राफ्ट अंतरिक्ष में लॉन्‍च कर सकती है। 

छोटे उल्‍कापिंड, अंतरिक्ष यानों और उन तमाम मिशनों के लिए खतरा हैं, जो अंतरिक्ष में घूम रहे हैं। स्‍पेस में तैनात सबसे बड़ी दूरबीन, जेम्‍स वेब टेलीस्‍कोप (James Webb Telescope) को भी उल्‍कापिंड की टक्‍कर से नुकसान हो चुका है, हालांकि उसका कोई बड़ा असर टेलीस्‍कोप की क्षमता पर नहीं हुआ है।
 

 

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